Haryana Political Crisis: हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी और जननायक जनता पार्टी के रास्ते अलग हो सकते हैं। लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर सहमति नहीं बन पाने की वजह से दोनों का गठबंधन टूट सकता है। 90 विधानसभा वाली सीटों से सीएम मनोहर लाल खट्टर ने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही, पूरे मंत्रिमंडल ने भी इस्तीफा दे दिया है। ऐसे में निर्दलीय विधायकों की लॉटरी लग सकती है और इन्हें हरियाणा मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। अब सवाल यह उठता है कि क्या जेजेपी और बीजेपी के गठबंधन टूटने के बाद खट्टर सरकार गिर जाएगी। ऐसे में विधानसभा का नंबर गेम क्या है, ये जानना जरूरी हो जाता है।

सीएम मनोहरलाल खट्टर ने राज्यपाल को अपना इस्तीफा सौंप दिया है। हरियाणा में नए सीएम की रेस में सबसे आगे फिलहाल दो चेहरे ही चल रहे हैं। इसमें पहला नाम संजय भाटिया का है तो दूसरा नाम नायब सिंह सैनी का माना जा रहा है। हरियाणा विधानसभा की अगर दलगत स्थिति की बात करें तो हरियाणा में बीजेपी के 41 जबकि कांग्रेस के 30 विधायक हैं।

हरियाणा विधानसभा का गणित

90 सदस्यों वाली हरियाणा विधानसभा में बहुमत का आंकड़ा 46 है। बीजेपी के पास 41, जेजेपी के 10 और कांग्रेस के 30 विधायक हैं। इसके अलावा निर्दलीय 7, हरियाणा लोकहित पार्टी 1 और 1 इंडियन नेशनल लोकदल का विधायक है। 7 निर्दलीय विधायकों में से 6 भारतीय जनता पार्टी के साथ है। वहीं, गोपाल कांडा की हरियाणा लोकहित पार्टी भी बीजेपी के साथ है। यानी अब बात की जाए तो बीजेपी के साथ कुल 48 विधायक हैं। यह बहुमत के आंकड़े को पार करता है।

जेजेपी दो सीटों पर दावा कर रही

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, दुष्यंत चौटाला ने सोमवार को दिल्ली में बीजेपी के अध्यक्ष जेपी नड्डा से मुलाकात की थी। इसमें सीट शेयरिंग के फॉर्मूले पर बात नहीं बन सकी। जेजेपी हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ की सीटों पर दावा कर रही है। इसको बीजेपी देने के लिए तैयार नहीं हैं। सिरसा में पार्टी की बैठक के बाद दुष्यंत चौटाला ने हरियाणा की हिसार और भिवानी-महेंद्रगढ़ लोकसभा सीटों पर दावा जताते हुए कहा था कि जिस तरह से NDA गठबंधन के तहत बीजेपी ने छोटी पार्टियों को एडजस्ट किया है और उनका ध्यान रखा है तो उन्हें उम्मीद है कि हरियाणा में भी जेजेपी के बारे में कोई फैसला लिया जाएगा।

दुष्यंत चौटाला ने यह भी कहा कि इसके अलावा पार्टी राज्य की सभी 10 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने की भी तैयारी कर रही है। बता दें कि साल 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य की सभी 10 सीटों पर विजय हासिल की थी। अभी बीजेपी के 9 सांसद हैं। एक अंबाला वाली सीट सासंद की मृत्यु के बाद खाली हो गई थी।