NRC,NPR के साथ जातीय जनगणना के मुद्दे पर एक दूसरे से गुत्थमगुत्था हो चुकी बीजेपी और जेडीयू के बीच फिर से तनाव पैदा होता दिख रहा है। इस बार मुद्दा है जनसंख्या नियंत्रण कानून का। बीजेपी इस मसले पर जमकर पैरवी कर रही है वहीं बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने इस मुद्दे को बेवजह का बताकर खारिज कर दिया है। उनका कहना है कि बिहार के मद्देनजर फिलहाल इसकी कोई जरूरत नहीं है।

बीजेपी ने बिहार में जनसंख्‍या नियंत्रण कानून की भी मांग की है। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के बाद राज्य के वन पर्यावरण मंत्री नीरज कुमार बबलू ने कहा है कि जातिगत गणना तो अब हो ही रही है। अब जल्द से जल्द जनसंख्या नियंत्रण कानून भी बिहार में लागू होना चाहिए। उनका कहना है कि जिस रफ्तार से एक धर्म की आबादी बढ़ रही है उसकी जानकारी भी जनता के समाने आनी जरूरी है। अब इसमे देर नहीं होनी चाहिए और बिहार में जनसंख्या नियंत्रण कानून लागू किया जाना चाहिए।

नीतीश कुमार ने इस मुद्दे पर कहा कि सिर्फ कानून बनाने से जनसंख्या पर नियंत्रण नहीं होने वाला है। बिहार में जनसंख्या के नियंत्रण पर लगातार काम हो रहा है। इस पर कानून लाने की कोई जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि चीन में भी लंबे समय तक एक से दो बच्चे ही पैदा करने का कानून था। उन्होंने चीन जाकर भी देखा। लेकिन इस कानून का कोई फायदा नहीं नजर आया। चीन में कई जगहों पर लोगों के तीन-तीन बच्चे हैं।

सीएम नीतीश ने बीजेपी को सलाह दी कि जनसंख्या नियंत्रण कानून लाने से कुछ नहीं होने वाला है। सरकार को इस बारे में जागरूकता फैलानी होगी। लोगों को इसके लिए मनाना होगा। तभी जाकर इसका फायदा मिलेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार गरीब राज्य है। यहां जनसंख्या नियंत्रण पर लगातार काम हो रहा है। इसका फायदा भी दिख रहा है। राज्य में प्रजनन दर 4.3 से घटकर 3 हो गई है। अब इसे 2 पर लाने का लक्ष्य है।

खास बात है कि नीतीश ने बीजेपी को ये तेवर तब दिखाए हैं, जब बीजेपी लगातार उनकी आलोचना कर रही है। कभी शराबबदी तो कभी किसी और मसले पर बीजेपी उनको घेरने में लगी है। सीएम बदलने तक की डिमांड हो चुकी है। लेकिन नीतीश के तेवरों से साफ है कि वो झुकने वाले नहीं।