Bharat Jodo Nyay Yatra: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी लगातार कांग्रेस और सीपीआई (एम) पर हमला कर रही हैं, लेकिन इसी बीच इंडिया ब्लॉक के सहयोगी दल सीपीआईएम के कार्यकर्ता राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में शामिल हुए। कांग्रेस की यह भारत जोड़ो न्याय यात्रा बुधवार को पश्चिम बंगाल में फिर से प्रवेश कर गई।
सीपीआई (एम) के राज्य सचिव मोहम्मद सलीम ने कहा कि ने कहा कि वाम दल आरएसएस-भाजपा और अन्याय के खिलाफ अपनी लड़ाई का हिस्सा बनने के लिए कांग्रेस की यात्रा में शामिल हुई है। सलीम वहीं नेता हैं, जिन्होंने पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजन चक्रवर्ती और अन्य नेताओं के साथ रघुनाथगंज में राहुल से मुलाकात की थी।
‘आरएसएस-बीजेपी के खिलाफ लड़ रहे हैं’
उन्होंने कहा, ‘हम आरएसएस-भाजपा के खिलाफ लड़ रहे हैं। आरएसएस-बीजेपी से मुकाबले के लिए राहुल गांधी भी भारत जोड़ो न्याय यात्रा लेकर निकले। हम भारत में लोकतंत्र को बचाने के लिए लड़ रहे हैं। हम इस यात्रा को लेकर अपनी एकजुटता दिखाने के लिए यहां आए हैं।’ सलीम का यह बयान राहुल गांधी के साथ लगभग 45 मिनट की बैठक के बाद सामने आया।
यह दावा करते हुए कि टीएमसी विपक्षी इंडिया ब्लॉक ट्रेन से उतरने लिए तैयार (इंडिया गठबंधन से बाहर निकलने के लिए) थी। सलीम ने कहा कि बहुत सारे लोग प्रारंभिक स्टेशन से ट्रेन में चढ़े, लेकिन कोई यह नहीं कह सकता कि कौन भाजपा के खिलाफ लड़ाई का हिस्सा बना रहेगा और कौन रास्ते में उतरेगा। ममता बनर्जी अब ट्रेन से उतरना चाहती हैं और हम इसका स्वागत करते हैं।
‘देश इस वक्त न्याय और अन्याय के बीच बंटा है’
टीएमसी प्रमुख पर यह आरोप लगाने के लिए कि सीपीआई (एम) विपक्षी गुट के एजेंडे को नियंत्रित करने की कोशिश कर रही है। इस पर हमला करते हुए सलीम ने कहा कि कांग्रेस एक बहुत बड़ी अखिल भारतीय पार्टी है। क्या सीपीआई (एम) के पास इतनी ताकत है? लेकिन फिर भी वह कह रही हैं कि सीपीआई (एम) कांग्रेस को नियंत्रित कर रही है। उन्होंने आगे कहा कि देश इस समय न्याय और अन्याय के बीच बंटा हुआ है। हम अन्याय के खिलाफ इस लड़ाई में शामिल होने आये हैं।
‘केंद्रीय एजेंसियों को गलत प्रयोग हो रहा’
मोहम्मद सलीम कहा कि असली लड़ाई नौकरियों और किसानों की समस्याओं के लिए है, लेकिन कुछ पार्टियां धर्म पर राजनीति कर रही हैं। उन्होंने कहा कि 2024 भारत के लिए यह तय करने के लिए संघर्ष का वर्ष है कि देश में संघीय ढांचा, धर्मनिरपेक्षता, संसदीय लोकतंत्र बना रहेगा या नहीं। युद्ध की रेखाएं खींची जा चुकी हैं… हम जो धर्मनिरपेक्षता और संघीय ढांचे में विश्वास करते हैं, संसदीय लोकतंत्र को बचाने के लिए एक तरफ हैं। दूसरी तरफ, भाजपा एनडीए की ताकत बढ़ाने के लिए केंद्रीय एजेंसियों और भ्रष्टाचार के मामलों का इस्तेमाल कर रही है।’
यह दावा करते हुए कि यात्रा को असम और पश्चिम बंगाल से गुजरते समय बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। सलीम ने कहा, “हम ऐसी बाधाओं की निंदा करते हैं क्योंकि यह हमारी राजनीतिक संस्कृति नहीं है।”
बैठक में सीपीआई (एम) के मुर्शिदाबाद जिला सचिव जमीर मोल्ला और सीपीआई (एम) राज्य समिति के सदस्य शतरूप घोष भी उपस्थित थे। घोष बुधवार को मालदा जिले के देबीपुर में यात्रा में शामिल हुए थे। बंगाल में राहुल गांधी की यात्रा के पहले चरण के दौरान, जिबेश सरकार जैसे सीपीआई (एम) नेता सिलीगुड़ी में राहुल के साथ चले।
एक वरिष्ठ वामपंथी नेता ने कहा कि बैठक बहुत सौहार्दपूर्ण माहौल में हुई। हम बहुत आशावादी हैं। राहुल गांधी की यात्रा के दौरान जो टीएमसी ने किया, उन्होंने उस पर नाराजगी जताई। वामपंथी नेता ने कहा कि असम में जो हुआ वह अपेक्षित था, लेकिन बंगाल में जो हुआ वह उम्मीद से परे था।
गुरुवार को यह राहुल गांधी का भारत जोड़ो न्याय यात्रा मालदा जिले के सुजापुर से शुरू हुई, जहां से दिग्गज कांग्रेस नेता दिवंगत एबीए गनी खान चौधरी निर्वाचित होते थे। चौधरी पहली बार 1967 में सुजापुर से विधायक चुने गए। बाद में वह सांसद और केंद्रीय रेल मंत्री बने। 2021 में कांग्रेस पहली बार सुजापुर टीएमसी से हार गई।
यात्रा के फरक्का से मुर्शिदाबाद जिले में प्रवेश करते ही हजारों लोग राहुल का स्वागत करने के लिए सड़क पर खड़े थे। यह यात्रा राज्य कांग्रेस इकाई के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी के लोकसभा क्षेत्र बरहामपुर तक पहुंचने के लिए 100 किमी से अधिक की यात्रा की। पूरे रास्ते में राहुल, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे के बड़े-बड़े कटआउट लगे हुए थे।
य़ात्रा को 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर दूरी तय करनी
बता दें, कांग्रेस की भारत जोड़ो न्याय यात्रा 14 जनवरी को मणिपुर में शुरू हुई थी। इस यात्रा को 67 दिनों में 6,713 किलोमीटर की दूरी तय करनी है। यह यात्रा देश के 15 राज्यों के 110 जिलों से गुजरते हुए 20 मार्च को मुंबई में समाप्त होगी। अब तक पश्चिम बंगाल के छह जिलों में 523 किमी की दूरी तय करते हुए यात्रा दार्जिलिंग, जलपाईगुड़ी, अलीपुरद्वार और उत्तर दिनाजपुर से होकर गुजरी है, जबकि मालदा और मुर्शिदाबाद दूसरे चरण में हैं।