बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का चुनाव प्रचार शनिवार शाम पांच बजे थम गया। पहले चरण में प्रदेश के दस जिलों समस्तीपुर, बेगूसराय, खगड़िया, भागलपुर, बांका, मुंगेर, लखीसराय, शेखपुरा, नवादा और जमुई के कुल 49 विधानसभा क्षेत्रों में 12 अक्तूबर को मतदान होना है।

भाजपा नीत राजग गठबंधन और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जद (एकी)-राजद-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन ने अपने-अपने उम्मीदवारों के पक्ष में सारी ताकत झोंक दी। भाजपा नीत राजग गठबंधन में केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान की पार्टी लोजपा, उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी रालोसपा और पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी हम शामिल हैं। इस गठबंधन के स्टार प्रचारकों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह सहित कई अन्य केंद्रीय मंत्री शामिल रहे जबकि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नीत जद (एकी)-राजद-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन के उम्मीदवारों के पक्ष में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी और राजद प्रमुख लालू प्रसाद और नीतीश कुमार ने प्रचार कमान संभाली।

बिहार विधानसभा के पहले चरण में आठ और नौ अक्तूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने छह रैलियों को संबोधित किया और पार्टी के केंद्रीय मंत्रियों राजनाथ सिंह, सुषमा स्वराज, नितिन गडकरी, जेपी नड्डा, अनंत कुमार और कलराज मिश्र ने भी भाजपा उम्मीदवारों और गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया।

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केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भाजपा का दृष्टिपत्र जारी किया था जिसमें लैपटॉप, छात्राओं को स्कूटी और दलितों को रंगीन टीवी देने का वादा किया गया है। भाजपा के अन्य घटक दलों लोजपा, रालोसपा और हम सेक्युलर के नेताओं रामविलास पासवान, जीतन राम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा ने भी अपने-अपने दलों और गठबंधन के पक्ष में प्रचार किया।

जद (एकी)-राजद-कांग्रेस धर्मनिरपेक्ष महागठबंधन में शामिल दो क्षेत्रीय दल जद (एकी) और राजद के स्टार प्रचारक जहां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद थे वहीं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी पार्टी के उम्मीदवारों और महागठबंधन के पक्ष में एक-एक दिन प्रचार में भाग लिया।

बिहार विधानसभा के पहले चरण में नेताओं के अपने भाषणों में अपने विरोधियों के खिलाफ ‘शैतान’, ‘ब्रह्म पिशाच’, ‘नरभक्षी’, ‘चारा चोर’, ‘तड़ीपार’ सहित अन्य विवादित शब्दों का प्रयोग किया वहीं निर्वाचन आयोग ने हस्तक्षेप करते हुए इस पर गहरा दुख व्यक्त किया और नेताओं से आदर्श आचार संहिता का पालन करते हुए ऐसे शब्दों के प्रयोग से परहेज करने को कहा।
चुनाव प्रचार की शुरुआत बिहार के विकास के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 1.65 करोड़ रुपए के विशेष पैकेज और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के 2.70 लाख करोड़ रुपए दृष्टि पत्र की चर्चा से हुआ। लेकिन बाद में विकास का मुद्दा पीछे छूट गया और नेताओं ने एक-दूसरे पर आक्षेप लगाने शुरू कर दिए।

प्रदेश में सत्तासीन जद (एकी) के राजद और कांग्रेस के साथ हाथ मिलाने पर प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के लगातार ‘जंगलराज’ के आक्षेप लगाए जिस पर नीतीश ने बिहार में अपराध के आंकड़े की तुलना के लिए राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो को उद्धृत करते हुए भाजपा शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, गुजरात और हरियाणा में अपराध को अधिक बताया।

आक्षेप और अमर्यादित टिप्पणी कर चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने पर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, राजद प्रमुख लालू प्रसाद, जद (एकी) अध्यक्ष शरद यादव और एआइएमआइएम विधायक अकबरुद्दीन ओवैसी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

पहले चरण के चुनाव प्रचार अभियान में जहां भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा गायब दिखे पर हेमा मालिनी, स्मृति इरानी, मनोज तिवारी और अजय देवगन ने भाजपा उम्मीदवारों के पक्ष में प्रचार किए। बिहार विधानसभा पहले चरण के लिए आगामी 12 अक्तूबर यानी सोमावार को होने वाले मतदान में कुल 13535586 मतदाता हैं जिसमें 7227835 पुरुष और 6307345 महिला और 406 तीसरे लिंग के लोग शामिल हैं। 12686 मतदान केंद्रों पर केंद्रीय बलों की मौजूदगी में मतदान होगा।

बिहार विधानसभा के पहले चरण में जिन विधानसभा क्षेत्रों में परसों मतदान होगा वहां साल 2010 का साथ चुनाव लड़ चुकी जद (एकी) और भाजपा क्रमश: 29 और 13 सीटों पर विजयी रही थी जबकि राजद ने चार सीटें जीती थीं। इस बार इन विधानसभा क्षेत्रों में भाजपा ने सबसे अधिक 27 उम्मीदवार चुनावी मैदान में उतारे हैं जबकि जद (एकी) के 24, राजद के 17, लोजपा के 13, रालोसपा के 6, हम सेक्युलर के 3 और कांग्रेस के आठ उम्मीदवार अपना भाग्य आजमा रहे हैं।

आगामी सोमवार को होने वाले पहले चरण के चुनाव में प्रदेश के वरिष्ठ मंत्री विजय चौधरी (समस्तीपुर जिला के सरायरंजन विधानसभा क्षेत्र) और लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस (अलौली) अपना भाग्य आजमा रहे हैं। इन विधानसभा क्षेत्रों के नक्सल प्रभावित मुंगेर, नवादा, जमुई और लखीसराय जिलों में पड़ने के कारण सुरक्षाकर्मियों को अधिक अलर्ट कर दिया गया है।