भीम आर्मी प्रमुख करीब दो महीने जेल में बिताने के बाद बाहर आए हैं। उन्होंने जेल से बाहर आते ही बीजेपी के खिलाफ मोर्चा बनाना शुरू कर दिया है। दिल्ली में रविदास मंदिर के तोड़े जाने के बाद काफी विरोध प्रदर्शन हुआ था। इस विरोध प्रदर्शन में भीम आर्मी भी शामिल थी। भीम आर्मी के चीफ चंद्रशेखर आजाद को गिरफ्तार कर लिया गया था। हाल ही में भीम आर्मी के प्रमुख ने बसपा प्रमुख मायावती को पत्र लिखकर समर्थन मांगा था और साथ मिलकर लड़ने को कहा था। चंद्रशेखर ने मायावती को चिठ्ठी लिख सत्तारूढ़ बीजेपी से लड़ने के लिए एक साथ आने का प्रस्ताव भेजा था, जिसे मायावती ने अस्वीकार कर दिया था।
क्विंट को दिए गए साक्षात्कार में भीम आर्मी के प्रमुख चंद्रशेखर ने कहा कि अभी जो राजनीतिक स्थिति है वो काफी खराब है। इसलिए अगर इस मूवमेंट को बचाने के लिए उन्हें मायावती के पैरों में 1लाख बार भी झुकना पड़ेगा तो मुझे कोई फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि मेरे लिए मेरे व्यक्तिगत स्वार्थ और स्वभाव से ज्यादा मायने ये मूमेंट रखता है। उन्होंने कहा कि अगर हम साथ आ जाए तो मोदी सरकार नहीं चलेगा
बता दें कि चंद्रशेखर, मायावती को प्रधानमंत्री के रूप में देखने की इच्छा भी जाहिर कर चुके हैं, जबकि मायावती, चंद्रशेखर पर बीजेपी की कठपुतली होने का आरोप लगाती रही हैं।
गौरतलब है कि 9 अगस्त 2019 को सुप्रीम कोर्ट ने तुगलकाबाद के जंगल की जमीन में बने मंदिर को तोड़ने का आदेश दिया था। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद DDA ने इसे तोड़ दिया था। 21 अगस्त को दिल्ली में दलित समाज ने रविदास मंदिर तोड़े जाने के विरोध में काफी विरोध प्रदर्शन किया था।हालांकि बाद में 22 अक्टूबर को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को उसी जगह पर फिर से मंदिर बनाने का आदेश दिया है।