Nitish Kumar : बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर विपक्षी एकता से जुड़ा बयान दिया है। उन्होने कहा है कि भाजपा पूरे देश के इतिहास को बदलने के चक्कर में है इसलिए हम सब लोगों को इकट्ठा करने का प्रयास कर रहे हैं, सब सावर्जनिक है, हमारा इसमें पर्सनल कुछ नहीं है।
पिछले कुछ वक्त से बिहार के मुख्यमंत्री विपक्षी पार्टियों के नेताओं से मिलते हुए दिखाई दिए थे जिसके बाद यह कयास लगाए जा रहे हैं कि वह 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी पार्टियों को एकजुट कर रहे हैं।
क्या बोले नीतीश कुमार?
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि देश के इतिहास को बचाने के लिए वह सभी विपक्षी दलों को एकजुट करने का प्रयास कर रहे हैं। साथ ही उन्होने कहा कि इसमें उनका किसी भी तरह का निजी स्वार्थ या एजेंडा नहीं है बल्कि यह वह सबके फायदे के लिए करना चाहते हैं। इसीलिए वह विपक्ष को एकजुट कर रहे हैं।
पटना में जुट सकते हैं विपक्षी नेता
नीतीश कुमार ने 29 अप्रैल को संकेत दिया था कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव के बाद पटना में विपक्षी नेताओं की बैठक हो सकती है। सूत्रों के मुताबिक जद (यू) सुप्रीमो ने भविष्यवाणी की कि इस बैठक में विपक्षी एकता के मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की जाएगी। यह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा 24 अप्रैल को कोलकाता में नीतीश कुमार और उनके डिप्टी तेजस्वी यादव के साथ बैठक के बाद आगामी लोकसभा चुनाव से पहले विपक्षी एकता पर चर्चा करने के लिए पटना में एक सर्वदलीय बैठक बाद तय किया गया है।
इससे पहले नीतीश कुमार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सपा नेता अखिलेश यादव, टीएमसी नेता और बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित लेफ्ट के कई नेताओं से मुलाक़ात की थी। कयास यह भी लगाए जाते रहे हैं कि नीतीश कुमार 2024 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के नेता हो सकते हैं लेकिन नीतीश कुमार ने ताजा बयान देते हुए कहा है कि विपक्ष को एकजुट करने में उनका किसी भी तरह का निजी एजेंडा नहीं है।