भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने शुक्रवार को कहा कि राजनीतिक पार्टी के बारे में वह बाद में निर्णय लेंगे क्योंकि फिलहाल ‘काले कानून’ (सीएए) के खिलाफ लड़ाई लड़नी है।तिहाड़ जेल से रिहा हुए आजाद ने शुक्रवार को ‘इंडियन वूमेन प्रेस कोर’ में पत्रकारों से बातचीत में यह भी कहा कि उनके संगठन की ओर से संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) के खिलाफ लड़ाई जारी रहेगी। एक सवाल के जवाब में उन्होंने  कहा कि  ‘‘अदालत ने मेरी आजादी छीन ली है। हम कानूनी उपायों पर गौर कर रहे हैं…आशा करता हूं कि अदालत मुझे विरोध प्रदर्शन करने का अधिकार देगी।’’

भीम आर्मी प्रमुख ने कहा कि, ‘‘सरकार काला कानून लाई हैं। मैं बताना चाहता हूं कि कोई कहीं नहीं जाएगा। सब यहीं रहने वाले हैं।’’ यह पूछे जाने पर कि वह राजनीतिक पार्टी का गठन कब करेंगे तो उन्होंने कहा, ‘‘यह बाद में होगा। पहले हमें इस काले कानून के खिलाफ लड़ाई लड़नी है। इस कानून के खिलाफ लोगों को एकजुट करेंगे।’’ आजाद ने एक तरह से उन अटकलों पर विराम लगा दिया जिनमें कहा जा रहा था कि वह अथवा उनका संगठन दिल्ली विधानसभा चुनाव में उतर सकते हैं।

उन्होंने पिछले महीने सक्रिय राजनीति में उतरने की घोषणा की थी। आजाद को गुरुवार की रात जमानत पर तिहाड़ जेल से रिहा किया गया। उनके समर्थकों ने उनका स्वागत किया।उन्होंने शाहीन बाग, जामिया मिल्लिया इस्लामिया और देश के अन्य हिस्सों में सीएए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए महिलाओं की तारीफ की।भीम आर्मी के प्रमुख ने कहा कि सीएए के तहत मुसलमानों और तमिलों को भी शामिल किया जाना चाहिए।