Biparjoy Cyclone गुजरात से टकराने वाला है। इस एक तूफान ने पूरे देश को अलर्ट मोड पर ला दिया है, गुजरात में तो मुख्यमंत्री ने आपातकाल बैठक भी कर ली है। अब ये Biparjoy Cyclone गुजरात के लिए ज्यादा बड़ा खतरा इसलिए है क्योंकि पिछले 25 सालों से इस राज्य ने कोई सीवियर कैटेगरी का तूफान नहीं देखा है।
1981 से देखा जाए तो सिर्फ पांच बड़े और ताकतवर Cyclone ने गुजरात में दस्तक दी है। उनकी रफ्तार 89 प्रति घंटे से 117 प्रति घंटे तक की रही है। 1920, 1961, 1964 , 1996 और 1998 में ताकतवर तूफान से गुजरात में स्थिति विस्फोटक बन चुकी है। यहां भी जो 1998 वाला तूफान था, तब तो हवाएं 166 प्रति घंटे की रफ्तार से चली थीं। ये वो समय था जब तूफानों को नाम देने का चलन नहीं था, लेकिन इतिहास के पन्नों में ये सारे डेटा मौजूद हैं।
अब इन आंकड़ों के बीच बात जब Biparjoy की आती है तो ये कई मायनों में अलग है। सबसे पहले तो ये तूफान जून में आ रहा है, ये अपने आप एक ऐसी घटना है जो ज्यादा देखने को नहीं मिलती है। मौसम विभाग के अनुसार जून साउथवेस्ट मॉनसून का वक्त रहता है, ये किसी भी तरह के तूफान के बनने के लिए अनुकूल नहीं माना जाता है। इसी वजह से जो Biparjoy Cyclone आ रहा है, उसको लेकर सभी ज्यादा सतर्क हैं।
वैसे भी मौसम विभाग ने बताया है कि ये जो चक्रवात आ रहा है, ये सीवियर रूप ले सकता है, इसकी संभावना 35 प्रतिशत के करीब है। इससे पहले 1977 और 1998 में ऐसी स्थिति बनी थी, अब Biparjoy Cyclone भी इसी लिस्ट में जुड़ने जा रहा है। यहां ये समझना भी जरूरी है कि यह चक्रवात अरब सागर से शुरू हुआ है। इस चक्रवात का नाम ‘बिपारजॉय’ बांग्लादेश द्वारा सुझाया गया था और इस शब्द का अर्थ बंगाली में ‘आपदा’ है।
अभी के लिए आपदा प्रबंधन प्रभाग और नेशनल इमरजेंसी रिस्पांस सेंटर ने भी गुजरात सरकार को एक एडवाइजरी जारी की है जिसमें कड़ी निगरानी रखने, उचित एहतियाती कदम उठाने के लिए कहा गया है। इस सतर्कता का खास कारण चक्रवात के रहते पाकिस्तान में हुए नुकसान को भी बताया जा रहा है, जहां जिससे कई घर गिर गए और कम से कम 25 लोगों की मौत हो गई और 145 लोग घायल हो गए हैं।