Delhi Assembly Election 2025 Freebie Schemes: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के विधानसभा चुनाव में ऐसा लगता है कि बीजेपी, आम आदमी पार्टी और कांग्रेस के बीच लड़ाई छिड़ गई है कि कौन कितना ज्यादा फ्री दे सकता है। एक तरह से कहा जा सकता है कि पूरा चुनाव ही फ्री की योजनाओं के मुद्दे पर लड़ा जा रहा है।
आम आदमी पार्टी ने जब 2015 में पहली बार अकेले दम पर दिल्ली में सरकार बनाई थी, तब यह कहा गया था कि पार्टी को 70 में से 67 सीटों पर कामयाबी फ्री बिजली-पानी के मुद्दे पर मिली है। 2020 में भी फ्री बिजली-पानी के वादों ने कमाल दिखाया था और पार्टी को दिल्ली में 62 सीटों पर जीत मिली थी।
इस बार के विधानसभा चुनाव में बीजेपी और कांग्रेस ने एक तरह से आम आदमी पार्टी को फ्री देने के मामले में पिछाड़ने की कोशिश की है और इन दोनों ही दलों ने भी मुफ्त की रेवड़ियों वाले वादों की बौछार कर दी है।
इस बात को टेबल के जरिये समझने की कोशिश करते हैं कि दिल्ली के चुनाव में जो मुफ्त देने की लड़ाई चल रही है, इसमें किस दल ने जनता से क्या-क्या वादे किए हैं।
तीनों दलों के बड़े और मुफ्त वाले ऐलान क्या हैं?
| आम आदमी पार्टी | बीजेपी | कांग्रेस | |
| महिलाएं | 2100 रुपये महीना और फ्री बस सेवा | 2500 रुपये हर महीने गर्भवती महिलाओं को 21 हजार | 2500 रुपये हर महीने |
| बिजली-पानी | किरायेदारों को भी फ्री बिजली-पानी, पानी के गलत बिल माफ होंगे | मुफ्त बिजली-पानी की योजना लागू रहेगी | 300 यूनिट तक मुफ्त बिजली |
| बुजुर्ग पेंशन | 2500 रुपये महीना पेंशन | 60 + को मिलेंगे 2500, 70+ को मिलेंगे 3000 रुपये हर महीने | कोई घोषणा नहीं |
| छात्र | स्कूल-कॉलेजों के छात्रों को बसों में मुफ्त सफर, मेट्रो में 50% छूट | KG से PG तक मुफ्त शिक्षा देंगे, प्रतियोगी परीक्षाओं में बैठने वाले छात्रों को 15 हजार, दलित छात्रों को कोर्स के लिए 10 हजार देंगे | शिक्षित बेरोजगार युवाओं को हर महीने 8500 रुपये भत्ता देने की घोषणा |
| सिलिंडर | कोई घोषणा नहीं | 500 रुपये में LPG सिलिंडर, होली-दीवाली पर मुफ्त देंगे | 500 रुपये में LPG गैस सिलिंडर, राशन किट फ्री |
| स्वास्थ्य | संजीवनी योजना से मिलेगा बुजुर्गों को सरकारी और निजी अस्पतालों में मुफ्त इलाज | आयुष्मान योजना लागू करेंगे, 5 लाख रुपए तक का इलाज मुफ्त | 25 लाख रुपए तक की मुफ्त चिकित्सा सुविधा देंगे |
और भी कई वादे किए
इसके अलावा आम आदमी पार्टी की ओर से ऑटो-टैक्सी और ई रिक्शा वालों की बेटियों की शादी के लिए 1 लाख रुपये देने, 10 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस देने जैसे बड़े वादे भी किए गए हैं जबकि भाजपा ने गिग वर्कर्स के लिए 10 लाख रुपए का हेल्थ इंश्योरेंस और 5 लाख का दुर्घटना बीमा करने की बात कही है। कांग्रेस ने जीवन रक्षा योजना के तहत दिल्ली के सभी लोगों के लिए 25 लाख रुपए का स्वास्थ्य बीमा देने का वादा किया है।

यह तीनों ही राजनीतिक दल अब तक करीब 21000 करोड़ रुपए की फ्रीबीजी यानी मुफ्त की योजनाओं का ऐलान कर चुके हैं। ऐसे में सवाल यह है कि इन दलों के द्वारा मुफ्त में किये जा रहे इन ऐलानों की वजह से क्या दिल्ली के बजट पर असर नहीं पड़ेगा?
इससे साफ पता चलता है कि दिल्ली में तीनों ही राजनीतिक दल सिर्फ और सिर्फ फ्री की योजनाओं के भरोसे विधानसभा का चुनाव लड़ रहे हैं। लेकिन सवाल इस बात का है कि दिल्ली के विधानसभा चुनाव में अगर तीनों बड़े राजनीतिक दल मुफ्त की योजनाओं के जरिये ही चुनाव लड़ेंगे तो असल मुद्दों पर बात कब होगी।

फ्री योजनाओं के खर्च को लेकर वित्त विभाग की चिंता
यहां इस बात को बताना बेहद जरूरी होगा कि पिछले महीने जब अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली में संजीवनी योजना और मुख्यमंत्री महिला सम्मान योजना का ऐलान किया था तो दिल्ली सरकार की ओर से ही अखबारों में विज्ञापन जारी करके कहा गया था कि सरकार की ओर से ऐसी किसी भी योजना को नोटिफाई नहीं किया गया है। दिल्ली सरकार के वित्त विभाग ने महिला सम्मान योजना में आने वाले खर्च को लेकर चिंता व्यक्त की थी।
वित्त विभाग ने कहा था कि अगर इस योजना को अमल में लाया गया तो दिल्ली सरकार के खजाने पर इसका बोझ पड़ेगा। वित्त विभाग ने स्पष्ट रूप से कहा था कि अगर महिला सम्मान योजना को लागू किया गया तो सब्सिडी पर आने वाला खर्च 15% से बढ़कर 20% हो जाएगा और ऐसे में लोन लेकर इस योजना को लागू करना ठीक नहीं होगा।

मुसीबतों से जूझ रहे दिल्ली वाले
दिल्ली के लोग कई मुसीबतों से जूझ रहे हैं। दिल्ली में प्रदूषण एक बड़ी समस्या है कई बार यहां हवा जहरीली हो जाती है और एयर क्वालिटी इंडेक्स बहुत गंभीर श्रेणी में पहुंच जाता है। ट्रैफिक जाम से लोग बुरी तरह परेशान हैं। कई इलाकों में बेहद खराब और गंदा पानी आता है और इससे बड़ी संख्या में लोग बीमार भी पड़ चुके हैं।
गर्मी के दिनों में दिल्ली में पानी को लेकर जबरदस्त मारामारी देखने को मिलती है और लोग दिल्ली जल बोर्ड के टैंकरों के पीछे भागते रहते हैं। कूड़े का पहाड़ दिल्ली में एक बहुत बड़ी मुसीबत है और इसे लेकर अब तक काफी बयानबाजी हो चुकी है। लेकिन इस मुसीबत का हल किसी के पास नहीं दिखता।
यह ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सबसे पहले बात होनी चाहिए लेकिन दिल्ली के चुनाव में जहां लोगों को अपनी अगली सरकार चुनने के लिए वोट देना है वहां लोगों को सिर्फ फ्री योजनाओं का सब्जबाग दिखाकर ही वोट हासिल करने की कोशिश तीनों राजनीतिक दलों की ओर से की जा रही है।
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