बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी के एक ताजा बयान के बाद राज्य की राजनीति में विवाद खड़ा हो गया है। सम्राट चौधरी ने शुक्रवार को एक टीवी चैनल के कार्यक्रम में कहा, ‘हमने चुनाव से पहले भी यह कहा था और हम इसे दोहराते हैं कि सरकार लालू प्रसाद यादव की संपत्ति जब्त करेगी और उसमें स्कूल खोलेगी।’
बिहार में गृह मंत्रालय भी संभाल रहे सम्राट चौधरी ने कहा कि लालू प्रसाद यादव पंजीकृत अपराधी हैं। उन्होंने पत्रकारों से कहा कि सरकार को इस बात का पूरा अधिकार है कि वह बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 के प्रावधानों के तहत जब्त किए गए मकानों का इस्तेमाल कर सकती है।
गृह विभाग के सूत्रों ने बताया कि सम्राट चौधरी पशु चिकित्सा महाविद्यालय के पास विधायक कॉलोनी में स्थित लालू प्रसाद यादव के जब्त किए गए मकान के बारे में बात कर रहे थे। राज्य सरकार पहले से ही इस दो मंजिला मकान के एक हिस्से को सशस्त्र सीमा बल (एसएसबी) के कार्यालय के रूप में इस्तेमाल कर रही है।
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बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी शनिवार को इस घर में आई थीं। वह 10 से 15 मिनट तक यहां रुकीं। एक शख्स ने बताया कि राबड़ी देवी यहां आती रहती हैं।
जेडीयू के प्रवक्ता नीरज कुमार ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘लालू प्रसाद की संपत्तियों को लेकर नए खुलासे हुए हैं। नौकरी के बदले जमीन और IRCTC मामलों के दौरान ज्ञात कई भूखंडों के कब्जे के अलावा हमें हाल ही में पता चला है कि लालू परिवार पटना के महुआबाग इलाके में एक आलीशान घर बना रहा है। फिर भी, लालू का परिवार अपने विशेषाधिकार की भावना से सरकारी बंगले में ही रहना चाहता है… भ्रष्टाचार के एक आरोपी से जब्त की गई जमीन पर स्कूल खोलने के प्रस्ताव के संबंध में यह मामला सरकार द्वारा पारित विशेष कानून के तहत है।’
लालू और तेजस्वी नहीं डरते- आरजेडी
जेडीयू के बयान पर आरजेडी ने जवाब दिया। आरजेडी के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने कहा, ‘सरकार को पहले अपने स्कूलों को ठीक से चलाना सीखना चाहिए। हमारे नेता लालू प्रसाद और तेजस्वी प्रसाद यादव राजनीतिक प्रतिशोध से नहीं डरते।’
पटना में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की जब्त की गई अन्य संपत्तियों में बेऊर जेल के पास एक फ्लैट और आरपीएस मोड़ के पास बेली रोड पर एक प्लॉट शामिल है। इसमें एक मॉल बनाने का प्रस्ताव है। ये संपत्तियां रोजगार के बदले जमीन और चारा घोटाला मामलों के संबंध में जब्त की गई थीं।
जब से बिहार सरकार ने बिहार विशेष न्यायालय अधिनियम, 2009 लागू किया है, तब से लगभग डेढ़ दर्जन जब्त इमारतों या घरों का उपयोग राज्य सरकार द्वारा स्कूल या दफ्तर चलाने के लिए किया जा रहा है।
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2010 में खोला गया था प्राइमरी स्कूल
राज्य सरकार ने घरों को जब्त करने की शुरुआत समस्तीपुर के चैरा गांव में पूर्व मोटर वाहन निरीक्षक रघुवंश कुंवर के घर से की थी। यहां 2010 में प्राइमरी स्कूल खोला गया था।
2011 में पटना के रुकनपुरा में पूर्व आईएएस अफसर एसएस वर्मा का घर भी जब्त किया गया था। इस घर का इस्तेमाल प्राइमरी स्कूल चलाने के लिए किया गया। इसमें अभी भी मुशहरी टोला स्कूल चल रहा है। इसके बाद पटना के कदमकुआं में निलंबित कोषागार क्लर्क गिरीश कुमार के घर को जब्त किया गया था और इसमें हाई स्कूल चलाया जा रहा है। हालांकि अब तक किसी भी राजनेता का घर जब्त नहीं किया गया है।
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