राष्ट्रीय जनता दल (RJD) अध्यक्ष लालू यादव ने दिल्ली से ही वर्चुअल माध्यम से पटना में चल रहे राजद के जिलाध्यक्षों और प्रखंड अध्यक्षों के प्रशिक्षण शिविर को संबोधित किया। इस दौरान उन्होंने अपने छोटे बेटे और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव की जमकर तारीफ की। लेकिन बड़े बेटे तेजप्रताप का नाम भी नहीं लिया।
लालू ने कहा कि देश भर के नेता उनसे मिलने आते हैं, सभी तेजस्वी की तारीफ करते हैं। वो कहते हैं कि तेजस्वी तो बहुत तेज हो गया है। अच्छा काम कर रहा है और बहुत आगे जाएगा। लालू ने कहा, “तेजस्वी के नेतृत्व को बिहार की जनता ने भी स्वीकार लिया है। बिहार के अन्य दलों के नेता भी कहते हैं कि तेजस्वी काफी अच्छा कर रहा है।”
उन्होंने कहा कि वर्ष 2020 के चुनाव में राजद को बेइमानी कर हरा दिया गया।लालू ने कहा, “राजद हर किसी को चुनाव लड़ने का मौका देता है। पर जो हार जाता है वो पार्टी छोड़कर भाग जाता है। जिसे टिकट नहीं मिलता वो नाराज हो जाता है।”
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा कि वो अपने ही उम्मीदवार को हराने में लग जाता है। वो सोचता है कि सामने वाला हारेगा तो हमको टिकट मिलेगा। ये सब ठीक नहीं है, पार्टी के प्रति समर्पित कार्यकर्ताओं को पार्टी के प्रति वफ़ादारी निभानी चाहिए।”
आरजेडी सुप्रीमो ने कहा, “राजद बिहार में सबसे बड़ी पार्टी है और कभी भी राजद का वोट कम नहीं होता है। आने वाले उपचुनाव में बेहतर उम्मीदवार को टिकट दिया जाएगा।” वहीं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ‘हर घर नल का जल’ योजना से राजनेताओं के करीबियों को बड़ा फायदा मिला है। “द इंडियन एक्सप्रेस” की एक रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
इसके लेकर तेजस्वी यादव ने नीतीश कुमार को चुनौती दी है कि वे डिप्टी सीएम तारकिशोर प्रसाद के खिलाफ कार्रवाई करें। तेजस्वी ने कहा कि उप मुख्यमंत्री ने गलत तरीके से अपने परिवार और सहयोगियों को 53 करोड़ का कॉन्ट्रैक्ट दिया है और मुख्यमंत्री कार्रवाई की हिम्मत तक नहीं जुटा पा रहे हैं।
राजद के प्रशिक्षण शिविर के समाप्त होने के बाद तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार में भ्रष्टाचार चरम पर है। जनता के पैसे की लूट की जा रही है और इस लूट में बीजेपी और जेडीयू के नेता शामिल हैं। कहा कि क्या अब नीतीश कुमार को बिहार में भ्रष्टाचार नजर नहीं आ रहा है। जब सृजन की फाइल खुलती है, तब नीतीश कुमार चुप्पी साध लेते हैं। आखिर उप मुख्यमंत्री पर कार्रवाई क्यों नहीं होती है?