केंद्र सरकार को आर्थिक नीतियों से लेकर विदेश के मामलों में घेरने वाले भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने एक बार फिर हमला बोला है। स्वामी ने अफगानिस्तान को लेकर चल रही शांति वार्ता में भारत को नजरअंदाज किए जाने की बात कहते हुए इसे देशभक्तों का अपमान तक करार दे दिया। साथ ही उन्होंने अमेरिका और रूस के साथ देश के रिश्तों पर भी सवाल खड़े किए।
क्या बोले सुब्रमण्यम स्वामी?: गौरतलब है कि भाजपा सांसद लगातार अफगानिस्तान मुद्दे पर ट्वीट के जरिए मोदी सरकार पर निशाना साध रहे हैं। इसी सिलसिले में शुक्रवार रात को एक ट्वीट में उन्होंने कहा, “अफगानिस्तान वार्ता पर अमेरिका और रूस की तरफ से एक के बाद एक अपमान देशभक्त भारतीयों के लिए दर्दनाक और शर्मनाक हैं। किसी को भी इसे छिपाने के लिए बेवकूफी भरी डींगें नहीं हांकनी चाहिए।”
पिछले हफ्ते ही ट्विटर पर जब यूजर ने सुब्रमण्यम स्वामी से पूछा था कि अमेरिका, रूस, चीन और पाकिस्तान कुछ दिनों में दोहा में अफगान संकट को लेकर बैठक करने वाले हैं, लेकिन भारत इस बैठक से बाहर है? तो इसके जवाब में भाजपा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि यह तो स्पष्ट है। आप दुनिया में अपनी जगह जानें।
रूस ने अहम बैठक में भारत को नहीं किया आमंत्रित: गौरतलब है कि रूस ने अफगानिस्तान में तेजी से बदलते हालात पर बुलाई एक अहम बैठक में भारत को आमंत्रित नहीं किया है। इस बैठक में पाकिस्तान, चीन तथा अमेरिका के शामिल होने की संभावना है। अफगानिस्तान में तालिबान के हमले बढ़ने पर रूस ने हिंसा रोकने और अफगान शांति प्रक्रिया पर जोर देने के लिए युद्धग्रस्त देश में सभी प्रमुख पक्षकारों तक पहुंचने के प्रयास तेज कर दिए हैं। यह ‘विस्तारिक ट्रोइका’ बैठक 11 अगस्त को कतर में होनी है। इसके तहत पहले 18 मार्च और 30 अप्रैल को वार्ता हुई थी।
रूस के विदेश मंत्री सर्गेइ लावरोव ने पिछले महीने ताशकंद में कहा कि उनका देश भारत और अन्य देशों के साथ काम करता रहेगा जो अफगानिस्तान में स्थिति पर असर डाल सकते हैं। इन टिप्पणियों के बाद ऐसे कयास लगाए जा रहे थे कि भारत को आगामी ‘‘विस्तारित ट्रोइका’ बैठक में शामिल किया जा सकता है।
सोशल मीडिया पर जमकर आई प्रतिक्रियाएं: सुब्रमण्यम स्वामी के इस ट्वीट पर सोशल मीडिया यूजर्स ने भी जमकर प्रतिक्रियाएं दीं। जहां कुछ लोगों ने स्वामी की बात से सहमति जताई, वहीं कुछ और लोगों ने उन पर हमला भी बोला। एक यूजर @indian_politics ने लिखा, “25 सालों में पहली बार पड़ोस में शूट की जा रही एक फिल्म में हम साइड हीरो तक नहीं हैं। यह सरकार की कितनी बड़ी नाकामी है, इन सात सालों में सब कुछ पुराने जैसा हो गया। हमारे नुकसान पर चीन ने सेंटर स्टेज ले लिया।”
एक और यूजर आशीष राठौड़ ने कहा, “अफगानिस्तान भौगोलिक तौर पर काफी नजदीक है। वहां भविष्य में होने वाली कोई भी घटना हमें जरूर प्रभावित करेगी। वैसे तो हम वहां कोई बड़े खिलाड़ी नहीं हैं, लेकिन अगर हम खुद को बंद दरवाजे के पीछे रखकर सुरक्षित महसूस कर रहे हैं, तो ये अदूरदर्शिता है और इससे काफी कुछ भविष्य पर छोड़ा जा रहा है।”