महाराष्ट्र के आईपीएस तथा मुंबई के पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के फरार होने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इसको लेकर भारतीय जनता पार्टी के मुंबई से विधायक आशिष शेलार ने दावा किया कि आईपीएस अधिकारी परमबीर सिंह को भगाने में महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी सरकार ने मदद की होगी। शेलार ने कहा, ‘‘हो सकता है कि परमबीर सिंह के लिए किसी पश्चिमी देश में राजनीतिक शरण हासिल करने की जमीन तैयार कर रही हो।’’

बता दें कि भाजपा विधायक आशिष शेलार ने ड्रग्स केस को लेकर दावा किया कि देश में मादक पदार्थ की समस्या से निपटने के लिए केंद्र के सख्त उपायों में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की गठबंधन की सरकार खलल डाल रही है। शेलार ने कहा कि ‘‘परमबीर सिंह को महा विकास अघाड़ी पश्चिमी देश में राजनीतिक शरण दिला सकती है।

उन्होंने कहा, “विपक्ष को डर है कि अगर परमबीर सिंह पकड़े जाते हैं तो वह सत्तारूढ़ दलों के नेताओं के लिए किए गए कुछ कामों का खुलासा कर सकते हैं।” फिलहाल परमबीर सिंह के गायब होने के बाद सवाल खड़ा हुआ है कि आखिर MVA सरकार की नाक के नीचे से वो कैसे गायब हो गए?

संजय राउत ने उठाया सवाल: सोमवार रात एनसीपी के नेता एवं राज्य के पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख को ईडी ने गिरफ्तार कर लिया। इसको लेकर शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने सवाल उठाते हुए मंगलवार को कहा कि जिस व्यक्ति ने ईडी को जांच में सहयोग किया उसे तो गिरफ्तार कर लिया गया है। लेकिन सवालों के घेरे में आए पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह देश से बाहर भाग गए हैं।

परमबीर सिंह को भगाने में केंद्र का हाथ: बता दें कि संजय राउत ने आरोप लगाया कि परमबीर सिंह को भगाने में केंद्र सरकार का हाथ है। बता दें कि हाल ही में मुंबई और पड़ोसी ठाणे में वसूली मामले से जुड़े अलग-अलग केस परमबीर सिंह के खिलाफ दो गैर जमानती वारंट जारी किए गए हैं।

आरोप के मुताबिक उद्योगपति मुकेश अंबानी के दक्षिण मुंबई स्थित आवास के बाहर विस्फोटक भरी एक एसयूवी कार मिलने के बाद परमबीर सिंह को मुंबई के पुलिस आयुक्त पद से इसी साल मार्च में हटा दिया गया था। वहीं मामले में निलंबित किए गए पुलिस अधिकारी सचिन वाजे को गिरफ्तार किया गया था। बाद में सिंह ने उस दौरान महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया था।