उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री और सपा के नेता अखिलेश यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए आज आरोप लगाया कि पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी की ब्रांडिंग एवं मार्केटिंग करने वाली कंपनी अब नीतीश के लिए काम कर रही है।

‘समाजवादी धर्मनिरपेक्ष मोर्चा’ के चुनावी अभियान की आज यहां शुरुआत करते हुए अखिलेश ने बिहार विधानसभा चुनाव के समय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस प्रदेश को 1.25 लाख करोड़ रुपये का पैकेज दिए जाने की घोषणा और उसका प्रचार होर्डिंग सहित अन्य माध्यम से किए जाने पर कटाक्ष किया और कहा कि पिछले डेढ़ साल के दौरान केंद्र ने बिहार को क्या दिया यह इस प्रदेश के लोगों को बेहतर तौर पर जानते होंगे।

इस तीसरे मोर्चे में शामिल अन्य दलों राजद से निष्कासित मधेपुरा से सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव की पार्टी जन अधिकार पार्टी, पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि की पार्टी समरस समाज पार्टी, भाजपा नीत राजग के घटक दल हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा सेक्युलर से हाल में इस्तीफा देने वाले पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र यादव की पार्टी समाजवादी जनता पार्टी तथा पूर्व लोकसभा अध्यक्ष पी ए संगमा की पार्टी नेशनल पीपुल्स पार्टी के साथ बिहार विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं।

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा और उनकी पार्टी मोदी द्वारा किए गए वादों की ओर इशारा करते हुए अखिलेश ने कहा कि ‘अच्छे दिन’ आने के बड़े-बड़े सपने दिखाए गए क्योंकि जमाना ब्रांडिंग और मार्केटिंग का है। कोई कंपनी तय कर देती है कि ‘अच्छे दिन’ ऐसे आ सकते हैं तो उन्होंने तय कर लिया कि ‘अच्छे दिन’ ऐसे आएंगे। वह उस पार्टी (भाजपा) का नारा नहीं था बल्कि क्योंकि वह ब्रांडिंग और मार्केटिंग का नारा था। वह कंपनी उनको (मोदी) चुनाव लड़वा रही थी अब उससे हिसाब किताब बदल गया और वह वर्तमान में दूसरों (नीतीश) को चुनाव लड़वा रही है।

अखिलेश ने मोदी पर पड़ोसी देश नेपाल जाकर वहां की जनता को सपना दिखाने का आरोप लगाते हुए कहा कि आज नेपाल में संविधान बनाए जाने पर सीमावर्ती लोगों के बीच निराशा है। उन्होंने कहा कि देश की सीमाओं को सुरक्षित कर दिए जाने और नक्सलवाद को समाप्त कर दिए जाने का वादा किया गया था पर आज भी सीमा पर लोग शहीद हो रहे हैं और नक्सलवाद समाप्त नहीं हुआ।

अखिलेश ने कटाक्ष करते हुए कहा कि कालाधन बैंक में डालने से सफेद कैसे हो जाता है यह उन्हें नहीं पता है, पर यह उत्तर प्रदेश के लोगों को तो मिला नहीं, बिहार में लोगों को मिला या नहीं यह प्रदेश के लोग ही बता सकते हैं।

भाजपा के पिछले लोकसभा चुनाव के समय ‘अच्छे दिन’ आने के वादे और हाल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिल्ली से विकास की गंगा बहने के बयान पर कटाक्ष करते हुए अखिलेश ने कहा कि गंगा उत्तर प्रदेश होकर बिहार आती है जब उत्तर प्रदेश को कुछ नहीं मिला तो बिहार को भला क्या मिला होगा।

उन्होंने गंगा की सफाई के भाजपा के वादे पर कटाक्ष करते हुए कहा कि अब परिवहन के लायक बनाकर कारोबार की बात कर रहे हैं।….उन्होंने कहा था कि नदी को साफ और पवित्र कर देंगे पर अब सुना है कि कारोबार के लिए नदी को गहरा करना चाहते हैं। क्या भाजपा से कोई इसकी उम्मीद कर सकता है।

अखिलेश ने भाजपा पर उत्तर प्रदेश में अपराध को बढा चढाकर पेश कर उनकी सरकार को बदनाम करने का आरोप लगाते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नीतीश कुमार के डीएनए को लेकर की गयी टिप्पणी पर कटाक्ष किया और आम जनता जिसे डीएनए के बारे में पता नहीं था वे भी अब इसकी बात करने लगे हैं।

उन्होंने उनकी सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश में चलयी जा रही योजनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि देश का सबसे बड़ा एक्सप्रेस वे आज उत्तर प्रदेश में बन रहा है।

अखिलेश ने कहा कि अभी प्रधानमंत्री जी वाराणसी आए और एलईडी बांटे जाने की घोषणा की पर उनकी सरकार पूर्व से ही ऐसा लोहिया आवास योजना के तहत कर रही है। उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश में जो कुछ गरीबों के कल्याण और विकास कार्य हो रहे हैं, वह बिहार में भी हो सकता है।

अखिलेश ने समाजवादियों ने यह उदाहरण पेश किया है अगर संसाधन है और पैसे का इंतजाम है तो उसे गरीबों तक कैसे पहुंचाया जा सकता है। जदयू-राजद-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन से नाता तोड़ लिए जाने पर जदयू के प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह के सपा और उसके प्रमुख मुलायम सिंह यादव की धर्मनिरपेक्षता को लेकर की गयी टिप्पणी की ओर इशारा करते हुए अखिलेश ने कहा कि यह राजनीति है। कोई कुछ की कहा सकता है और सबसे अधिक उससे (भाजपा) बचकर रहना है क्योंकि वो कुछ भी प्रचार करा सकते हैं।

उन्होंने कहा कि सपा और नेता जी (मुलायम) को किसी के सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है क्योंकि असली लडाई सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ उन्होंने लड़ी है। उत्तर प्रदेश में जो परिवर्तन लाने का काम नेता जी के नेतृत्व में हुआ है और उनकी सरकार के साढे तीन साल के शासनकाल में जो विकास और कल्याणकारी कार्य किए गए हैं, इसी धर्मनिरपेक्ष और समाजवाद के रास्ते को देश भर में अपनाया जाना चाहिए।

उन्होंने कहा कि बिहार वही धरती है जहां जय प्रकाश नारायण, राममनोहर लोहिया और कर्पूरी ठाकुर ने आंदोलन छेड़े थे और ये राज्य देश की राजनीति में परिवर्तन ला सकते हैं। अखिलेश ने कहा कि सवाल गठबंधन का नहीं बल्कि पांचों उंगलियों को जोड़ने का है। नेता जी (मुलायम सिंह यादव) ने बहुत बड़ा काम किया है इससे ताकत बढ़ी है।

उन्होंने बिहार की जनता को धर्मनिरपेक्ष सोच और समाजवादी राह की आवश्यक्ता जताते हुए कहा कि यहां मौजूद नेतागण इस रास्ते को हमवार करने का काम करेंगे।

सपा के इस सम्मेलन को तारिक, देवेंद्र, पप्पू, सपा नेता किरणमय नंदा, रघुनाथ झा और नागमणि सहित घटक दलों के अन्य नेताओं ने भी संबोधित किया।