Haryana BJP Dynastic Politics: कांग्रेस और विभिन्न क्षेत्रीय दलों पर वंशवाद की राजनीति करने का आरोप लगाने वाली बीजेपी ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए 67 उम्मीदवारों की जो पहली लिस्ट जारी की है, उसमें कई चेहरे विभिन्न राजनीतिक परिवारों से जुड़े हैं। बुधवार को जारी लिस्ट के अनुसार बीजेपी ने कम से कम आठ वंशवादियों को टिकट दिया है। इनमें से अधिकतर की जड़ें कांग्रेस में हैं।
पूर्व कांग्रेस नेता की पत्नी को भी मिला टिकट
पूर्व कांग्रेस नेता विनोद शर्मा की पत्नी और राज्यसभा सांसद कार्तिकेय शर्मा की मां शक्ति रानी शर्मा को कालका सीट से मैदान में उतारा गया है। इसी तरह पूर्व विधायक करतार सिंह भड़ाना के बेटे मनमोहन भड़ाना को समालखा सीट से मैदान में उतारा गया है। सीनियर भड़ाना ने 1999 में राज्य में इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) सरकार के गठन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जब हरियाणा विकास पार्टी से उनके विधायकों के समूह ने देवी लाल के बेटे ओम प्रकाश चौटाला का समर्थन किया था, जो आगे चलकर मुख्यमंत्री बने।
2012 में, करतार सिंह ने राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) के टिकट पर खतौली से उत्तर प्रदेश विधानसभा उपचुनाव जीता था। हाल ही में वे बीजेपी में शामिल हुए हैं। केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह की बेटी आरती राव को अटेली से बीजेपी का टिकट मिला है। सीनियर लीडर राव इंद्रजीत सिंह भी एक दशक पहले कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए थे। लिस्ट में एक और नेता श्रुति चौधरी हैं, जो दिग्गज राजनीतिज्ञ किरण चौधरी की बेटी हैं, जिन्होंने जून 2024 में बीजेपी में शामिल होने के लिए कांग्रेस छोड़ दी थी। श्रुति को बीजेपी ने तोशाम से मैदान में उतारा है। इसी तरह कुलदीप बिश्नोई के बेटे भव्य बिश्नोई को आदमपुर से मैदान में उतारा गया है।
हरियाणा के पूर्व सीएम भजन लाल के बेटे कुलदीप बिश्नोई ने 2007 में कांग्रेस से बाहर होने के बाद हरियाणा जनहित पार्टी की स्थापना की थी। बाद में उन्होंने 2011 और 2014 के बीच बीजेपी के साथ गठबंधन किया और फिर 2016 में अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया। 2022 में वे बीजेपी में शामिल हो गए। पूर्व इनेलो विधायक हरिचंद मिड्ढा के बेटे कृष्ण मिड्ढा को फिर से जींद से मैदान में उतारा गया है। उन्होंने 2019 में भी जींद से जीत दर्ज की थी, तब पहली बार बीजेपी ने यह सीट जीती थी।
सुनील सांगवान, जो पूर्व जेलर हैं और जिनके कार्यकाल में डेरा सच्चा सौदा प्रमुख राम रहीम को कई बार पैरोल मिली थी, उन्हें चरखी दादरी से मैदान में उतारा गया है। वे पूर्व सांसद सतपाल सांगवान के बेटे हैं, जिन्होंने पिछले शुक्रवार को कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थाम लिया था।बीजेपी द्वारा मैदान में उतारे जाने वाले एक अन्य वंशवादी राव नरबीर सिंह हैं, जिन्हें बादशाहपुर सीट से टिकट दिया गया है। वे हरियाणा के पूर्व मंत्री राव महावीर सिंह यादव के बेटे और पंजाब के दिवंगत एमएलसी मोहर सिंह यादव के पोते हैं।