पश्चिम बंगाल में आसनसोल लोकसभा और बालीगंज विधानसभा सीट को लेकर हुए उपचुनाव के नतीजे शनिवार को आ चुके हैं। इन दोनों सीटों पर टीएमसी ने बाजी मारी है। इसमें शत्रुघ्न सिन्हा ने आसनसोल लोकसभा सीट से तो बाबुल सुप्रियो ने बालीगंज विधानसभा सीट से जीत दर्ज की। वहीं भाजपा इस चुनाव में पश्चिम बंगाल में अपना करिश्मा नहीं दिखा पाई है।
दरअसल हाल ही में हुए पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव हुए हैं। जिसमें भाजपा 4 राज्यों में सत्ता वापसी करने में सफल रही है। इस जीत के जोश के साथ भाजपा को उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल में के उपचुनाव में अच्छा करेगी लेकिन ऐसा हो ना सका। इसके उलट हालत ये रही कि भाजपा टीएमसी की बजाय सीपीएम से लड़ती नजर आई और तीसरे नंबर पर रही।
बालीगंज में हाल: बालीगंज विधानसभा सीट की बात करें तो यहां हुए उपचुनाव में टीएमसी प्रत्याशी बाबुल सुप्रियो को 51,199 वोट मिले। वहीं मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) उम्मीदवार साइरा शाह हलीम को 30,971 वोट मिले। इसके अलावा भाजपा की केया घोष को 13,220 वोट मिले और तीसरे नंबर पर रहीं। वोट शेयर की बात करें तो इस चुनाव में टीएमसी को 49.69 फीसदी, माकपा को 30.06 प्रतिशत और भाजपा को 12.83 फीसदी वोट हासिल हुए।
बता दें कि दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी होने का दावा करने वाली भाजपा अपने चुनावी प्रबंधन के लिए जानी जाती है। अक्सर देखा गया है कि भाजपा हर स्तर के चुनाव को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंकती है। हालांकि पश्चिम बंगाल के अलावा उसकी ताकत का असर भी दिखता है।
बता दें कि यूपी, गुजरात, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र व उत्तर भारत के तमाम राज्यों में भाजपा मजबूती के साथ लड़ती है लेकिन पश्चिम बंगाल में टीएमसी के सामने उसे मनमुताबिक नतीजे मिलते नहीं दिख रहे। और यह चुनाव दर चुनाव हो रहा है।
बीते विधानसभा चुनाव में भाजपा ने अच्छा प्रदर्शन तो किया और 76 सीटें जीती लेकिन 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में वो सत्ता से काफी दूर रही। इस दौरान भाजपा को 38.09 फीसदी मत मिले थे। वहीं 2016 के विधानसभा चुनाव में उसे केवल तीन सीटें हासिल हुई थीं।
आसनसोल का हाल: चुनाव आयोग के मुताबिक इस लोकसभा सीट पर हुए उपचुनाव में टीएमसी के टिकट पर लड़े शत्रुघ्न सिन्हा को 6,56,358 वोट मिले। वहीं दूसरे नंबर पर भाजपा की अग्निमित्रा पॉल को 3,53,149 वोट मिले। बता दें कि यहां टीएमसी को 56.62 फीसदी तो भाजपा को 30.46 फीसदी वोट मिले।
भारतीय जनता पार्टी के सांसद सौमित्र खान ने अपनी ही पार्टी पर निशाना साधे हुए कहा, “हार की उम्मीद पहले से थी। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा बंगाल ईकाई का नेतृत्व अनुभवहीन नेता कर रहे हैं। जो राजनीतिक रूप से परिपक्व नहीं हैं।”