काशी और मथुरा मंदिर- मस्जिद विवाद पर मामला कोर्ट में हैं। इस मुद्दे पर राम मंदिर आंदोलन हिस्सा रही और भाजपा नेता उमा भारती ने एबीपी न्यूज़ को इंटरव्यू दिया है, जिसमें उन्होंने काशी और मथुरा विवाद पर खुलकर बातचीत कीं।
उमा भारती ने कहा कि जैसे मुसलमानों के लिए मक्का-मदीना और ईसाईयों के लिए वेटिकन सिटी है ठीक उसी प्रकार हिन्दुओं के लिए काशी, मथुरा और अयोध्या है। काशी और मथुरा का निष्कर्ष निकले बिना संपूर्ण समाधान नहीं हो सकता है। मैं यह कहती हूं कि अगर वहां शिवलिंग भी नहीं मिलता तो भी वह मंदिर ही था और जब तक हम आक्रांताओं की स्मृतियां समाप्त नहीं करते हिन्दू- मुस्लिम के बीच सद्भाव नहीं पैदा कर पाएंगे।
वहीं, काशी और मथुरा में विवादित जगह पर मंदिर बनाने की बात पर भारती ने कहा कि हम लोग कानून का सम्मान करते हैं। मामला कोर्ट में हम यह नहीं कह सकते हैं कि मंदिर बनना चाहिए या नहीं, लेकिन मैं काशी और मथुरा में भव्य मंदिर देखना चाहती हूं। उन्होंने कहा कि जहां तक हटाने की बात अयोध्या राम मंदिर आंदोलन के समय भी अडवाणी जी ने कहा कि विदेशों में कई ऐसी तकनीक आ चुकी है, जिसके माध्यम से आसानी से मस्जिद को दूसरी जगह पर शिफ्ट किया जा सकता है।
पाकिस्तान में भी कई मस्जिदों को हटाकर आज शोपिंग कॉम्प्लेक्स बना दिए गए हैं। अरब देशों में भी कई बार मस्जिदों को एक स्थान से हटाकर दूसरे स्थान पर विस्थापित किया गया है। इस्लाम में जब हजरत मोहम्मद साहब को पता चला कि किसी अन्य के धार्मिक स्थल को हटाकर वहां मस्जिद बना दी गई है। उस मस्जिद में उन्होंने नमाज पढ़ने से मना कर दिया था।
ताज महल और क़ुतुब मीनार के मुद्दे पर बोलते हुए उमा भारती ने कहा कि मैं इस मुद्दे पर कुछ नहीं कहना चाहती पर इन दोनों इमारतों के बारे में आज नहीं से पहले से ही लोग बोलते आ रहे हैं। पीएम ओक और गुरुदत्त ने सबूतों के साथ इन पर पुस्तक भी लिखी थी।
अंत में उन्होंने कहा कि हमें साथ मिलकर समाजिक समरसता लानी होगी। इसके लिए हिन्दू- मुस्लिम धर्म गुरुओं के साथ राजनेताओं को भी आगे आना होगा ताकि हम सब मिलकर देश को आगे ले जाएं।