उच्चतम न्यायालय ने अयोध्या भूमि विवाद की सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत के 1994 के एक फैसले में की गयी टिप्पणी से जुड़े सवाल पांच सदस्यीय संविधान पीठ को सौंपने से गुरूवार को इंकार कर दिया। उच्चतम न्यायालय ने 1994 के फैसले में टिप्पणी की थी कि मस्जिद इस्लाम का अंग नहीं है। इसी बीच बीजेपी सांसद उमा भारती ने कहा कि अयोध्या हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण धार्मिक स्थान है लेकिन मुसलमानों के लिए नहीं है, क्योंकि उनके लिए मक्का है। साथ ही उन्होंने कहा कि इस मामले को धार्मिक विवाद बनाने की कोशिश की गई है।

केन्द्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने कहा कि मुस्लिमों के लिए विवादित क्षेत्र कभी धार्मिक स्थल नहीं बन सकता। उनके लिए मक्का धार्मिक स्थल है। उन्होंने कहा कि यह धार्मिक विवाद का मामला नहीं है। इस मामले को लेकर विवाद पैदा करने की कोशिश की गई है और आखिर में यह भूमि विवाद का मामला बन गया। अयोध्या हिंदुओं के लिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यहां भगवान राम का जन्म हुआ।

उमा भारती ने कहा कि इस मामले को कोर्ट के बाहर भी सुलझाया जा सकता था। हालांकि उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के राम मंदिर पर सुनवाई शुरू करने को महत्वपूर्ण बताते हुए कहा कि वह आशा करती हैं कि इस मामले पर जल्द फैसला आएगा। बता दें कि बाबरी विध्वंस मामले में बीजेपी नेता उमा भारती, मुरली मनोहर जोशी और लाल कृष्ण आडवाणी पर आपराधिक षड़यंत्र का मामला चल रहा है।

वहीं गुरुवार को शीर्ष अदालत ने 2:1 के बहुमत से अपने फैसले में कहा कि अयोध्या में रामजन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में दीवानी वाद का निर्णय साक्ष्यों के आधार पर होगा और 1994 का निर्णय इस मामले में प्रासंगिक नहीं है। राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद मामले में शामिल मुस्लिम पक्षों ने उच्चतम न्यायालय के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह फैसला उनके पक्ष में है।