उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 4 सितंबर को रेलवे सुरक्षा बल (RPF) को एक हेल्पलाइन के जरिए बिहार के नवादा की एक नाबालिग लड़की के बारे में सूचना मिली थी। लड़की कथित तौर पर ऑनलाइन हनी ट्रैप का शिकार हो गई थी। अब पता चला है कि ट्रेन से बचाई गई लापता नाबालिग लड़की का पाकिस्तान से संबंध है। अधिकारियों के अनुसार लड़की अपने परिवार से अनबन के बाद गुस्से में घर छोड़कर गई थी और गया-नई दिल्ली के बीच चलने वाली महाबोधि एक्सप्रेस में सवार हो गई थी।
ट्रेन में चढ़ी थी लड़की
प्रयागराज जंक्शन पहुंचने पर आरपीएफ की एक टीम ट्रेन में चढ़ी। निरीक्षण के दौरान अधिकारियों ने एक छोटी लड़की को देखा, जिसका चेहरा आंशिक रूप से ढका हुआ था। टीम ने उसकी तस्वीर का मिलान उसके परिवार द्वारा उपलब्ध कराई गई तस्वीरों से किया, जिन्होंने मिशन पर्सन की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरपीएफ ने तुरंत लड़की को ट्रेन से उतार लिया। बाद में नाबालिगों के लिए कानूनी प्रक्रिया के तहत उसे चाइल्डलाइन प्रयागराज को सौंप दिया गया। उसके लापता होने के समय उसके परिवार ने बिहार के नवादा ज़िले के पकरीबरवां थाने में गुमशुदगी का मामला दर्ज करा दिया था।
पूछताछ के दौरान लड़की ने बताया कि इंस्टाग्राम के ज़रिए उसकी एक युवक से दोस्ती हुई थी और वह उससे नई दिल्ली में मिलना चाहती थी। उसने स्वीकार किया कि घर छोड़ने का फ़ैसला उसके परिवार द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों, खासकर मोबाइल फ़ोन के इस्तेमाल से जुड़ी पाबंदियों के कारण हुआ था। चाइल्डलाइन के अधिकारियों द्वारा लड़की के मोबाइल फ़ोन की जांच के बाद मामला और गंभीर हो गया। जांचकर्ताओं को पाकिस्तानी नंबरों सहित कई संपर्क मिले, जिससे सीमा पार से संभावित संलिप्तता की आशंका बढ़ गई।
पंजाबी लड़की से हुई थी इंस्टाग्राम पर दोस्ती
आगे की काउंसलिंग से पता चला कि लड़की ने इंस्टाग्राम पर कई लोगों से दोस्ती की थी, जिनमें पंजाब की एक लड़की भी शामिल थी। इस ऑनलाइन परिचय के जरिए उसकी मुलाक़ात एक पाकिस्तानी युवक से हुई, जिसके साथ वह नियमित रूप से बातचीत करती थी। बताया जाता है कि दोनों के बीच अक्सर बातचीत होती थी और माना जाता है कि पाकिस्तानी नागरिक ने उसके घर छोड़ने के फ़ैसले को प्रभावित करने में भूमिका निभाई थी।
जांच से जुड़े सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी युवक ने पंजाब में लड़की के संपर्क सूत्र के साथ मिलकर उसकी यात्रा की व्यवस्था की थी। पंजाब स्थित इस परिचित ने कथित तौर पर टिकट बुक करने के लिए पेटीएम के जरिए नाबालिग को पैसे भेजे और उसे नई दिल्ली पहुचने के लिए प्रोत्साहित किया। वहां से, उसे बताया गया कि वह पंजाब जाएगी। हालांकि उसे अंतिम डेस्टिनेशन के बारे में नहीं बताया गया था।
पाकिस्तानी युवक ने किया था टिकटों का इंतज़ाम
जांचकर्ताओं का अब मानना है कि टिकटों का इंतज़ाम पाकिस्तानी युवक ने ऑनलाइन किया था, जिसने पंजाब में एक बिचौलिए के जरिए पैसे मुहैया कराए थे। प्रयागराज जंक्शन पर निरीक्षण के दौरान जब आरपीएफ अधिकारियों ने लड़की से संपर्क किया, तो वह कथित तौर पर पाकिस्तानी युवक से बात कर रही थी। पुलिसकर्मियों की मौजूदगी की भनक लगते ही उसने अचानक बातचीत बंद कर दी और बाद में लड़की को इंस्टाग्राम पर ब्लॉक कर दिया। बताया जा रहा है कि नवादा की रहने वाली लड़की ने दसवीं तक पढ़ाई की है। परिवार के सदस्यों ने पहले भी उसे मोबाइल फ़ोन और सोशल नेटवर्किंग प्लेटफ़ॉर्म के लगातार इस्तेमाल के लिए डांटा था।
लड़की के फ़ोन रिकॉर्ड में पाकिस्तानी नंबर मिलने और एक पाकिस्तानी नागरिक के साथ ऑनलाइन संपर्क की उसकी ख़ुद के स्वीकार करने के बाद चाइल्डलाइन टीम ने बाल कल्याण समिति (CWC) को एक रिपोर्ट सौंपी है। इससे पाकिस्तानी लिंक का स्पष्ट रूप से ज़िक्र किया गया है। हालाँकि संपर्क के पीछे का सटीक इरादा अभी स्पष्ट नहीं है, लेकिन एजेंसियां अब इस बात की जाँच कर रही हैं कि क्या यह मामला ऑनलाइन शोषण की एक अलग घटना है या सीमा पार से भारतीय नाबालिगों को बहकाने की कोशिश कर रहे किसी बड़े नेटवर्क का हिस्सा है।