कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर प्रचार अभियान की शुरुआत गया जिले के वजीरगंज से की। यहां उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर एक बार फिर अपने झूठे वादों के जरिए जनता को आकर्षित करने का आरोप लगाया और कहा कि धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के वादे भाजपा के चुनावी जुमलों की तरह नहीं हैं।
वजीरगंज में शनिवार को चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने कहा, ‘हमारे वादे उनके चुनावी जुमलों की तरह नहीं हैं। उनके और हमारे बीच यही अंतर है’। उन्होंने कांग्रेस पार्टी के देश की आजादी से लेकर आधुनिक भारत के निर्माण में योगदानों की याद दिलाते हुए कहा, ‘हमलोगों के लिए विकास कोई नारा नहीं’। उन्होंने कर्मचारियों से लेकर फैक्टरी मजदूरों के आंदोलन करने पर विवश होने का आरोप लगाते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ऐसा कानून लाना चाहते हैं जिससे कामगारों का शोषण करने की खुली छूट मिल जाए।
सोनिया ने आरोप लगाया कि जब से केंद्र में मोदी सरकार आई है जीवनरक्षक दवाएं महंगी होती जा रही हैं। इंसेफलाइटिस मगध क्षेत्र में एक गंभीर समस्या है। लोकसभा चुनाव के दौरान मोदी जी यहां आए और उन्होंने इस पर काबू पाने का वादा किया था। और आज एक बार फिर वे बिहार विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान स्वास्थ्य सुविधाएं और सबको मुफ्त दवा देने का वादा कर रहे हैं। उन्होंने कहा, यह कैसा झूठ है जबकि उन्होंने स्वास्थ्य के बजट में बड़ी कटौती कर दी है। यही नहीं उन्होंने तो महिलाओं और बच्चों के कल्याण से जुड़ी योजनाओं में भी भारी कटौती कर दी है।
उन्होंने देश में बढ़ती महंगाई की ओर इशारा करते हुए कहा कि दालें आज इतनी महंगी हो गई हैं कि आम जनता को यह अब मयस्सर नहीं हो पा रही है। मगध का इलाका दाल उपजाने के लिए मशहूर है। दाल की आसमानी कीमत का फायदा किसानों को बिलकुल नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी जन-धन योजना की खूब सराहना करते हैं। लेकिन इस योजना के तहत खुलने वाले खातों में राशि देने के उनके वादे का क्या हुआ?
सोनिया ने कहा कि विश्व बाजार में तेल की कीमत लगातार बढ़ती रही पर केंद्र की पूर्ववर्ती यूपीए सरकार ने जनता के हितों का हमेशा ख्याल रखने की कोशिश की। लेकिन वर्तमान में तेल की कीमत गिरने के बावजूद देश की जनता को राहत नहीं मिल पा रही। उन्होंने आरोप लगाया कि वर्तमान केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण गरीबों की कमर टूट रही है। उन्होंने कहा कि किसी भी प्रधानमंत्री ने विदेश की धरती पर अपने राजनीति विरोधियों पर कभी कीचड़ नहीं उछाला, लेकिन मोदी जी ने अपनी संकीर्ण मानसिकता और निम्न स्तर की राजनीति का परिचय विदेश जाकर दिया है जो हमारे देश के प्रधानमंत्री पद की गरिमा को नीचे गिराता है।
सोनिया ने पिछले लोकसभा चुनाव में नरेंद्र मोदी के किए गए वादों की ओर इशारा करते हुए कहा कि हमारे लिए वादा करना चुनावी जुमला नहीं है। हम जो वादा करते हैं उसे पूरा करने के लिए दिलोजान से संघर्ष करते हैं। यही हमारे और भाजपा के बीच फर्क है। विकास हमारे लिए केवल एक नारा नहीं है, बल्कि 60 वर्षों की असीम तपस्या है। उन्होंने अपनी पार्टी कांग्रेस की ओर इशारा करते हुए कहा कि एक पार्टी जिसने आजादी की लड़ाई लड़ी है, कुर्बानियां दी हैं और आजादी हासिल की और आधुनिक भारत का निर्माण किया है। ऐसे में कोई चाहे जितने भी प्रयास कर ले और जितने भी झूठ बोले, लेकिन कांग्रेस की कुर्बानियों और योगदान को इतिहास कभी भुला नहीं सकता।
सोनिया ने कहा कि यह केवल बिहार विधानसभा चुनाव के लिए वोट का मामला नहीं है बल्कि मोदी सरकार की गरीब विरोधी नीतियों के खिलाफ वोट का मामला है। इसलिए आपकी जिम्मेदारी बनती है कि इस गरीब विरोधी, वादाखिलाफी और समाज को बांटने वाली सरकार और उसके सहयोगियों के खिलाफ वोट करें।
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि नीतीश कुमार की छवि एक अच्छे मुख्यमंत्री के तौर पर सारा देश जानता है और वही हमारे महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार हैं। इसलिए आपसे निवेदन है कि सांप्रदायिक सौहार्द, सामाजिक न्याय की बुनियाद को मजबूत करने के लिए कांग्रेस, लालू प्रसाद की पार्टी राजद और शरद यादव की पार्टी जद (एकी) के सभी उम्मीदवारों को भारी मतों से जिताएं और नीतीश कुमार के नेतृत्व में बिहार के विकास के लिए संघर्ष करने वाली सरकार बनाएं।
इससे पूर्व बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने मोदी के 16 महीने के शासन को देश के लिए ‘नुकसानदेह’ करार दिया और कहा कि बिहार के मतदाता यह फैसला करेंगे कि वे बांटने वालों के साथ आगे बढ़ेंगे या सौहार्द रखने वालों के साथ।
सोनिया ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी देश से अधिक समय विदेशों में व्यतीत करते हैं। चुटकी लेने के अंदाज में कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि प्रधानमंत्री पैकेजिंग और रिपैकेजिंग के विशेषज्ञ हैं और उन्होंने पूर्व सरकारों की पुरानी योजनाओं को सिर्फ नए रूप में पेश किया है और नए पैकेज का नाम दिया है।
कांग्रेस अध्यक्ष ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत की कोटा नीति की समीक्षा करने की टिप्पणी की पृष्ठभूमि में आरक्षण के मुद्दे की भी चर्चा की। उन्होंने संघ का नाम लिए बिना कहा, ‘नागपुर और भाजपा के बीच मैच फिक्स है। लेकिन मैं आपको बताना चाहती हूं कि एससी, एसटी और ओबीसी कोटा पर संवैधानिक प्रावधानों के बारे में कांग्रेस प्रतिबद्ध है’।
बिहार विधानसभा चुनाव को निर्णायक करार देते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा, ‘बिहार एक अहम पड़ाव पर खड़ा है। यहां से बिहार और देश का भविष्य तय होगा। आपको यह फैसला करना होगा कि देश बांटने वाली राह पर बढ़ेगा या सौहार्द की राह पर’। उन्होंने कहा, ‘मोदी बिहार के लोगों को भ्रमित करने का प्रयास कर रहे हैं। उनकी ओर से घोषित पैकेज वास्तविकता से काफी दूर है। पैकेज की सच्चाई क्या है? प्रधानमंत्री पैकेजिंग और रिपैकेजिंग के विशेषज्ञ हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, ‘प्रधानमंत्री पैकेजिंग और रिपैकेजिंग के विशेषज्ञ हैं और केवल पूर्व की सरकार की पुरानी योजनाओं को नए रूप में और एक नए पैकेज के तहत पेश किया है’। उन्होंने लोगों से पूछा कि क्या वे धर्मनिरपेक्ष ताकतों के साथ खड़े हैं या देश को बांटने वालों के साथ। विदेश यात्राओं के लिए प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी अक्सर विदेश जाना पसंद करते हैं। वे प्रसिद्ध लोगों को गले लगाते हैं लेकिन उनके पास गरीबों के लिए कोई समय नहीं है। वे विदेश जाएं लेकिन जिन लोगों ने उनमें भरोसा जताया है, उनके साथ राजनीति ना करें’।
गया शहर से करीब 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित वजीरगंज सोनिया का दूसरा चुनावी पड़ाव था। इससे पूर्व उन्होंने बिहार के भागलपुर जिला के कहलगांव स्थित एक चुनावी सभा को संबोधित किया। कांग्रेस अध्यक्ष का यह चुनावी अभियान बिहार विधानसभा चुनाव की घोषणा के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की शुक्रवार को बांका में पहली चुनावी रैली के बाद शुरुआत है।
सोनिया की इन दोनों सभाओं में न तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और न ही राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद उपस्थित थे बल्कि जद (एकी) और राजद के कुछ उम्मीदवार के अलावा कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी और कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी मंच पर उनके साथ मौजूद थे। दोनों कहलगांव और वजीरगंज से क्रमश: कांग्रेस उम्मीदवार सदानांद सिंह और अवधेश कुमार सिंह बिहार विधानसभा चुनाव में अपना भाग्य आजमा रहे हैं।