भारत जोड़ो न्याय यात्रा पर निकले कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने देश को सच बताने के लिए सत्याग्रह करने पर जोर दिया है। उनका कहना है कि मीडिया पर मोदी सरकार का कब्जा हो गया है। ऐसे में जनता को वहां से सच का पता नहीं चल सकेगा। लोगों की पीड़ा को समझने जानने के लिए सत्याग्रह करना होगा। अपनी यात्रा को वह गरीबों, कामगारों और पीड़ितों की आवाज बताई। रविवार को राहुल गांधी झारखंड के धनबाद में थे। वहां उन्होंने श्रमिकों से मोदी सरकार के खिलाफ आंदोलन शुरू करने का आह्वान किया।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर की अपील
राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कांग्रेस नेता ने लिखा, “मोदी के ‘मीडिया मित्र’ आपको देश का सच कभी नहीं बताएंगे, अब देश को सच बताने के लिए हमें सत्याग्रह करना होगा। कल मैंने अपना माइक सीधा ट्रेड यूनियन के अपने भाई को दिया, आप इन्हीं से गरीब श्रमिकों की पीड़ा सुनिए और सभी तक पहुंचाइये।”
मोदी सरकार में कॉन्ट्रैक्ट पर रखने की प्रथा बढ़ी
उन्होंने कहा, “मोदी सरकार ने कामगारों को कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने की प्रवृत्ति को बढ़ावा दिया है। 2011 तक सिर्फ 28% फैक्ट्रियां कॉन्ट्रैक्ट वर्कर रखती थी, 2020 तक यह संख्या बढ़कर 98% हो गई। ठेके पर रखे जाने से हर श्रमिक कमज़ोर हो रहा है। सैलेरीड श्रमिकों में भी आधे से अधिक नियमित घंटों से अधिक काम करते हैं, उन्हें न PF मिलता है और न ही पेंशन, इसलिए आज हर कामगार को अपना और अपने परिवार का भविष्य अंधकारमय दिखाई दे रहा है।”
पार्टी नेता ने लिखा, “कांग्रेस भारत बनाने वाले इन कामगारों को मज़बूत बनाना चाहती है और भाजपा उन्हें मुट्ठी भर ताकतवर लोगों का गुलाम। भारत जोड़ो न्याय यात्रा इन श्रमिकों की आवाज़ बन, उन्हें उनका हक़ और न्याय दिलाने का माध्यम है।”
कांग्रेस नेता राहुल गांधी झारखंड में भारत जोड़ो न्याय यात्रा के चौथे दिन सोमवार की सुबह 8 बजे महात्मा गांधी चौक रामगढ़ से आगे बढ़े। इससे पहले रविवार को धनबाद जिले में एक रोड शो के दौरान उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ‘जल-जंगल-जमीन’ पर आदिवासियों के अधिकारों के लिए खड़ी है।
शनिवार को जिले के टुंडी इलाके में रात्रि विश्राम के बाद, झारखंड में उनकी यात्रा के तीसरे दिन रविवार को धनबाद शहर के गोविंदपुर से यात्रा फिर से शुरू हुई। गांधी ने कहा, यात्रा का मुख्य उद्देश्य सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों को निजी संस्थाओं को बेचे जाने से बचाना और देश के बेरोजगार युवाओं और आदिवासियों के लिए न्याय सुनिश्चित करना है।