बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार रविवार को दो दिन के दिल्ली दौरे पर आए हैं। नीतीश कुमार दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत एनडीए के शीर्ष नेताओं से मुलाकात कर सकते हैं। हाल ही में हुए बिहार विधानसभा चुनावों में एनडीए की शानदार जीत के बाद नीतीश कुमार की यह पहली दिल्ली यात्रा है। नीतीश के दिल्ली दौरे ने बिहार में राजनीतिक हलचल को बढ़ा दिया है।
नीतीश कुमार के शपथ ग्रहण समारोह में मोदी के अलावा गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस सहित एनडीए के कई दिग्गज शामिल हुए थे।
सूत्रों ने बताया कि इस दौरान राज्य सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार पर प्रमुखता से चर्चा हो सकती है। मंत्रिमंडल में विस्तार की प्रक्रिया मकर संक्रांति के बाद शुरू हो सकती है।
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नितिन नबीन की जगह पर एक नए मंत्री की नियुक्ति भी होनी है। नबीन ने हाल ही में भाजपा का नया राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष नियुक्त होने पर राज्य मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था।
नीतीश कुमार के बेटे आएंगे राजनीति में?
एक और मुद्दा जिस पर चर्चा हो सकती है, वह है नीतीश कुमार के इकलौते बेटे निशांत के राजनीति में प्रवेश को लेकर। इसे लेकर लंबे समय से अटकलें लगाई जा रही हैं।
हाल ही में, जेडीयू के कार्यकारी अध्यक्ष और नीतीश कुमार के करीबी सहयोगी संजय कुमार झा ने कहा था कि पार्टी के भीतर निशांत के सार्वजनिक जीवन में प्रवेश करने के पक्ष में प्रबल भावना है। झा ने उम्मीद जताई कि इस बारे में निशांत कोई फैसला लेंगे।
नीतीश कुमार के दिल्ली दौरे के दौरान राज्यसभा और बिहार विधान परिषद की कुछ सीटों के लिए 2026 में होने वाले चुनाव पर भी चर्चा हो सकती है। विधानसभा में भारी बहुमत के साथ एनडीए कई सीट जीतने की स्थिति में है।
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इलाज के लिए आने की चर्चा
यह भी कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री स्वास्थ्य जांच और आंखों के इलाज के लिए दिल्ली आए हैं। नीतीश आमतौर पर साल में कम से कम एक बार दिल्ली स्थित एम्स में अपनी शारीरिक जांच करवाते हैं। नीतीश कुमार ने साल 2021 में दिल्ली एम्स में मोतियाबिंद का ऑपरेशन कराया था।
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