दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम ‘एक शाम बाबरी मस्जिद के नाम’ में कांग्रेस नेता मणिशंकर अय्यर ने दर्शकों से पूछा था, “राजा दशरथ के महल में 10 हजार कमरे थे। किस कमरे में भगवान राम पैदा हुए थे?” इसके जवाब में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने कांग्रेस नेता से पूछा, “मणिशंकर अय्यर हैं या पठान?” उन्होंने कहा कि यदि उनसे कोई इस तरह का सवाल करेगा तो उन्हें बुरा लगेगा या नहीं? भाजपा नेता ने दावा किया कि आस्था के मामलों में सुप्रीम कोर्ट तक को हस्तक्षेप नहीं करना चाहिए।
स्वामी ने कहा, ” कांग्रेस नेता कहते हैं कि राजा दशरथ के महल में 10 हजार रुम थे, किस कमरे में राम पैदा हुए? अरे आपको कैसे पता चला कि दशरथ पिता जी है? उसके लिए वे शपथ लेने को तैयार हैं। कहते हैं कि सिर्फ माता के बारे में सुनिश्चित हैं, पिता के बारे में नहीं। मणिशंकर अय्यर का भी डीएनए टेस्ट नहीं हुआ है। वे वास्तव में अय्यर है या कोई पठान? ये कोई सवाल पूछेगा तो कितना बुरा लगेगा।”
स्वामी ने आगे कहा, “रामचंद्र जी हमारे लिए पूज्य हैं और यह आस्था की बात है। क्रिश्चिन में कहते हैं कि बिना पुरुष जीसस क्राइस्ट पैदा हुए। ये कभी हो सकता है बायोलॉजी में? लेकिन आस्था में विश्वास करते हैं। उससे छेड़छाड़ नहीं की जाती है। इसी तरह आस्था के विषय में सुप्रीम कोर्ट भी हस्तक्षेप नहीं कर सकती। सारे हिंदू समाज कहेगी कि राम यहां पैदा हुए।”
अय्यर के भगवान राम की जन्मभूमि संबंधी बयान पर भाजपा के प्रवक्ता शलभ मणि त्रिपाठी ने ट्वीट कर पूछा ”प्रभु राम के लिये ओछी भाषा बोलने वाले मणिशंकर पहले यह बतायें कि वह किस कमरे में पैदा हुये। अय्यर के इस बयान से देश के हिन्दुओं की आस्था को ठेस पहुंची है, पूरा देश जानता है कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से प्रभु राम के अस्तित्व को लेकर मजाक बनाती रही है। वह रामसेतु को नकारती है, उसके नेता कपिल सिब्बल अदालत में राम मंदिर मसले को लटकाने की कोशिश में लगे हुए हैं, इसी तरह से अब मणिशंकर अय्यर का बयान आया है । मणिशंकर का बयान सीधे तौर पर हिंदू आस्था का खुला मजाक है, इसकी जितनी भी निंदा की जाए कम है।”
गौरतलब है कि अय्यर ने सोमवार को एक कार्यक्रम में कहा था कि ”मंदिर वहीं बनाएंगे का क्या मतलब है? दशरथ एक बहुत बड़े महाराजा थे। कहा जाता है कि उनके महल में दस हजार कमरे थे। कौन जानता है कि कौन सा कमरा कहां था? इसलिए यह कहना कि हम सोचते हैं कि भगवान राम यहीं पैदा हुए थे, इसलिए यहीं मंदिर बनाना है। क्योंकि यहां एक मस्जिद है। पहले हम मस्जिद तोड़ेंगे और इसकी जगह हम मंदिर बनाएंगे।यह गलत है। क्या एक हिन्दुस्तानी के लिए अल्लाह में भरोसा रखना गलत है?” (एजेंसी इनपुट के साथ)