सुरेंद्र सिंघल

भाजपा ने छह नगर पालिका परिषदों और 32 नगर पंचायतों के अध्यक्ष पद के साथ निगमों में पार्षद और पालिकाओं में सभासदों के टिकट दिए थे। सबसे ज्यादा मुसलिम उम्मीदवार पश्चिमी यूपी में खड़े किए गए थे।

मेरठ प्रांत के क्षेत्रीय भाजपा अध्यक्ष सत्येंद्र सिसोदिया ने बताया कि पश्चिमी यूपी में 18 नगर पंचायतों के अध्यक्ष उम्मीदवार मुसलिम थे। बृज क्षेत्र में आठ, अवध क्षेत्र में छह, गोरखपुर में दो मुसलिम चेहरे उम्मीदवार उतारे गए थे। सहारनपुर, बिजनौर, मुजफ्फरनगर, शामली समेत कई जिलों में सभासद और पार्षदों के टिकट मुसलमानों को भाजपा ने दिए।

पांच नगर पंचायतों में भाजपा के मुसलिम उम्मीदवार चुनाव जीतने में सफल रहे। सहारनपुर जिले में भाजपा को सुल्तानपुर चिलकाना नगर पंचायत में बड़ी सफलता मिली जहां उसकी उम्मीदवार फूल बानो अंसारी ने 6346 वोट लेकर निवर्तमान अध्यक्ष और बसपा उम्मीदवार अकबर कुरैशी को हराया।

देवबंद में भाजपा उम्मीदवार विपिन गर्ग ने 4700 वोटों के भारी अंतर से जीत पाई। भाजपा के क्षेत्रीय अध्यक्ष सत्येंद्र तोमर का कहना है कि मोदी और योगी पर मुसलिम महिलाएं भरोसा करती हैं। उनके क्षेत्र में शामिल मुरादाबाद मंडल में भाजपा ने तीन नगर पालिका और 13 नगर पंचायतों में मुसलिम उम्मीदवारों को टिकट दिया था। मुरादाबाद की भौजपुर-धर्मपुर नंगर पंचायत अध्यक्ष पद पर भाजपा उम्मीदवार फरखंदा जबी ने जीत दर्ज की और संभल की सिरसी नगर पंचायत पर भाजपा के कोशर अब्बास ने चुनाव जीता।

गोरखपुर नगर निगम में भाजपा की पार्षद उम्मीदवार हकीकुन निशा चुनाव जीती हैं। अमेठी नगर पालिका के वार्ड पार्षद के लिए भाजपा उम्मीदवार जैबा खातून जीती हैं। नगर पंचायत सिवाल खास के वार्ड पांच से भाजपा के उम्मीदवार शहजाद 15 वोटों से और वार्ड तीन से भाजपा उम्मीदवार रूकसाना 317 वोटों से जीतीं। गोपामऊ नगर पंचायत सीट से भाजपा के वली मोहम्मद 55 वोटों से जीते। इसी तरह बिजनोर, रामपुर, बदायूं, आजमगढ़ जिलों में अनेक मुसलिम उम्मीदवार भाजपा ने उतारे।

देवबंद के इस्लामिक विद्वान एवं राजनीतिक समीक्षक बदर काजमी मुसलमानों के ताजे रूझान को सही मानते हैं। उनका कहना है कि मुसलमानों का किसी एक खूंटे से बंधकर रहना किसी के भी हित में नहीं है। पूर्व आइपीएस एवं कुलपति डा. अशोक राघव नहीं मानते हैं कि मुसलिमों ने भाजपा को वोट दिया हैं। लखनऊ यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर योजना आयोग के पूर्व सदस्य शामली के डा. सुधीर पंवार भी यह स्वीकार नहीं करते हैं कि मुसलमानों का रूझान भाजपा की ओर हुआ है।