वीर सावरकर को लेकर देश में एक नई बहस छिड़ गई है। हालही में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा था कि कहीं बीजेपी गांधीजी की जगह वीर सावरकर को राष्ट्रपिता ना बना दे।

अब ओवैसी के इस बयान पर बीजेपी ने प्रतिक्रिया दी है। न्यूज चैनल आज तक के शो दंगल में बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने इस बात का जवाब दिया है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि ओवैसी कहते हैं कि 800 साल तक हमने इस देश पर हुकूमत की, इस तरह से इतिहास बताने वाले लोग स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास पर टिप्पणी करें तो ये हास्यास्पद है।

सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि सावरकर को जेल में बेड़ियों और हथकड़ी में रखा गया था। उन्हें कोल्हू में बैल की जगह जोत दिया गया था। उन्हें वो जेल नहीं मिली थी, जहां जेल में बैठकर किताब लिखी जाती हो।

उन्होंने कहा कि पुस्तकें लिखते हुए और बातचीत करते हुए जेल में रहने का मौका सावरकर को नहीं मिला था।

इस बीच शो की एंकर चित्रा त्रिपाठी ने कहा कि ओवैसी ने कहा है कि जिन्हें जस्टिस जीवनलाल कपूर की जांच में हत्या में शामिल करार दिया गया था, उनको बीजेपी और आरएसएस की ओर से महान बताने की कोशिश की जा रही है।

इस पर त्रिवेदी ने कहा कि ऐसा कोई भी तथ्य सामने नहीं आया, इसलिए जब राहुल गांधी ने ये आरोप लगाया तो उन्हें मुकदमे का सामना करना पड़ा।

वहीं इस मामले में पैनल में मौजूद डीयू के एसोसिएट प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि सुधांशु त्रिवेदी जब झूठ भी बोलते हैं तो इतने सलीके से बोलते हैं कि मजा आ जाता है। मैं उन्हें एक न्यौता देता हूं कि इस पर एक सेमिनार हो।

प्रोफेसर रतन लाल ने कहा कि भारत के आजादी के आंदोलन के बारे में लोगों को अभी समझ नहीं है। आजादी हमें किश्तों में मिली थी। उस समय के नेता आंदोलन भी करते थे, जेल भी जाते थे और फांसी पर भी लटकते थे, लेकिन एक बात कॉमन थी कि वो अंग्रेजी हुकूमत से बात करते थे।