भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने गुजरात से वापस आने के बाद कहा है कि अब भारतीय जनता पार्टी के नेता भी हमारे साथ जुड़ रहे हैं।आंदोलन लंबा चलेगा। आंदोलन देश के गांव-गांव में चला गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि गुजरात के किसान बंधन में हैं वहां किसान मुक्ति अभियान चलाना पड़ेगा।
अपने गुजरात दौरे में राकेश टिकैत लगातार किसानों से मिल रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात में पुलिस राज चल रहा है। उन्होंने कहा कि संसद के घेराव की तारीख अभी तय नहीं हुई है। गौरतलब है कि गुजरात में राकेश टिकैत ने कहा था कि राजधानी गांधीनगर के घेराव करने का समय आ गया है। और जरूरत पड़ी तो किसान बैरिकेड भी तोड़ देंगे। उन्होंने साबरमती आश्रम के बाहर कहा था कि गुजरात के किसान खुश नहीं हैं।
राकेश टिकैत ने कहा था कि बनासकांठा के किसान तीन रुपये प्रति किलोग्राम की दर से आलू बेचने को मजबूर हैं। गुजरात के लिए भावी योजना के बारे में पूछने पर टिकैत ने कहा था कि क्या यह किसानों को खुश करने के लिए पर्याप्त है? हम यहां किसानों के मन से डर निकालने आए हैं। हम शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन करेंगे।
गुजरात में राकेश टिकैत ने राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शंकर सिंह वाघेला से भी मुलाकात की थी। साथ ही उन्होंने सरदार वल्लभभाई पटेल को आणंद जिले के करमसद शहर में उनके पैतृक स्थान पर जाकर श्रद्धांजलि दिया था। राकेश टिकैत ने सूरत और बारदोली में भी किसानों को संबोधित किया था।
किसानों का आंदोलन जारी है: तीन नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार जारी है। पिछले लगभग 130 से अधिक दिनों से किसान दिल्ली बॉर्डर पर बैठे हुए हैं। सरकार के साथ 11 दौर की वार्ता के बाद भी दोनों पक्ष के बीच कोई फैसला नहीं हो पाया। जिसके बाद से सरकार और किसानों के बीच डेडलॉक जारी है। दोनों ही पक्षों के बीच अंतिम बार वार्ता 22 जनवरी को हुई थी।