केंद्र सरकार की अग्निपथ योजना को लेकर देशभर में विरोध-प्रदर्शन जारी है। विपक्षी पार्टियों ने अग्निपथ योजना का विरोध कर रही है। वहीं बीजेपी अग्निपथ योजना की खूबियां गिना रही है। इन सबके बीच आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने कहा कि दुनिया भर में, यहां तक की स्विट्ज़रलैंड व सिंगापुर जैसे छोटे देशों में भी, एक से दो वर्ष सेना में सर्विस देना अनिवार्य है। इनकी तुलना में भारत की नयी सैन्य सेवा योजना अति उत्तम है। इसके बाद यूजर्स ने सवाल किया कि कैसे विश्वास करें, यूपी के तड़पते शिक्षामित्र इसका उदाहरण हैं।
आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी सेना में भर्ती की नई योजना अग्निपथ को युवाओं के लिए बेहतरीन बताया है। रविशंकर ने ट्वीट करते हुए लिखा- ”दुनिया भर में, यहाँ तक कि स्विट्ज़रलैंड और सिंगापुर जैसे छोटे देशों में भी, एक से दो वर्ष सेना में सर्विस देना अनिवार्य है। इनकी तुलना में भारत की अग्निवीर जैसी सैन्य सेवा योजना अति उत्तम है।
रविशंकर ने आगे लिखा- ‘देश की रक्षा के लिए समर्पित और त्याग के मनोभाव से निकले हुए युवाओं के लिए यह एक सुअवसर है। बहकावे में न आएं, इसे ठीक ठीक समझें और मिलने वाली सुविधाओं और प्रक्षिशण से स्व तथा राष्ट्र का हित करें!”
वहीं इससे पहले बाबा रामदेव की भी प्रतिक्रिया सामने आई थी। जिसमें उन्होंने अग्निपथ योजना का विरोध कर रहे लोगों को देशद्रोही तक करार दिया है। केंद्र सरकार की स्कीम अग्निपथ के समर्थन में बाबा रामदेव ने कहा कि ऐसे लोग गांधी के अहिंसा मार्ग वाले देश के नागरिक नहीं हैं। ये राष्ट्रविरोधी हैं, क्योंकि ये हमारी राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं। उन्होंने गुजरात में कहा था कि अग्निवीर तैयार करने की स्कीम सरकार ने सोच समझकर तैयार की है। इससे सेना और देश दोनों का भला होगा। उनका कहना था कि स्कीम का विरोध क्यों हो रहा है ये बात वो नहीं समझ पा रहे हैं। उनका कहना था कि हिंसा और प्रदर्शन तत्काल प्रभाव से रुकना चाहिए।
श्री श्री रविशंकर के ट्वीट के बाद यूजर ने कई तरह के कमेंट किए हैं। धर्मेंद्र गोस्वामी (@Dharmen22037081) नाम के यूजर ने लिखा- उत्तर प्रदेश के तड़पते शिक्षा मित्रों, अब तक लगभग 8000 निर्दोष शिक्षामित्रों की मौतें हो चुकी हैं। सरकार का और आप सभी प्रबुद्ध लोगोंका ध्यानआकर्षित कराना चाहते हैं। ये सभी इसी देश के निवासी हैं कृपया इनके परिवार व बच्चों के भविष्य की रक्षा कीजिए। उत्तम मिश्रा नाम के एक अन्य यूजर ने लिखा- स्विजरलैंड और सिंगापुर कि नकल करने से पहले वैसे बन जाते फिर बदलाव करते।