पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने मंगलवार को सनातन का विरोध करने वालों पर कड़ा प्रहार किया है। उन्होंने कहा, “सनातन के अपमान को हिंदुस्तान नहीं सहेगा।” पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा, “कांग्रेस ने यह एजेंडा सेट कर दिया है तो ठीक है। हम इसका जोरदार विरोध करेंगे। सोनिया गांधी जी चुप हैं। उनके इशारे पर यह एजेंडा सेट किया गया है। हम इस चुनौती को स्वीकार करते हैं। हम देश के विकास के साथ विरासत का भी ध्यान रखते हैं।” उन्होंने कहा कि कांग्रेस के इशारे पर ही आरजेडी समेत कई विपक्षी दल इस काम में लगे हैं। वे लगातार सनातन धर्म के खिलाफ बयान दे रहे हैं।
हाल के दिनों में विपक्ष के कई नेताओं ने सनातन पर अपमानजनक कमेंट किये हैं
सनातन धर्म पर हाल के दिनों में विपक्ष के कई नेताओं ने अपमानजनक टिप्पणियां की हैं। तमिलनाडु में सत्तारूढ़ डीएमके के अलावा राजद और समाजवादी पार्टी के भी कुछ नेताओं ने इस पर कमेंट किये हैं। उन्होंने कहा, “डीएमके के शिक्षा मंत्री पोनमुडी ने भी विवादित बयान दिया है। विपक्ष के I.N.D.I.A. गठबंधन को सनातन को समाप्त करने के लिए बनाया गया है। मैं कांग्रेस के अध्यक्ष और उनकी पार्टी से पूछना चाहता हूं कि क्या आप के अंदर किसी और धर्म पर टिप्पणी करने की हिम्मत है?”
पूर्व मंत्री ने कहा, “सनातन विरोध इस तथाकथित घमंडिया गठबंधन का संकल्प है। उद्धव ठाकरे कहते हैं कि अगर प्रभु राम के मंदिर का उद्घाटन होगा तो गोधरा जैसा नरसंहार हो जाएगा। इसका क्या मतलब है? ऐसी बात स्वर्गीय बाला साहब ठाकरे के पुत्र कह रहे हैं, जिन्होंने राम मंदिर आंदोलन में देश में नई ऊंचाई और साहस का परिचय दिखाया था।”
रविशंकर प्रसाद ने कहा कि आरजेडी के बिहार प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने टीका लगाने वालों को गुलाम बताया है। उन्होंने पूछा कि उनके नेता लालू यादव मुंबई के सिद्धिविनायक मंदिर में गये तो वहां उन्होंने टीका लगाया, लेकिन जगदानंद सिंह के बयान का विरोध नहीं किया। रामचरित मानस पर कमेंट करने पर भी वह कोई विरोध नहीं जताए।
भाजपा नेता ने कहा- वोट बैंक के लिए नीतीश कुमार बख्तियारपुर का नाम नहीं बदल रहे
भाजपा सांसद रवि शंकर प्रसाद ने कहा, “मेरे क्षेत्र के बगल में नालंदा विश्वविद्यालय है जिसका चित्र जी20 शिखर सम्मेलन में राष्ट्रपति द्वारा आयोजित रात्रि भोज में लगाया गया था। इसमें भारत की ज्ञान परंपरा को दिखाई गई थी। बख्तियार खिलजी ने उसे जला दिया था और वह 6 महीने तक जलता रहा। वहां हमला करने वाले बख्तियार खिलजी के नाम पर बख्तियारपुर है। उसका नाम बदलने में नीतीश कुमार का समर्थन जरूरी है लेकिन वोट बैंक के लिए वे ये भी नहीं करेंगे।”