कोविड से पीड़ित एक रिटायर फौजी की आज बिहार के एक अस्पताल में बिना इलाज के मौत हो गई क्योंकि अस्पताल के अधिकारी राज्य के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे के दौरे की तैयारियों में व्यस्त थे। जिस वाहन से रिटायर फौजी को नालंदा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल लाया गया, उसमें उनकी मौत हो गई। उनके परिवार के बार-बार कहने के बावजूद अधिकारियों ने उन्हें भर्ती नहीं किया।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक मरीज के बेटे ने बताया, “मेरे पिता कोरोना पॉजिटिव थे। अन्य अस्पतालों ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया, एनएमसीएच अस्पताल भर्ती करने के लिए राजी हो गया था। उन्होंने हमें डेढ़ घंटे तक बाहर इंतजार कराया।” पटना से 120 किलोमीटर दूर लखीसराय के रहने वाले विनोद सिंह को कुछ दिनों पहले कोविड संक्रमित पाया गया था।जिसके बाद उन्हें पटना रेफर किया गया।
उनके बेटे, अभिमन्यु कुमार ने कहा कि वे उन्हें सोमवार शाम पटना ले आए और उन्हें एम्स ले गए। लेकिन वहाँ के डॉक्टरों ने उन्हें भर्ती करने से मना कर दिया क्योंकि वहाँ कोई बिस्तर उपलब्ध नहीं था।
इसलिए उन्हें एक निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया, जहां उन्हें कुछ घंटों के लिए भर्ती कराया गया था। मंगलवार सुबह 10 बजे के आसपास वे नालंदा मेडिकल कॉलेज गए। लेकिन अस्पताल में, हर कोई स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रस्तावित निरीक्षण में व्यस्त था।
डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों के इस रवैए पर स्वास्थ्य मंत्री ने समाचार एजेंसी एएनआई से कहा : “हम सभी का इलाज करने के लिए अपनी पूरी कोशिश करते हैं और जब भी कोई इस तरह से मर जाता है तो हमें बहुत अफसोस होता है, ये घटना दुर्भाग्यपूर्ण है। कुछ दिनों से, कोरोना के मामलों में वृद्धि हुई है। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। ”
बता दें कि पिछले 24 घंटों में, बिहार में 4000 से अधिक कोरोना संक्रमण के नए मामले सामने आए हैं। राज्य में कुल मामले 41,000 से अधिक हो गए हैं। वर्तमान में लगभग 25,000 सक्रिय मामले हैं।