Jatin Anand

बीजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारियों में जुट गई है। भाजपा ने पार्टी के उन वरिष्ठ नेताओं को (जो अब राज्यसभा में अपने तीसरे कार्यकाल में हैं) बता दिया है कि उन्हें संसद में अपनी जगह पाने के लिए लोकसभा चुनाव लड़ना होगा। इनमें वे नेता भी शामिल हैं जो वर्तमान में कैबिनेट मंत्री का पद संभाल रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक सीट का चुनाव सांसदों पर छोड़ दिया गया है।

पार्टी के एक सूत्र ने इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए कहा, “यह निर्णय बुधवार को पार्टी के राष्ट्रीय नेतृत्व की अध्यक्षता में एक संगठनात्मक बैठक में लिया गया। एक या दो अपवादों को छोड़कर यह सभी के लिए होगा।”

सूत्र ने हालिया विधानसभा चुनावों का उदाहरण दिया, जहां भाजपा ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में चार केंद्रीय मंत्रियों सहित 18 सांसदों को मैदान में उतारा था। सूत्र ने कहा, “इसने बहुत अच्छे नतीजे दिए। कम से कम एक मौजूदा केंद्रीय मंत्री समेत पार्टी के कम से कम दो दिग्गजों को दिल्ली से मैदान में उतारे जाने की उम्मीद है।”

केंद्रीय मंत्री जो राज्यसभा सांसद हैं उनमें राजीव चंद्रशेखर, पीयूष गोयल, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, विदेश मंत्री एस जयशंकर, शिक्षा और कौशल विकास मंत्री धर्मेंद्र प्रधान, पर्यावरण मंत्री भूपेन्द्र यादव, आवास और शहरी मामलों के मंत्री हरदीप सिंह पुरी, स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया, पशुपालन और डेयरी मंत्री परषोत्तम रूपाला, रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री नारायण राणे शामिल हैं।

कर्नाटक से राजीव चंद्रशेखर और निर्मला सीतारमण के अलावा महाराष्ट्र से पीयूष गोयल और गुजरात से परषोत्तम रूपाला उन 9 भाजपा नेताओं में से हैं जो वर्तमान में अपने तीसरे राज्यसभा कार्यकाल में हैं। इस सूची में पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर भी शामिल हैं। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा भी हिमाचल प्रदेश से राज्यसभा सदस्य हैं।

हाल ही में हुए तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जिन सांसदों को टिकट दिया और वह जीत कर विधानसभा पहुंचे, उनसे सांसदी का इस्तीफा भी दिलवा दिया गया। वह सभी नेता अब विधायक हैं या फिर राज्य सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा इसी फार्मूले के आधार पर लोकसभा चुनाव में भी जाएगी।