Bhim Army Chandrashekhar, BSP Mayawati:  उत्तर प्रदेश की सियासत में जल्द ही एक नई पार्टी का उदय होने वाला है। ऐसे में बसपा (BSP) सुप्रीमो मायावती के लिए मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं, क्योंकि भीम आर्मी (Bhim Army) के संस्थापक चंद्रशेखर ने राजनीति में उतरने का ऐलान कर दिया है। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी के चुनावी मैदान में उतरने से बसपा के परम्परागत वोटबैंक पर असर पड़ेगा। गौरतलब है कि चंद्रशेखर के इस ऐलान से कभी यूपी की सत्ता पर काबिज रही मायावती के लिए राजनीतिक चुनौती और बढ़ती दिख रही है।

किया यह ऐलान: भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने पूरी तरह से राजनीति में उतरने का फैसला करते हुए एक ट्वीट किया, जिसमें उन्होंने लिखा, “मैं चन्द्रशेखर आज़ाद बहुजन समाज को आज नए राजनीतिक विकल्प देने की घोषणा करता हूं और समाज के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले ईमानदार, संघर्षशील और मिशनरी युवाओं से अपील करता हूं की आकर नेतृत्व संभाले। अब दौलत वाला नही, काम करने वाला नेता बनेगा।”

दलित वोट बैंक पर होगा असर: हाल के कुछ सालों में पश्चिमी यूपी में दलित आंदोलन से पैदा हुई भीम आर्मी के चुनावी समर में उतरने के ऐलान से बसपा की मुश्किल बढ़ना तय माना जा रहा है। दरअसल, भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर सहारनपुर, मेरठ समेत यूपी के कई हिस्सों में खासे सक्रिय रहे हैं। वह प्रदेश में दलित आंदोलन का चेहरा बनकर उभरे हैं। बताया जा रहा है कि भीम आर्मी आगामी दिल्ली विधानसभा के साथ-साथ यूपी पंचायत चुनाव और विधानसभा चुनाव में भी अपने उम्मीदवार उतारेगी। ऐसे में चंद्रशेखर की एंट्री बसपा के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने का काम कर सकती है।

मायावती पर साधा निशाना: इस बीच चंद्रशेखर ने CAB को संविधान विरोधी बताते हुए मायावती पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जब संसद में संविधान की हत्या हो रही थी उस वक्त बसपा के राज्यसभा सांसदों ने सदन से वॉकआउट कर बीजेपी को फायदा पहुंचाया। उन्होंने बाबा साहब, कांशीराम और बहुजन समाज के साथ छल किया है।