केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह के हिंदी पर दिए गए बयान पर बहस जारी है। अब पूर्व केन्द्रीय मंत्री और भाजपा नेता पोन राधाकृष्णन ने इसे लेकर कुछ ऐसा कह दिया है कि इस पर विवाद और बढ़ सकता है। दरअसल पोन राधाकृष्णन ने तमिल के लोगों को ‘एहसान फरामोश’ बता दिया है। भाजपा नेता ने कहा कि तमिल लोग नहीं जानते कि लोगों को धन्यवाद कैसे दिया जाता है!

टाइम्स नाउ की एक खबर के अनुसार, अपने बयान में भाजपा नेता ने कहा कि ‘प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश के पहले प्रधानमंत्री हैं, जिन्होंने कहा था कि तमिल सबसे प्राचीन भाषाओं में से एक है। इससे भी आगे बढ़ते हुए उन्होंने कहा कि तमिल, संस्कृत भाषा से भी प्राचीन है। हमें इस बात का एक साल तक जश्न मनाना चाहिए था, लेकिन तमिल लोग धन्यवाद देना नहीं जानते।’

बता दें कि पोन राधाकृष्ण तमिलनाडु में भाजपा के बड़े नेताओं में शुमार किए जाते हैं। बीते साल अपने एक बयान में पोन राधाकृष्णन ने राज्य में भाजपा के बढ़ते जनाधार को लेकर कहा था कि भाजपा तमिलनाडु की राजनीति में चर्चा का विषय बन गई है, फिर चाहे वो तारीफ की बात हो या फिर आलोचना की।

बता दें कि पोन राधाकृष्णन का यह बयान ऐसे वक्त आया है, जब तमिलनाडु की राजनैतिक पार्टी डीएमके और एमएनएम अमित शाह के बयान पर नाराजगी जता चुके हैं। डीएमके ने तो ‘हिंदी थोपने’ के खिलाफ आगामी 20 सितंबर को प्रदेशव्यापी विरोध प्रदर्शन का भी ऐलान किया है। बता दें कि अमित शाह ने हिंदी दिवस पर देश के लिए एक भाषा की पैरवी करते हुए कहा था कि ‘सबसे ज्यादा बोली जाने वाली हिंदी समूचे देश को एकजुट कर सकती है।’

इसके बाद ही कई राजनैतिक पार्टियां इसके विरोध में उतर गई हैं और उन्होंने सरकार पर ‘हिंदी थोपने’ और हिंदुत्व का एजेंडा चलाने का आरोप लगा दिया है। हालांकि हिंदी पर दिए अमित शाह के बयान को लेकर भाजपा में भी आवाजें उठने लगी हैं। कर्नाटक सीएम बीएस येदियुरप्पा ने अपने एक बयान में कन्नड़ भाषा को महत्वपूर्ण बता दिया है।