रिपब्लिक भारत पर डिबेट के दौरान पैनलिस्ट को जवाब देते हुए बीजेपी प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा कि न खाता न बही जो आप कहें वही सही। ऐसे नहीं हो सकता है। डिबेट में गौरव भाटिया ने कहा कि आपकी आस्था संसद में नहीं है। संसद में जब कानून लाया जाता है तो विपक्षी पार्टी के नेता गायब हो जाते हैं। चर्चा भी नहीं करते हैं। उसके बाद 9 दौर की बातचीत होती है। 9 दौर की बातचीत ये बताती है कि सरकार बातचीत के जरिए इस मसले को हल करना चाहती है।
भाटिया ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी चार सदस्यीय समिति बनाकर कहा कि बातचीत कर लो। आज किसानों के हितैषी खुद को कहने वाले कह रहे हैं कि सुप्रीम कोर्ट किसानों के हित में फैसला नहीं दे रहा है। इनकी आस्था न तो सुप्रीम कोर्ट में है न संसद में है न प्रधानमंत्री में है। आपकी आस्था है भी या नहीं ये बताओ।
इस पर पैनलिस्ट ने कहा कि कल आपको कोर्ट में डांट पड़ी थी या नहीं। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि डांट छोड़िए ये बताइए कि कितने जजों की बैंच ने ये फैसला सुनाया है। कितने पन्नों का कोर्ट का आदेश है। पैनलिस्ट ने कहा कि कोर्ट ने कानून को लागू होने पर रोक लगाई है। गौरव भाटिया ने कहा कि न तो इन्हें जजों का नाम पता है। न इन्हें आदेश की जानकारी है। पैनलिस्ट ने कहा कि चार सदस्य तो कानूनों के समर्थक है। इस पर गौरव भाटिया ने कहा कि क्या आप सुप्रीम कोर्ट से ऊपर हैं?
गौरव भाटिया ने कहा कि क्या आप पप्पू के बड़े भाई हैं आप होते कौन हैं सुप्रीम कोर्ट पर सवाल उठाने वाले। संसद की इज्जत आप लोग नहीं करेंगे कोर्ट का आदेश आप नहीं मानेंगे। खाता न बही जो आप लोग कहें वही सही।
बता दें कि कल सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि किसानों और केंद्र सरकार के बीच गतिरोध को दूर करने का काम एक चार सदस्यीय समिति करेगी। कोर्ट ने कहा कि समिति के आगे सरकार और किसान संगठन अपना पक्ष रखेंगे। कल कोर्ट ने अपने आदेश के जरिए कृषि कानूनों को लागू होने से कुछ समय के लिए रोक दिया है। सरकार ने जहां समिति के सामने बात रखने पर हामी भरी है तो वहीं किसानों का कहना है कि समिति के सदस्य पहले से ही कानून का समर्थन करते आए हैं ऐसे में उनसे इंसाफ की उम्मीद हम कैसे कर सकते हैं?
