मोदी सरकार के खिलाफ विपक्ष के अविश्वास प्रस्ताव पर मंगलवार को भारी शोर-शराबे के बीच लोकसभा में बहस शुरू हुई। भाजपा के सांसद निशिकांत दुबे ने बहस में हिस्सा लेते हुए कांग्रेस नेताओं के अविश्वास प्रस्ताव पर ही सवाल खड़े किये। निशिकांत दुबे बोले, “पीएम ने कहा कि यह अविश्वास प्रस्ताव नहीं है, बल्कि विपक्ष में विश्वास का प्रस्ताव है जिससे यह पता चल जाए कि विपक्ष में कौन किसके साथ है।” उन्होंने सोनिया गांधी के बारे में दावा किया कि वह दो चीज करना चाहती हैं: “बेटे को सेट करना है और दामाद को भेंट करना है।”

निशिकांत ने व्यंग्य किया, “शायद राहुल जी देर से उठे होंगे, तैयार नहीं हो पाये, इसलिए नहीं बोले”

इससे पहले उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से कहा गया था कि बहस की शुरुआत राहुल गांधी करेंगे, लेकिन अचानक गौरव गोगोई को यह जिम्मेदारी दे दी गई। उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा, “शायद राहुल जी देर से उठे होंगे, तैयार नहीं हो पाये, इसलिए नहीं बोले।” उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अभी सुप्रीम कोर्ट से स्टे मिला हुआ है, फाइनल जजमेंट नहीं। वे बार-बार कहते हैं, ‘माफी नहीं मांगेंगे’, दूसरी तरफ कहते हैं कि ‘मैं सावरकर नहीं हूं।’ निशिकांत दुबे ने कहा, ‘राहुल गांधी मोदी से माफी क्यों मांगेंगे, उनकी नजर में मोदी छोटी जाति के हैं। वे सावरकर भी नहीं हो सकते हैं। सावरकर ने 28 साल जेल में गुजारे हैं।’

भाजपा नेता ने कहा- विपक्ष के कुछ नेताओं को छोड़कर सबको I.N.D.I.A का पूरा नाम नहीं पता

उन्होंने पूछा कि I.N.D.I.A नाम से जो गठबंधन बना है, विपक्ष के कुछ नेताओं को छोड़कर उसका फुल फार्म भी सबको नहीं पता होगा, लेकिन ये ‘इंडिया-इंडिया’ बात कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “I.N.D.I.A में जितने दल हैं, सबको कांग्रेस ने कभी न कभी विरोध किया, उन पर कार्रवाई की, उनके नेताओं को जेल भेजा, लेकिन उनको कांग्रेस से विवाद नहीं है, हमारे साथ विरोध है। हमने क्या किया है।”

दुबे ने कहा कि कांग्रेस के सदस्य मणिपुर की बात कर रहे थे, लेकिन विपक्षी पार्टी को शहादत के बारे में कुछ नहीं पता। उन्होंने कहा, ‘‘मैं मणिपुर के इतिहास का भुक्तभोगी हूं। मेरे मामा जब वहां सीआरपीएफ के डीआईजी थे तो उन पर हमला हुआ था और उन्हें अपने पैर गंवाने पड़े।’’ उन्होंने कहा कि एक दूसरे से लड़ने वाले दल आज प्रधानमंत्री के खिलाफ यह अविश्वास प्रस्ताव लाये हैं। दुबे ने कहा कि 1976 में भ्रष्टाचार के आरोप में कांग्रेस ने द्रमुक नेता करुणानिधि की सरकार को बर्खास्त किया था और 1980 में द्रमुक ने तत्कालीन इंदिरा गांधी सरकार से हाथ मिला लिया। उन्होंने दावा किया कि पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की जांच करने वाले जैन आयोग ने कहा था कि लिट्टे को करुणानिधि की पार्टी सहयोग देती थी, फिर भी कांग्रेस उसके साथ है।

उन्होंने कहा कि जिस सिंगूर आंदोलन के आधार पर तृणमूल कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में सरकार बनाई थी उसमें भाजपा ने साथ दिया था और इस तरह बंगाल में तृणमूल की सरकार बनाने में भाजपा का योगदान है। दुबे ने कहा, ‘‘लेकिन तृणमूल कांग्रेस नारद और सारदा के मामले दर्ज कराने वाली कांग्रेस के साथ है।’’ भाजपा सदस्य ने कहा कि राष्ट्रीय जनता दल के नेता लालू प्रसाद को 1995 में तत्कालीन कांग्रेस नीत सरकार के समय जेल में डाला गया था, तो भाजपा से उनका विरोध क्यों है। उन्होंने कहा कि इसी तरह समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव के खिलाफ 2007 में आय से अधिक संपत्ति का मामला कांग्रेस के एक कार्यकर्ता ने दर्ज कराया था। दुबे ने कहा, ‘‘लेकिन हम मानते थे कि सपा संस्थापक ईमानदार हैं और उनके खिलाफ सीबीआई के मामले भाजपा के समय वापस लिये गये। तब भी यह पार्टी हमारे विरोध में है।’’

उन्होंने कहा, ‘‘1980 में शरद पवार की चुनी हुई महाराष्ट्र सरकार को हमने नहीं, कांग्रेस ने बर्खास्त किया था क्योंकि पवार ने अलग पार्टी बना ली थी। पवार पर आरोप हमने नहीं लगाये।’’ दुबे ने कहा, ‘‘हमने क्या किया? हमसे किस बात की लड़ाई?’’ उन्होंने कहा कि 1953 से 1975 तक शेख अब्दुल्ला को कांग्रेस ने जेल में बंद रखा और बाद में दोनों ने समझौता कर लिया, लेकिन नेशनल कॉन्फ्रेंस का विरोध भाजपा से है। उन्होंने जनता दल (यूनाइटेड) पर भी निशाना साधा।

दुबे ने ‘नेशनल हेराल्ड’ मामले का उल्लेख करते हुए कहा कि आयकर बचाने के लिए कांग्रेस के नेता उच्चतम न्यायालय में चले जाते हैं। दुबे ने आरोप लगाया कि मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) और मुस्लिम लीग जैसे दलों के साथ भाजपा ने वैचारिक विरोध के कारण आज तक कभी समझौता नहीं किया।