हिंदुस्तान अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के संस्थापक व बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के प्रमुख व केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से दलित नेता के रूप में उनकी हैसियत पर सवाल किया है और उन पर परिवार केंद्रित राजनीति करने का आरोप लगाया है जिससे बिहार विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा नीत राजग में दरार आती प्रतीत हो रही है।
मांझी ने मंगलवार को एक संवाददाता सम्मेलन में पासवान पर पलटवार करते हुए कहा कि लोजपा नेता ने एक टीवी समाचार चैनल पर उन्हें राजग में ट्रायल पर होने की बात कर उनका अपमान किया है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वे 1970 से राजनीतिक तौर पर सक्रिय हैं और विधायक व बिहार में काबीना मंत्री रहने के साथ पिछली जद (एकी) सरकार में करीब नौ महीने तक प्रदेश के मुख्यमंत्री भी रहे।
मांझी ने पासवान पर प्रहार करते हुए उनसे दलित नेता के रूप में उनकी हैसियत पूछने के साथ उनपर परिवार केंद्रित राजनीति करने का आरोप लगाया। उन्होंने पासवान के बारे में कहा कि जब वे अनुसूचित जाति की विभिन्न समस्याओं पर एक शब्द नहीं बोलते हैं तो ऐसे में वे दलितों के राष्ट्रीय नेता होने का दावा कैसे करते हैं। उन्होंने पासवान और दुसाध को महादलित में शामिल नहीं किए जाने का भी विरोध नहीं किया था।
‘हम’ नेता नीतीश मिश्र, अजित सिंह, पूनम देवी और अन्य की उपस्थिति में मांझी ने कहा कि उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान पासवान और दुसाध को महादलित में शामिल किया। इसके मद्देनजर तो केंद्रीय मंत्री पासवान को अपनी जाति का भी नेता नहीं माना जा सकता। मांझी ने कहा कि वे आदर के साथ कहना चाहेंगे कि पासवान जी ने अपने पुत्र और भाइयों से ऊपर कभी अपनी पार्टी लोजपा को नहीं बढ़ने दिया। उनकी पूरी राजनीति उनतक घूमती रहती है।
जद (एकी) की ओर से पिछले फरवरी महीने में नीतीश कुमार को फिर से अपना नेता चुन लिए जाने के बाद बागी रुख अख्तियार करते हुए अपनी पार्टी – हम सेक्युलर – का गठन करने के बाद राजग में शामिल हुए मांझी की पार्टी, लोजपा और रालोसपा के साथ भाजपा ने बिहार विधानसभा के चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रखी है और उनके बीच सीटों के बंटवारे की अभी घोषणा होना बाकी है।
मांझी ने कहा कि उन्होंने और पासवान, दोनों ने प्रधानमंत्री की मुजफ्फरपुर और गया में आयोजित रैलियों को संबोधित किया था और भागलपुर की रैली में उपस्थित रहे। उन्होंने कहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बाद मैं ही एकमात्र नेता हंू जिसकी सबसे अधिक प्रशंसा हुई। यह दर्शाता है कि किस नेता के पास जनता का समर्थन है। पासवान अगर इसे नहीं समझ पा रहे हैं तो क्या किया जा सकता है।
उन्होंने कहा कि पासवान को पिछले लोकसभा चुनाव में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत के लिए भाजपा और मोदी जी का शुक्रिया अदा करना चाहिए। टिकट बंटवारे पर पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने अपनी शर्त रखी है कि हम सेक्युलर में मौजूद 13 विधायकों के मामले में वह किसी प्रकार का समझौता नहीं करेंगे। यह फार्मूला आगामी बिहार विधानसभा चुनाव में निवर्तमान विधायकों को लेकर भी लागू होता है।
पासवान पर अपना हमला जारी रखते हुए मांझी ने कहा कि एक दल जिसका बिहार विधानसभा में एक भी विधायक नहीं है वह 75 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रहा है। इस लिहाज से हमारे पास 13 विधायक हैं और हमें उसके मुताबिक सीटें लड़ने के मिलनी चाहिए।
मांझी ने स्वयं को राजग में मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार होने से इनकार करते हुए कहा कि इसको लेकर पूर्व में ही मोदी को अवगत कर दिया है पर उनकी पार्टी को अगर समुचित प्रतिनिधित्व नहीं दिया गया तो भाजपा और राजग को हानि झेलनी होगी।
मांझी के आरोपों पर पासवान द्वारा स्वयं कोई टिप्पणी किए जाने से बचते हुए उनके पुत्र और लोजपा संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि मांझी ने किन कारणों से और किस परिप्रेक्ष्य में ये बातें कहीं हंै, जबतक उसे उनकी पार्टी समझ नहीं लेती, कोई टिप्पणी करना उचित नहीं होगा।