राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद की टिप्पणी से महागठबंधन और राजग के बीच फिर से वाकयुद्ध छिड़ गया है। लालू ने कहा था कि बिहार का चुनाव पिछड़ी और अगड़ी जातियों के बीच है। लालू प्रसाद की यह जातिवादी टिप्पणी चुनाव आयोग के जांच के घेरे में आ सकती है। मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी ने सोमवार को यहां कहा कि कोई भी जातिवादी टिप्पणी चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है।
जैदी ने एक सवाल के जवाब में संवाददाताओं से कहा-‘जातिवादी टिप्पणी चुनाव आयोग के दिशानिर्देशों का उल्लंघन है। चुनाव आयोग ऐसे मामलों से अपने कानूनी रूपरेखा के तहत निपटता है।’ उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग प्रसाद की ओर से की गई कथित जातिवादी टिप्पणी की जानकारी प्राप्त करेगा और उचित कार्रवाई करेगा।
चुनाव आयोग के पूर्ण पैनल के राज्य के दो दिवसीय दौरे की समाप्ति पर जैदी ने कहा-‘हमने बिहार में विधानसभा चुनाव के पहले तीन चरणों के लिए तैयारियों की समीक्षा कर ली है और अधिकारियों को स्वतंत्र, निष्पक्ष, शांतिपूर्ण और भागीदारी वाला और मतदाता अनुकूल चुनाव सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है।’
राजनीतिक दलों, जिला एवं पुलिस अधिकारियों के साथ बैठकों के दौरान मुख्य चुनाव आयुक्त के साथ आयोग के दो अन्य सदस्य ओम प्रकाश रावत और अचल कुमार ज्योति के साथ ही अन्य शीर्ष अधिकारी भी मौजूद थे।
मालूम हो कि राघोपुर विधानसभा सीट से रविवार को अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के चुनाव प्रचार की शुरुआत करते हुए लालू ने कहा कि चुनाव पिछड़ी और अगड़ी जातियों के बीच का मुकाबला है और उन्होंने यादव जाति के सदस्यों और अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से आह्वान किया कि वे धर्मनिरपेक्ष गठबंधन का समर्थन करें।
इस बीच जद (एकी) के प्रवक्ता अजय आलोक ने लालू का बचाव करते हुए कहा कि उनका मतलब केवल आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के बयान से पिछड़ी जातियों को सतर्क करना था जिन्होंने आरक्षण की नीति पर सवाल खड़े किए थे।
भाजपा नीत राजग ने लालू यादव के बयान की कड़ी आलोचना की है। अरवल में एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए भाजपा के वरिष्ठ नेता सुशील कुमार मोदी ने जाति की टिप्पणी को लेकर प्रसाद की जम कर आलोचना की। उन्होंने कहा कि राजग विकास को लेकर प्रतिबद्ध है। उन्होंने व्यंग्यपूर्वक कहा कि आगामी राजग सरकार जिन अच्छी सड़कों का निर्माण कराएगा, उन पर पिछड़ी और अगड़ी दोनों जातियों के लोग चलेंगे।
राजग में यादव जाति के नेताओं ने भी कड़ा प्रतिवाद किया। केंद्रीय राज्यमंत्री रामकृपाल यादव ने लालू को याद दिलाया कि ‘यह 1990 का बिहार नहीं है बल्कि 2015 का बिहार है।’ रामकृपाल यादव ने पूछा-‘क्या यदुवंशी का मतलब आपसे और आपके परिवार से है?’
विपक्ष के नेता नंदकिशोर यादव ने लालू की आलोचना करते हुए कहा कि निश्चित हार को देखते हुए वह जाति के तनाव को ‘उकसा’ रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज के यादव युवकों को कंप्यूटर शिक्षा और लैपटॉप चाहिए और वे प्रसाद की जातिवादी अपील में रुचि नहीं रखते।
राष्ट्रीय लोक समता पार्टी के प्रमुख उपेंद्र कुशवाहा ने भी लालू प्रसाद की आलोचना की और कहा कि वे ‘अपने पुनरुत्थान के प्रयास के तहत’ भड़काऊ अपीलें कर रहे हैं।