ओमप्रकाश ठाकुर

मंडी के सफल रोड शो के बाद अब आम आदमी पार्टी के संयोजक अरविंद केजरीवाल ने प्रदेश के सबसे बड़े जिले कांगड़ा के शाहपुर में रैली करने का फैसला किया है। इससे भाजपा व कांग्रेस दोनों में खलबली है। अरविंद केजरीवाल के हिमाचल के दौरों की वजह से भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा भी बैचेन हो गए हैं। नड्डा हिमाचल के एक के बाद एक दौरे प्रस्तावित करने लगे हैं। दूसरी ओर, प्रदेश में आए दिन कोई न कोई आम आदमी पार्टी में शामिल हो ही रहा है। हालांकि हिमाचल प्रदेश में आम आदमी पार्टी कार्यकारिणी नहीं है।

अरविंद केजरीवाल पूर्व मंत्री मेजर विजय सिंह मनकोटिया को आम आदमी पार्टी में लाने की मुहिम छेड़े हुए हैं। मनकोटिया ने आम आदमी पार्टी में शामिल होने से पहले एक शर्त रखी है। वे शामिल होने से पहले अरविंद केजरीवाल से लंबी बैठक करना चाहते हैं ताकि आम आदमी पार्टी की हिमाचल को लेकर क्या सोच है, यह उनके लिए स्पष्ट हो पाए। मनकोटिया ने कहा भी हिमाचल पंजाब दिल्ली की तरह नहीं है।

यहां के अलग मसले हैं और यहां संस्कृति, रीति रिवाज बिलकुल अलग है। पहाड़ में सब कुछ आसान नहीं होता है। उन्होंने कहा कि अभी उन्होंने निर्णायक फैसला नहीं लिया है। लेकिन दबाव बड़ा है। वे दावा करते हैं कि कांग्रेस ने भी उनसे संपर्क किया था लेकिन उन्होंने साफ जवाब दे दिया कि बहुत देर कर दी। शाहपुर में मनकोटिया के खिलाफ कांग्रेस ने एनएसयूआइ के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव केवल सिंह पठानिया को आगे कर रखा है। पठानिया की वजह से मनकोटिया को कांग्रेस से बाहर होना पड़ा है। दूसरी ओर, वहां भाजपा से जयराम मंत्रिमंडल में मंत्री सरवीण चौधरी मनकोटिया व पठानिया की आपसी जंग के कारण लगातकर जीत हासिल करती रही हैं।

लेकिन इस बार सरवीण चौधरी की जयराम के साथ अनबन हो गई है। उन पर भ्रष्टाचार के इल्जाम भी लगे थे। ऐसे में शाहपुर की राजनीति के हिसाब मनकोटिया के लिए आम आदमी पार्टी में शामिल होना रणनीतिक तौर पर सटीक बैठता है। वह आम आदमी पार्टी में जाते हैं या नहीं यह तो 23 तारीख को अरविंद केजरीवाल के रोड शो के दौरान ही पता चलेगा लेकिन आम आदमी पार्टी ने जिला सोलन से भाजपा नेता हरमेल धीमान को जरूर पार्टी में शामिल करा कर संकेत दे दिया है कि वह भाजपा में भी सेंध लगाने में पीछे नहीं है।

उधर, आम आदमी पार्टी की ओर से दावा किया जा रहा है कि कई नेता भाजपा व कांग्रेस से आम आदमी पार्टी में आने के लिए तैयार हैं। इस दावे के बाद से अरविंद केजरीवाल के दौरे से पहले नड्डा कांगड़ा के दौरे पर आ रहे हैं। कांगड़ा में विधानसभा की 15 सीटें है और भाजपा में सबसे ज्यादा घमासान कांगड़ा में ही है। यहां पर भाजपा के विधायक रमेश ध्वाला समेत कई नेता भाजपा के संगठन महासचिव पवन राणा की राजनीति से खफा हैं। याद रहे केजरीवाल ने सबसे पहले मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के जिले मंडी में रोड शो किया। मंडी जिले में दस सीटें है।

यह भी याद रहे कि मंडी संसदीय सीट समेत उपचुनावों में भाजपा चारों सीटें हार गई थी। कांगड़ा जिला में फतेहपुर विधानसभा का उपचुनाव भी भाजपा हार गई थी। ऐसे में अब नड्डा, जयराम व उनकी टीम जमीन पर यह खंगालने में लगी है कि आम आदमी पार्टी के आने से भाजपा को कितना नुकसान होगा। पहले भाजपा का आकलन था के आम आदमी पार्टी के प्रदेश में पांव रखने से केवल कांग्रेस को ही नुकसान होगा। लेकिन अब उसे डर लग रहा है कि कहीं वह उसे ही न उखाड़ दे। जयराम ठाकुर की ओर से गांवों में पानी मुफ्त, 125 यूनिट तक बिजली मुफ्त और बसों में महिलाओं का किराया 50 फीसद तक कम करना इसी डर का परिणाम है। इन घोषणाओं व फैसलों को चुनावों पर असर तो पड़ता ही है।