शपथ ग्रहण के दूसरे दिन ही अपहरण केस को लेकर वारंट विवाद में घिरे बिहार के कैबिनेट मंत्री कार्तिक कुमार ने आज देर शाम इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपना इस्तीफा मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सौंपा, जिसे सीएम ने स्वीकार करते हुए राज्यपाल फागू चौहान को अपनी अनुशंसा भेज दी है। नीतश ने गन्ना उद्योग विभाग का अतिरिक्त प्रभार राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री आलोक कुमार मेहता को दिया है।
बिहार के कानून मंत्री कार्तिक कुमार का आज ही महकमा बदल दिया गया था। उन्हें अब गन्ना उद्योग विभाग की जिम्मेदारी दी गई थी। शमीम अहमद अब बिहार के नए कानून मंत्री बनाए गए हैं। बिहार में कैबिनेट विस्तार के बाद से ही कानून मंत्री को लेकर सवाल उठ रहे थे। विपक्ष नीतीश पर खासा हमलावर था।
कार्तिक कुमार को एक अपहरण केस में कोर्ट में सरेंडर करना था, लेकिन उसी दिन उन्होंने राजभवन पहुंच कर मंत्री पद की शपथ ले ली। कोर्ट की नजर में वो 8 साल से फरार थे। लालू कोटे से मंत्री बने कार्तिक ने विवाद पर सफाई दी थी। उन्होंने कहा था कि मैंने हलफनामे में सब कुछ दिया है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कार्तिक पर आरोपों की जानकारी होने से इनकार किया था। मंत्री की तरफ से कहा गया था कि 19 सितंबर 2018 पुलिस ने इस मामले में क्लोजर रिपोर्ट दी है। पुलिस ने सभी जांच के बाद माना था कि इस मामले में उनका हाथ नहीं है।
कार्तिके को बाहुबली नेता अनंत सिंह के समर्थक ‘कार्तिक मास्टर’ के नाम से जानते हैं। 2005 के बाद कार्तिक मास्टर और अनंत सिंह नजदीक आए। उसके बाद उनका कद बढ़ता गया।
एमएलसी चुनाव में कार्तिक कुमार ने जदयू के उम्मीदवार वाल्मीकि सिंह को पटना में मात दी थी। लालू प्रसाद ने बतौर MLC उम्मीदवार कार्तिक के नाम की घोषणा खुद की थी। बिहार में चर्चा है कि जेल में रहकर भी अनंत ने कार्तिक को जितवा दिया।
