Bharat Bandh 8th January 2020, Nationwide Union Trade Bank Strike News Updates: केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ दस मजदूर संगठनों के सदस्य बुधवार को देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न क्षेत्रीय महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। इसका असर बैंकिंग सेवाओं पर भी पड़ा है।
केंद्रीय यूनियनों में INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC समेत अन्य शामिल हैं। वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई है। उत्तरी 24 परगना के ह्रदयापुर स्टेशक के समीप रेल ट्रैक पर पुलिस ने चार क्रूड बम बरामद किए हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने ‘‘भारत बंद’’ का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने का आरोप लगाया।
सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हल्का-फुल्का असर दिखा। शुरुआती घंटों में जनजीवन सामान्य रहा। राजधानी की प्रमुख सड़कों पर यातायात सामान्य रहा और दुकानें एवं प्रतिष्ठान अपने नियत समय पर ही खुले।ज्यादातर विद्यालय, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ कार्यालयों में लोगों की उपस्थिति आम दिन की तरह ही रही। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने बुधवार को सरकार की नीतियों के खिलाफ एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के निजीकरण तथा कुछ अन्य मांगों को लेकर श्रमिक संगठनों के ऐलान पर बुधवार को आयोजित राष्ट्रव्यापी बंद का बिहार में मिलाजुला असर रहा। राजधानी पटना की सड़कों से ऑटोरिक्शा गायब रहे जिससे लोगों को परेशानी हुई। पटना ऑटोमेंस एसोशियेसन के अध्यक्ष अजय पटेल ने कहा ‘‘हम केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा आहूत हड़ताल के समर्थन में हैं। हम राज्य सरकार द्वारा डीजल वाहनों पर लगाये गये प्रतिबंध को तुरंत हटाने की विभिन्न संगठनों की मांग का समर्थन करते हैं’’।बिहार की नीतीश कुमार सरकार ने सीएनजी रूपांतरण के लिए वाहन मालिकों को सब्सिडी प्रदान करते हुए इस साल 31 जनवरी से बढते प्रदूषण के उपाय के तौर पर डीजल से चलने वाले ऑटोरिक्शा पर प्रतिबंध लगाने का फैसला किया है। ऑल इंडिया ट्रांसपोर्ट वर्कर्स फेडरेशन के महासचिव राज कुमार झा ने कहा कि हड़ताल के समर्थन में केवल ऑटोरिक्शा संघ ही नहीं बल्कि बसों, ट्रकों, लॉरी के अलावा गैरेज में काम करने वाले भी शामिल हैं।
केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के ''भारत बंद'' के ऐलान का बुधवार को राजस्थान में मिला जुला असर देखने को मिला जहां बैंंिकग व वित्तीय सेवाओं पर इसका ज्यादा असर रहा।
ट्रेड यूनियन कर्मचारियों के शामिल होने के कारण इस बंद से विशेषकर सीकर, गंगानगर व हनुमानगढ़ में रोडवेज बसों का परिचालन प्रभावित हुआ।
बंद के दौरान राज्य से किसी अप्रिय घटना का समाचार नहीं है।राजस्थान प्रदेश बैंक कर्मचारी संगठन के महासचिव महेश मिश्रा ने कहा,''बंद के कारण बैंंकिंग परिचालन में 10000 करोड़ रुपये का कारोबार प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से प्रभावित हुआ। राज्य में ज्यादातर बैंक कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हुए।'' उन्होंने दावा किया कि राज्य में कुल मिलाकर लगभग 25000 बैंक कर्मचारी हैं जिनमें से लगभग 20000 इस आंदोलन में शामिल रहे।बैंकों के अलावा एलआईसी के कर्मचारियों ने भी इस बंद के समर्थन में जयपुर व अन्य जिलों में राजग सरकार की नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन किया।
सरकार की ‘‘जन-विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल के दौरान गोवा में जनजीवन प्रभावित रहा।
‘गोवा कन्वेंशन ऑफ वर्कर्स’ के बैनर तले विभिन्न मजूदर संगठनों ने पणजी के आजाद मैदान में एक जनसभा की।राष्ट्रीयकृत सहित अधिकांश बैंक सामान्य रूप से काम कर रहे हैं, जबकि कुछ निजी उद्योगों में बंद का असर दिखा।
एटक महासचिव क्रिस्टोफर फोंसेका ने आजाद मैदान में मौजूद करीब 2000 लोगों को संबोधित करते हुए कर्मचारयों से ‘‘ केन्द्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों’’ के खिलाफ प्रदर्शन करने की अपील की।उन्होंने कहा कि पूंजीवाद समर्थक केंद्र की नीतियों ने ‘‘ मजदूर वर्ग की कमर तोड़ दी है।’’ गौरतलब है कि मोदी सरकार की नीतियों के खिलाफ 10 मजदूर संगठनों ने बुधवार को भारत बंद के रूप में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान है। इनका दावा है भारत बंद में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे।
इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों - एटक, इंटक, सीटू, एक्टू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं।
मुद्रास्फीति, बेरोजगारी और भाजपा नेतृत्व वाली सरकार की ‘‘जनविरोधी नीतियों’’ के विरोध में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई देशव्यापी हड़ताल का कर्नाटक के विभिन्न हिस्सों जनजीवन पर कोई असर नहीं पड़ा।कर्नाटक राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) सहित सरकारी बस सेवाओं और ट्रेन सेवाओं पर इसका कोई असर नहीं दिखा।स्कूल, कॉलेज और व्यापारिक प्रतिष्ठान भी खुले।कृषि उपज विपणन समिति के यार्ड में इसका कुछ असर देखने को मिला जहां कर्मचारी काम करने नहीं पहुंचे।मंगलुरु में केरल राज्य सड़क परिवहन निगम की अंतरराज्यीय सेवाएं निलंबित है।एआईटीयूसी कार्याल के पदाधिकारी विजय भास्कर के अनुसार बंगलुरु में टाउन हॉल से फ्रीडम पार्क तक रैली निकाली जाएगी। राज्य के कई हिस्सों में प्रदर्शन और मार्च भी निकाले गए।
सरकार की नीतियों के खिलाफ ट्रेड यूनियनों द्वारा बुधवार को बुलाई गई राष्ट्रव्यापी हड़ताल का उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में हल्का-फुल्का असर दिखा। शुरुआती घंटों में जनजीवन सामान्य रहा। राजधानी की प्रमुख सड़कों पर यातायात सामान्य रहा और दुकानें एवं प्रतिष्ठान अपने नियत समय पर ही खुले।ज्यादातर विद्यालय, कॉलेज और अन्य शिक्षण संस्थानों के साथ-साथ कार्यालयों में लोगों की उपस्थिति आम दिन की तरह ही रही। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने बुधवार को सरकार की नीतियों के खिलाफ एकदिवसीय देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है।
दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के नॉर्थ कैंपस में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (NRC) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन। दस ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाए गए भारत बंद के समर्थन में यह छात्र सड़कों पर उतरे हैं।

सरकार की "जन-विरोधी" नीतियों के खिलाफ मजदूर संगठनों की ओर से बुलाई गई हड़ताल में बुधवार को पंजाब और हरियाणा में सार्वजनिक बैंकों, परिवहन विभाग, डाक घर और किसानों के कई संगठनों ने हिस्सा लिया। सरकारी बैंकों के कर्मचारियों के हड़ताल में हिस्सा लेने से पंजाब और हरियाणा में बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा है। ट्रेड यूनियन र्किमयों ने पंजाब में लुधियाना, जालंधर और बठिंडा समेत कई जगहों पर विरोध प्रदर्शन किया और अपनी मांगों के समर्थन में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। जालंधर में ट्रेड यूनियन र्किमयों द्वारा कारखाने में काम करने वाले कुछ लोगों को काम पर जाने से रोकने की खबर है। पंजाब में लुधियाना समेत कुछ जगहों पर सार्वजनिक परिवहन सेवा प्रभावित हुई है।
केंद्र की ‘‘जनविरोधी नीतियों’’ के खिलाफ ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल के कारण बुधवार को असम में आम जनजीवन प्रभावित रहा और सड़कों से वाहन नदारद रहे तथा दुकानें भी बंद रहीं। दुकानें और बाजार बंद रहे, लेकिन दवा की दुकानें खुली रहीं। शैक्षणिक संस्थान खासकर स्कूल बंद रहे। कॉलेजों एवं उच्च शिक्षण संस्थानों में पूर्वनिर्धारित परीक्षाएं सामान्य तरीके से आयोजित हुईं।
अधिकतर निजी कार्यालय बंद रहे लेकिन राज्य सरकार के कार्यालय खुले रहे। हड़ताल के दौरान सरकारी दफ्तरों में कामकाज सामान्य रूप से चले इसे सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार ने मंडल आयुक्तों और जिला उपायुक्तों को मंगलवार को दिशानिर्देश जारी किए था और वेतन कटौती एवं अन्य कार्रवाई की चेतावनी भी दी थी। समूचे राज्य में अधिकतर बैंक बंद रहे।
देशव्यापी हड़ताल में बैंक कर्मचारियों के शामिल होने से बुधवार को बैंकिंग सेवाओं पर असर पड़ा। हड़ताल की वजह से देश में कई जगहों पर सार्वजनिक बैंकों की शाखाओं में नकदी जमा करने और निकालने समेत अन्य गतिविधियां प्रभावित रहीं। ज्यादातर बैंक पहले ही अपने ग्राहकों को हड़ताल और उससे बैंकिंग सेवाओं पर पड़ने वाले असर के बारे में ग्राहकों को बता चुके हैं। बैंक कर्मचारियों के सगठनों एआईबीईए, एआईबीओए, बीईएफआई, आईएनबीईएफ, आईएनबीओसी और बैंक कर्मचारी सेना महासंघ ने हड़ताल का समर्थन करने और इसमें भाग लेने की इच्छा जाहिर की थी। अखिल भारतीय बैंक कर्मचारी संघ (एआईबीईए) के महासचिव सीएच वेंकटचलम ने पीटीआई को बताया कि बैंक कर्मचारियों ने 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के राष्ट्रव्यापी हड़ताल के आह्वान का समर्थन किया है। उन्होंने कहा, "हमने बैंक विलय, निजीकरण, शुल्क वृद्धि और वेतन से जुड़े अन्य मुद्दों को लेकर सरकार की नीतियों का विरोध किया है।" ऑल इंडिया रिजर्व बैंक एंप्लॉयज एसोसिएशन (एआईआरबीईए) और ऑल इंडिया रिजर्व बैंक वर्कर्स फेडरेशन (एआईआरबीडब्ल्यूएफ) और कुछ बीमा यूनियनों ने भी हड़ताल का समर्थन किया है।
हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। कई स्थानों से हिंसा की छिटपुट घटनाएं भी सामने आई हैं। प्रदर्शनकारियों ने राज्य के कई स्थानों पर रेल एवं सड़क यातायात बाधित किया, जिससे सामान्य जनजीवन प्रभावित हुआ। पूर्वी बर्दवान जिले में विभिन्न स्थानों पर जलते हुए टायर डाले गए और सड़कें बाधित की गई। इसके अलावा रेलवे पटरियों को भी अवरुद्ध किया गया जिससे रेल यातायात बाधित हुआ।
पूर्वी मिदनापुर जिले में बसों पर पथराव किया गया। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने का प्रयास किया जिसके बाद झड़प शुरू हो गई और इसके बाद कई प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने बताया कि दमदम तथा लेक टाउन इलाकों में वाम समर्थकों और तृणमूल समर्थकों में झड़प हुई। हालात पर काबू पाने के लिए भारी पुलिस बल को घटनास्थल पर भेजा गया। उन्होंने बताया कि उत्तरी 24 परगना जिले के बारासात इलाके में सड़कों पर देसी बम मिले।
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ दस मजदूर संगठनों के सदस्य बुधवार को देशव्यापी हड़ताल पर चले गए हैं। आल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने कहा कि इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों के साथ विभिन्न क्षेत्रीय महासंघ भी हिस्सा ले रहे हैं। केंद्रीय यूनियनों में एटक, इंटक, सीटू, एआईसीसीटीयू, सेवा, एलपीएफ समेत अन्य शामिल हैं। उन्होंने पीटीआई को बताया, "हम महंगाई, सार्वजनिक कंपनियों की बिक्री, रेलवे, रक्षा, कोयला समेत अन्य क्षेत्रों में 100 प्रतिशत एफडीआई और 44 श्रम कानूनों को संहिताबद्ध करने (श्रम संहिता) के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं। हमारी अन्य मांगों में सभी के लिए 6000 रुपये न्यूनतम पेंशन, किसानों के लिए न्यूनतम समर्थम मूल्य (एमएसपी) और लोगों को राशन की पर्याप्त आपूर्ति शामिल हैं।" उन्होंने कहा कि दिल्ली में बारिश आंदोलन पर असर नहीं डाल सकी है। श्रमिक राज्य के औद्योगिक क्षेत्रों में जुलूस निकालेंगे और योजना के मुताबिक, कर्मचारी आईटीओ पर एकत्र होंगे और फिर यहां से जुलूस निकालेंगे।
केंद्र सरकार की ‘‘जन-विरोधी’’ नीतियों के खिलाफ बुधवार को आहूत एक दिन की हड़ताल के समर्थन में मजदूर संगठनों के साथ ही वामपंथी दलों और कांग्रेस समर्थकों के प्रदर्शनों के चलते पश्चिम बंगाल के कई हिस्सों में सड़क और रेल यातायात बाधित हुआ। वहीं उत्तरी 24 परगना के ह्रदयापुर स्टेशक के समीप रेल ट्रैक पर पुलिस ने चार क्रूड बम बरामद किए हैं। हड़ताल समर्थकों ने राज्य के कुछ हिस्सों में रैलियां निकालीं और उत्तर 24 परगना जिले में सड़कों और रेलवे पटरियों को अवरुद्ध कर दिया। हालांकि, पुलिस ने तत्काल वाहनों की आवाजाही सुनिश्चित करने के लिए उन्हें हटा दिया। कोलकाता में सरकारी बसें सामान्य रूप से चल रही हैं, लेकिन शुरुआती घंटों में निजी बसों की संख्या कम थी। इस दौरान शहर में मेट्रो सेवाएं सामान्य थीं और सड़कों पर ऑटो-रिक्शा तथा टैक्सियां भी चल रही थीं।शहर के कई इलाकों में भारी पुलिस तैनाती देखी गई है।
10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने दावा किया है कि आठ जनवरी को राष्ट्रव्यापी हड़ताल में 25 करोड़ लोग शामिल होंगे। एक कार्यालय ज्ञापन में कहा गया है, ‘‘कोई भी कर्मचारी यदि हड़ताल पर जाता है तो उसे इसका नतीजा भुगतना होगा। उसका वेतन काटने के अलावा उसके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की जा सकती है।’’
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने बुधवार को विभिन्न श्रमिक संगठनों की ओर से बुलाये गये ‘‘भारत बंद’’ का समर्थन करते हुए नरेंद्र मोदी सरकार पर सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों (पीएसयू) को कमजोर करने का आरोप लगाया। उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘‘मोदी-शाह सरकार की जनविरोधी, श्रमिक विरोधी नीतियों ने भयावह बेरोजगारी पैदा की है और सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों को कमजोर किया जा रहा है, ताकि इन्हें मोदी के पूंजीपति मित्रों को बेचने को सही ठहराया जा सके।’’ गांधी ने कहा, ‘‘आज 25 करोड़ कामगारों ने इसके विरोध में भारत बंद बुलाया है। मैं उन्हें सलाम करता हूं।’’
बैंकिंग सेवा जैसे जमा, निकासी, चेक क्लियरिंग और इंस्ट्रूमेंट इश्युएंस आदि सर्विसेज प्रभावित हो रहे हैं। विभिन्न बैंक इस बाबत पहले ही स्टॉक एक्सचेंजों को सूचना दे चुके हैं। यही नहीं, छात्रों के 60 संगठनों के साथ कुछ विश्वविद्यालयों ने भी इस बंद के समर्थन में आए हैं। 175 किसानों से अधिक का संयुक्त मंच भी इस बंद का समर्थन कर रहा है।
सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों से कहा है कि वे अपने कर्मचारियों को आठ जनवरी की प्रस्तावित हड़ताल से दूर रहने को कहें। दस केंद्रीय ट्रेड यूनियनों ने बुधवार को ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। सरकार ने सार्वजनिक उपक्रमों से इसके साथ ही कामकाज के सुचारू तरीके से संचालन को आपात योजना भी तैयार करने की सलाह दी है।
मुंबई में भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड के कर्मचारियों ने भारत पेट्रोलियम के रणनीतिक विनिवेश के सरकार के फैसले का विरोध किया है।
उत्तर बंगाल राज्य परिवहन निगम (एनएसबीएसटीसी) के बस चालक ने विरोध प्रदर्शन के मद्देनजर #BharatBandh के दौरान एक हेलमेट पहन रखा है। इस बंद को 'केंद्र सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों' के खिलाफ दस ट्रेड यूनियनों ने बुलाया है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली NDA सरकार की 'जनता विरोधी' राजनीति के खिलाफ प्रदर्शन के लिए इस राष्ट्रव्यापी हड़ताल को बुलाया गया है। इसका असर पूरे देश में दिखने की संभावना है। पूरे देश में इस दौरान बैंकिंग, परिवहन और अन्य सेवाओं पर इसका असर दिखना शुरू हो गया है।
राष्ट्रव्यापी हड़ताल का असर पश्चिम बंगाल में दिखना शुरू हो गया है। प्रदर्शनकारियों ने हावड़ा में रेल ट्रैक को बाधित कर दिया है। कई ट्रेनें विभिन्न जगहों पर रोक दी गईं हैं।
INTUC, AITUC, HMS, CITU, AIUTUC, TUCC, SEWA, AICCTU, LPF, UTUC सरीखे 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों समेत विभिन्न स्वतंत्र महासंघों और संस्थाओं द्वारा देश भर में आज (आठ जनवरी, 2020) बंद का आह्वान किया गया है।