Attack on Anil Deshmukh: महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और बीजेपी के बड़े नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा है कि एनसीपी (शरद पवार) गुट के नेता अनिल देशमुख पर हुए हमले की कहानी सिर्फ सहानुभूति पाने के लिए रची गई है और इसकी पोल खुल गई है। उन्होंने कहा कि पुलिस को इस पूरे मामले की तफ्तीश करनी चाहिए और इस बात का खुलासा करना चाहिए कि किस तरह यह कहानी रची गई।
बताना होगा कि पूर्व गृहमंत्री और एनसीपी (शरद पवार) गुट के नेता अनिल देशमुख पर सोमवार देर रात नागपुर जिले के काटोल इलाके में हमला हुआ था। इस हमले में अनिल देशमुख घायल हो गए थे और इसकी तस्वीर और वीडियो भी सामने आए थे। अनिल देशमुख के मुताबिक कुछ अज्ञात लोगों ने उनकी कार पर उस वक्त पथराव किया था जब वह काटोल विधानसभा सीट में एक चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद वापस लौट रहे थे। यहां से उनके बेटे सलिल चुनाव लड़ रहे हैं।
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देवेंद्र फडणवीस ने इस मामले में पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि इस इलाके के एसपी और आईजी की प्रेस कॉन्फ्रेंस से यह समझ आता है कि जिस तरह सलीम-जावेद की कहानियां एक वक्त में बहुत फेमस होती थीं, उसी तरह सलीम-जावेद की स्टोरी तैयार की गई है और यह पूरी तरह स्क्रिप्टेड स्टोरी है।
बीजेपी नेता ने कहा कि पुलिस अफसरों की प्रेस कॉन्फ्रेंस से दो चीजें समझ में आती हैं। पहली यह कि 8 से 10 किलो का जो पत्थर है, अगर वह कार के शीशे पर मारा गया तो शीशा टूटा क्यों नहीं और वह पत्थर बोनट पर गिरा तो बोनट पर खरोंच भी नहीं आई है, उन्होंने कहा कि ऐसा संभव नहीं है।
महाराष्ट्र में बीजेपी के सबसे बड़े चेहरे माने जाने वाले फडणवीस ने सवाल उठाया कि जिस पत्थर के अनिल देशमुख को लगे होने की बात कही जा रही है वह पत्थर पीछे से फेंका गया है तो वह सिर के पीछे लगना चाहिए, वह सामने से आकर कैसे लग गया। उन्होंने कहा कि डेढ़ किलो का पत्थर ऐसे कैसे लग सकता है और ऐसे तो सिर्फ रजनीकांत की मूवी में ही पत्थर फेंका जा सकता है कि वह पीछे से फेंका जाए और सामने आकर किसी को लगे।
महाराष्ट्र में बीजेपी के लिए धुआंधार चुनाव प्रचार करने वाले फडणवीस ने कहा कि डेढ़ किलो का पत्थर लगने से सिर्फ खरोंच ही कैसे आई, यह बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि हमले की यह कहानी हार सामने देखकर सहानुभूति पाने के लिए रची गयी है।
बताना होगा कि महाराष्ट्र में सभी 288 सीटों के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होनी है। इस चुनाव में महायुति और महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के बीच सीधा और जोरदार मुकाबला है। MVA गठबंधन में कांग्रेस, शिवसेना यूबीटी और एनसीपी (शरद पवार) शामिल है जबकि महायुति गठबंधन में बीजेपी के अलावा एकनाथ शिंदे की शिवसेना और अजित पवार की एनसीपी शामिल है।