आम चुनाव से ऐन पहले एक टीवी स्टिंग राजनीतिक दलों की मुश्किलें बढ़ा सकता है। दरअसल, हाल ही में लॉन्च एक हिंदी न्यूज चैनल ने स्टिंग कर दावा किया है कि उन्होंने 18 सांसदों का ‘काला सच’ सामने रखा है। स्टिंग की शुरुआत बिहार की जनाधिकार पार्टी लोकतांत्रिक के नेता और चर्चित सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव से होती है। स्टिंग में वह संसद में पैसे लेकर सवाल पूछने के लिए राजी होते नजर आते हैं। बिहार के मधेपुरा से सांसद पप्पू यह भी कबूलते हुए नजर आते हैं कि उन्होंने 2014 के आम चुनाव में 5 करोड़ रुपये खर्च किए थे और इस बार पहले के मुकाबले ज्यादा खर्च होगा।

टीवी9 भारतवर्ष के स्टिंग में पप्पू यादव चुनाव लड़ने में खर्च होने वाली मोटी रकम का विस्तृत ब्योरा देते हुए नजर आते हैं। वह कहते हैं कि अगर पिछले चुनाव में 5-6 करोड़ रुपये खर्च हुआ है तो इस बार 7-8 करोड़ रुपये खर्च होगा। पप्पू ने माना कि चुनाव में 2 से ढाई करोड़ रुपये तक तो कैश ही बांटना पड़ता है। इसके अलावा, चुनाव के दौरान दौड़-भाग में एक से सवा करोड़ रुपये का खर्च आता है।

रिपोर्ट के मुताबिक, यह स्टिंग 7 फरवरी 2019 को दिल्ली में किया गया। चैनल के रिपोर्टर फर्जी कंपनी के प्रतिनिधि बनकर सांसद यादव के सरकारी आवास पर पहुंचे थे। अंडरकवर रिपोर्टरों ने पप्पू से कहा कि कंपनी के क्लायंट्स के कारोबार को बढ़ाने में उनकी मदद चाहिए। बदले में मोटी रकम देने का भरोसा भी दिया। इसके अलावा, चुनावी खर्च में मदद की भी पेशकश की गई। चैनल का दावा है कि पप्पू चुनावी फंडिंग के बदले हर मदद करने के लिए तैयार हो गए। सांसद पैसे लेकर संसद में कोई भी सवाल पूछने के लिए भी राजी नजर आए।

स्टिंग के मुताबिक, पप्पू ने कैमरे पर कहा, ‘राजनीति का मतलब सेवा धर्म नहीं है, जितनी दोगलई करो उतनी ही सफलता मिलती है।’ पप्पू ने यह भी बताया कि चुनाव लड़ने के दौरान सिर्फ सोशल मीडिया पर 10 से 12 लाख रुपये महीने का खर्च आता है। दावा है कि पप्पू ने चुनाव प्रचार करने के लिए हेलिकॉप्टर से लेकर रथ तक की डिमांड की। अपने अलावा पत्नी व कांग्रेसी सासंद रंजीता रंजन के लिए भी फंडिंग की मांग की। सांसद ने कथित तौर पर अपने घर पर ही कैश देने को कहा।

जन अधिकार पार्टी बनाने से पहले पप्पू आरजेडी और सपा में भी रह चुके हैं। वह 1991, 1996, 1999 और 2004 में  विभिन्न पार्टियों की ओर से मैदान में उतरकर चुनाव जीत चुके हैं। 2014 के आम चुनाव में उन्होंने मधेपुरा सीट पर शरद यादव को शिकस्त दी थी। पप्पू हत्या के आरोप में 5 साल जेल में भी बिता चुके हैं। बाद में पटना हाई कोर्ट ने उन्हें बरी कर दिया। कभी बाहुबली वाली छवि वाले पप्पू अब बिहार की राजनीति में खास जगह बना चुके हैं। 2015 में उन्हें बेस्ट परफॉर्मिंग सांसदों की लिस्ट में भी शुमार किया गया। उन पर एयर होस्टेस से बदसलूकी और चप्पल से मारने की धमकी देने का भी आरोप लग चुका है।