बिहार में कोरोना टीकाकरण में फर्जीवाड़े का एक और मामला सामने आया है। मधेपुरा जिले के एक बुजुर्ग द्वारा करीब 12 बार कोरोना टीका लिए जाने के बाद अब पटना की सिविल सर्जन द्वारा भी पांच बार कोरोना टीका लेने का मामला सामने आया है। सिविल सर्जन ने कोविन प्लेटफार्म पर दो रजिस्ट्रेशन की मदद से पहले तो कोरोना टीके की चार डोज ली और उसके बाद एक प्रिकॉशन डोज भी लिया।
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार पटना की सिविल सर्जन डॉ विभा सिंह ने टीकाकरण के लिए बनाए गए ऑनलाइन प्लेटफार्म कोविन पर सबसे पहले पैन कार्ड के माध्यम से पंजीकरण किया। इसके बाद उन्होंने पिछले साल 6 जनवरी को कोविशील्ड की पहली डोज ली। इसके बाद उन्होंने पिछले साल ही 17 जून को कोविशील्ड की दूसरी डोज ली। इसके लिए उन्हें टीकाकरण प्रमाण पत्र भी जारी किया गया।
लेकिन उन्होंने पहले और दूसरे कोरोना टीके के अंतराल में ही अपने आधार कार्ड की सहायता से फिर से टीकाकरण के लिए पंजीकरण कर दिया। जिसके बाद उन्हें 6 फ़रवरी 2021 को फिर से कोविशील्ड की डोज दी गई और इसके बाद उन्होंने 12 मार्च को एक बार फिर से कोविशील्ड की डोज लगवाई। सिविल सर्जन ने इसी पंजीकरण के माध्यम से इस साल 13 जनवरी को प्रिकॉशन डोज भी लिया। टीकों की इन खुराक के लिए उन्हें एक और प्रमाणपत्र जारी किया गया। गौर करने वाली बात यह है कि दोनों प्रमाणपत्र में टीकाकरण स्थल का नाम एक ही था। प्रमाण पत्र में पटना का गर्दनीबाग हॉस्पिटल ही टीकाकरण स्थल के रूप में दर्ज है।
सिविल सर्जन के द्वारा कोविशील्ड की पांच डोज लिए जाने का मामला सामने आने के बाद स्वास्थ्य विभाग के निदेशक संजय कुमार सिंह ने कहा कि अगर कोई भी व्यक्ति कोरोना टीकाकरण को लेकर भारत सरकार के द्वारा बनाई गई गाइडलाइन का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि अगर कोई सरकारी कर्मचारी और अधिकारी इस तरह का उल्लंघन करता है तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई के साथ विभागीय कार्रवाई भी की जाएगी।
बता दें कि पिछले दिनों मधेपुरा जिले के एक बुजुर्ग ब्रह्मदेव मंडल के द्वारा 12 बार कोरोना टीका लिए जाने का मामला सामने आया था। ब्रह्मदेव मंडल को लगता था कि टीका लेने की वजह से उनके घुटने का दर्द कम हो रहा है इसलिए उन्होंने 12 बार कोरोना टीका लिया। यह मामला सामने आते ही स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया और केंद्र सरकार को रिपोर्ट भेजी गई। बिहार पुलिस ने इस मामले में ब्रह्मदेव मंडल के खिलाफ धोखेबाजी, संपत्ति नष्ट करने और सरकारी आदेशों की अवहेलना का केस दर्ज किया है।