कश्मीर के बारामूला में 2019 के आतंकवाद विरोधी अभियान में ड्यूटी के दौरान शहीद हुए विशेष पुलिस अधिकारी बिलाल अहमद माग्रे को मंगलवार को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। शांति के समय दिया जाने वाला यह तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। शहीद बेटे की ओर से उनकी मां सारा बेगम ने यह पुरस्कार नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से प्राप्त किया। इस दौरान जब बेटे बिलाल अहमद माग्रे के त्याग और बलिदान के बारे में बताया जा रहा था, तब उनकी मां सारा बेगम फफक कर रो पड़ी। बड़ी मुश्किल से वे अपने आंसुओं को रोक सकीं।

जम्मू-कश्मीर के एसपीओ बिलाल अहमद माग्रे ने 2019 में बारामूला में एक आतंकवाद विरोधी अभियान के दौरान गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद नागरिकों को निकालने और आतंकवादियों को उलझाए रखने में अदम्य साहस दिखाया था। देश के लिए उनके इस त्याग और बलिदान के लिए उन्हें मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया। नई दिल्ली में राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी मां सारा बेगम को यह सम्मान प्रदान किया। इससे पहले

उनको दिए गए प्रशस्ति पत्र में बताया गया है कि “एसपीओ बिलाल अहमद जब नागरिकों को निकाल रहे थे, तो छिपे हुए आतंकवादी ने उन पर और उनके संचालन सहयोगियों पर अंधाधुंध हमला किया, कई हथगोले फेंके और गोलीबारी की। इसकी वजह से उन्हें और पार्टी कमांडर एसआई अमर दीप और एक नागरिक सोनू लाल को भी गंभीर चोटें आईं। बिलाल अहमद अंतिम सांस तक लोगों को बचाने में जुटे रहे।”

पिछले साल जून में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में चीन के हमले के खिलाफ भारतीय सैनिकों का नेतृत्व करने वाले 16वीं बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अधिकारी कर्नल बिकुमल्ला संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया। चार अन्य सैनिकों, नायब सूबेदार नुदुरम सोरेन, हवलदार (गुन्नेर) के पलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया। पिछले साल 15 जून को गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प में चीनी सैनिकों से लड़ते हुए इन बहादुर जवानों ने अपने प्राणों की आहुति दे दी थी। राष्ट्रपति भवन में आयोजित समारोह में संतोष बाबू की पत्नी बी संतोषी और मां मंजुला ने पुरस्कार ग्रहण किया।

परमवीर चक्र के बाद महावीर चक्र युद्धकाल का दूसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। तीसरी मीडियम रेजिमेंट के हवलदार तेजिंदर सिंह गलवान घाटी में हुई झड़प में भारतीय थल सेना की टीम का हिस्सा थे। उन्हें वीर चक्र से सम्मानित किया गया है। वीर चक्र युद्धकाल के लिए देश का तीसरा सर्वोच्च वीरता पुरस्कार है। नायब सोरेन की पत्नी लक्ष्मी मणि सोरेन, हवलदार पलानी की पत्नी वनथी देवी और नायक सिंह की पत्नी रेखा सिंह ने राष्ट्रपति से पुरस्कार ग्रहण किया।

सिपाही गुरतेज सिंह की मां प्रकाश कौर और पिता विरसा सिंह ने राष्ट्रपति से वीर चक्र ग्रहण किया। राष्ट्रपति भवन में मंगलवार को राष्ट्रपति ने दो अलग-अलग समारोह में एक महावीर चक्र (मरणोपरांत), छह कीर्ति चक्र (पांच मरणोपरांत), 10 वीर चक्र (आठ मरणोपरांत) और 15 शौर्य चक्र (नौ मरणोपरांत) प्रदान किए।