Bihar Elections हमेशा से ही बेहद रोचक रहे हैं। कभी किसी की जीत-हार को लेकर, तो किसी के बीच की टक्कर को। ऐसा ही एक वाकया है, जब आम चुनाव के प्रचार के दौरान पंडित जवाहर लाल नेहरू और जय प्रकाश नारायण बिहार पहुंचे थे। इन दोनों दिग्गजों की रैलियां एक ही वक्त पर हुई थीं और दोनों की सभाओं में खचाखच भीड़ जुटी थी। क्या हुआ था, तब? पढ़ें, पूरा किस्सा:
साल था 1952। पहला आम चुनाव। विधानसभा सीट थी- पूर्णिया सदर। Congess के कमलदेव नारायण सिन्हा कैंडिडेट थे। कांग्रेस को टक्कर देने वाली तब बड़ी सबसे तगड़ी पार्टी थी- सोशलिस्ट पार्टी। पार्टी से नाता तोड़ कई नामचीन चेहरे सोशलिस्ट पार्टी में एक्टिव थे। नेहरू कांग्रेस की तरफ से प्रचार को पहुंचे थे। वहीं, सोशलिस्ट पार्टी का झंडा जेपी बुलंद किए थे। पूर्णिया में इन दोनों दिग्गजों की सभा हुई। सोशलिस्ट पार्टी से देवनाथ राय उन्हें मुकाबला दे रहे थे।
कांग्रेस चुनावी जंग स्थानीय कांग्रेस समिति की अगुवाई में लड़ रही थी। बताया जाता है कि तब दल को 500 रुपए की मदद और कुछ पोस्टर व पर्चे मिले थे। एक गाड़ी भी दी गई थी, जिससे चार से पांच दिनों के भीतर क्षेत्रों का दौरा किया जाना था। हालांकि, उस दौरान गांव-गांव पैदल और बैलगाड़ी पर पार्टी कार्यकर्ता जाकर प्रचार करते थे। वे दिन रात घूमते और प्रचार करते। इसी बीच, सोशलिस्ट पार्टी के उम्मीदवार थोड़ा इस मामले में आगे थे। चूंकि, वह पैसों में मजबूत थे, लिहाजा उन्होंने प्रमुख जगहों पर चुनावी कैंप खुलवाए थे।
जोरदार चुनावी भिड़ंत के दौरान नेहरू पूर्णिया के दौरे पर गए थे। जिस एयरपोर्ट पर वह उतरे थे, उसी के पास उनका भाषण हुआ था। जबरदस्त भीड़ भी हुई थी। इसी बीच, जेपी की सभा कर रहे थे और वह गुलाबबाग में कार्यक्रम हुआ था। हालांकि, दोनों ही सभाओं में भारी भीड़ जुटी थी। पर जेपी की रैली में भीड़ में बड़ा वर्ग गरीबों का था। वोटिंग चार जनवरी से चालू होकर 23 जनवरी तक चली। 24 को मतगणना हुई, जिसमें सिन्हा ने जीत हासिल की।