संसद के मंगलवार से शुरू हो रहे मानसून सत्र के लिए भाजपा ने अपना रुख तय कर लिया है। पार्टी ने सुषमा स्वराज, वसुंधरा राजे और शिवराज सिंह चौहान से जुड़े विवादों पर रक्षात्मक नहीं होने का फैसला किया है।

साथ ही पार्टी सदन में खुल कर इसका मुकाबला करेगी, जहां इन मुद्दों पर हंगामा होने के आसार हैं। पार्टी अध्यक्ष अमित शाह ने केंद्रीय मंत्रियों अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, स्मृति ईरानी, रवि शंकर प्रसाद और पीयूष गोयल सहित पार्टी के विभिन्न सहकर्मियों व प्रवक्ताओं के साथ रणनीतिक बैठक की। इस दौरान राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे भी मौजूद थीं।

किसी का इस्तीफा नहीं लेने की बात स्पष्ट करते हुए बैठक में यह भी चर्चा हुई कि मंगलवार से शुरू हो रहे सत्र के दौरान संसद में इन मुद्दों पर विपक्ष के हमले का मुकाबला और सरकार व पार्टी के जवाब को कैसे सुसंगत किया जाएगा। विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ब्रिटिश यात्रा दस्तावेज हासिल करने में आइपीएल के पूर्व प्रमुख ललित मोदी की मदद करने को लेकर विपक्ष के निशाने पर हैं।

जबकि मानव संसाधन विकास मंत्री ईरानी अपनी शैक्षिक योग्यता से जुड़े विवाद को लेकर विपक्ष की आलोचना का सामना कर रही हैं। सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा हिमाचल प्रदेश के कांग्रेसी मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह पर भी निशाना साधने की संभावना है। वीरभद्र आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपों का सामना कर रहे हैं।

संसद में अपनी सरकार के समक्ष चुनौतियां पेश आने की संभावनाओं का संकेत देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी सोमवार को राजग के सभी घटक दलों की पहली बैठक बुलाई है ताकि विपक्ष का मुकाबला करने की रणनीति पर चर्चा की जा सके। अपने आवास पर सहयोगी दलों के साथ बैठक से पहले मोदी दो सर्वदलीय बैठकों में भी शरीक हो सकते हैं जिन्हें संसदीय कार्य मंत्री एम वेंकैया नायडू और लोकसभा स्पीकर सुमित्रा महाजन ने सत्र के सुगमता से चलने को सुनिश्चित करने के तरीकों पर चर्चा के लिए बुलया है।

संसद में विपक्ष के गर्म तेवर दिखने के आसार को भांपते हुए मोदी ने शुक्रवार को स्वीकार किया था कि मुकाबला होगा। भाजपा नीत राजग के पास लोकसभा में पूर्ण बहुमत है जबकि राज्यसभा में संख्या बल कम है। जहां कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी है और जीएसटी व भूमि विधेयक सहित अहम विधेयकों के पारित होने की कुंजी अपने पास रखे हुए है। राजग के वरिष्ठ मंत्रियों ने विभिन्न मुद्दों पर विपक्षी पार्टियों के रुख को देखते हुए सरकार के विधायी कामकाज को आगे बढ़ाने की रणनीति का खाका तैयार करने के लिए गुरुवार को भी एक बैठक की थी।

दरअसल सरकार ने मानसून सत्र के कामकाज के लिए 35 विषयों को अंतिम रूप दिया है। जिनमें नौ विधेयक शामिल हैं जो राज्यसभा में लंबित हैं और चार लोकसभा में लंबित हैं। इसके अलावा 11 नए विधेयक पेश किए जाएंगे।