आम चुनाव में शानदार जीत के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की निगाहें अब दक्षिण भारत के राज्यों में भगवा फहराने पर टिकी हैं। पीएम मोदी ने दो दिनों में दक्षिण के दो बड़े और प्राचीन मंदिरों में माथा टेका। रविवार (नौ जून, 2019) शाम वह आंध्र प्रदेश स्थित तिरुपति के तिरुमाला मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने विधि-विधान से भगवान वेंकटेश की पूजा-अर्चना की। पीएम के साथ उस दौरान आंध्र के मुख्यमंत्री और वाईएसआर कांग्रेस प्रमुख जगन मोहन रेड्डी भी उपस्थित रहे।
एक दिन पहले यानी शनिवार (आठ जून) को वह केरल के थिस्सूर जिले में गुरुवायुर स्थित कृष्ण मंदिर में दर्शन के लिए गए थे। वहां पूजा के दौरान मोदी पारंपरिक वेशभूषा मुंडू में नजर आए थे और उन्हें कमल के फूलों से भी तौला गया था। मोदी के साथ तब केरल के राज्यपाल पी.सदाशिवम समेत बीजेपी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद थे।
राजनीतिक जानकारों की मानें तो बीजेपी हिंदुत्व के मोर्चे पर दक्षिण भारत के राज्यों में मतदाताओं को साधना चाहती है। यही वजह है कि वह अपनी योजना के तहत इन मंदिरों के जरिए तमिलनाडु और केरल पर ध्यान दे रही है। चूंकि, केरल में सबरीमाला मंदिर विवाद पर बीजेपी पूर्व में वोटर्स को साध नहीं सकी है, जबकि तमिलनाडु में भी वह एआईडीएमके और डीएमके से पीछे है। ऐसे में भगवा पार्टी इन दोनों राज्यों में अपनी सत्ता चाहती है।
दरअसल, आंध्र में जहां तिरुमाला मंदिर है, वहां से चेन्नई (तमिलनाडु में) लगभग 150 किमी दूर है। भारी संख्या में वहां से श्रद्धालु भगवान वेंकटेश के दर्शन के लिए आते हैं और पीएम मोदी व बीजेपी इसी महीन बात को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ रही है। अब उसके एजेंडे में केरल व तमिलनाडु प्राथमिकता पर हैं। जानकारों का कहना है कि वह हिंदुत्व के जरिए वहां पकड़ मजबूत करने की कोशिशों में जुटी है। बता दें कि गुजरात से अरुणाचल और प.बंगाल तक बीजेपी परचम लहरा चुकी है, पर जम्मू-कश्मीर (पूरी तरह से) और दक्षिण के इन दो राज्यों में पकड़ बनाने में वह अभी भी नाकाम है।
हालांकि, कश्मीर में पूर्व में बीजेपी पीडीपी के साथ गठबंधन में सरकार चला चुकी है, पर केरल और तमिलनाडु का किला वह फिलहाल नहीं भेद पाई है। हालिया लोकसभा चुनाव में केरल और तमिलनाडु में बीजेपी का खाता भी नहीं खुल सका, जबकि कुछ वक्त बाद इन दोनों जगह पर विधानसभा चुनाव भी होने हैं। ऐसे में बीजेपी और मोदी का ध्यान ‘टेंपल रन’ (मंदिर के दौरों) पर हैं।