Bharat Bandh Today, Bharat Band on 08th January 2019 Updates: उत्तरी कर्नाटक के मुंडागोड इलाके में भारत बंद हड़ताल के दौरान एक महिला आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत हो गई है। भारत बंद हड़ताल को 10 केंद्रीय श्रम संघों का समर्थन है। इनमें एटक , इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा,एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं। बताया जा रहा है कि भारत बंद हड़ताल में देशभर से करीब 20 करोड़ लोग शामिल हो रहे हैं। हड़ताल में शामिल ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई से कहा कि , ‘‘असम, मेघालय, कर्नाटक, मणिपुर, बिहार, झारखंड, गोवा, राजस्थान, पंजाब , छत्तीसगढ़ और हरियाणा में- खास कर औद्योगिक इलाकों में हड़ताल का काफी असर दिख रहा है।’’ भारत बंद के चलते मुंबई में यातायात व्यवस्था बुरी तरह से प्रभावित हुई है। मुंबई की बस सर्विस बेस्ट ने भी भारत बंद हड़ताल का समर्थन किया है। आसनसोल में टीएमसी और सीपीएम कार्यकर्ताओं के भिड़ंत भी हुई थी।
बता दें कि 10 केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के आह्वान पर दो दिवसीय भारत बंद बुलाया गया है। यह प्रदर्शन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार की कथित तानाशाही नीतियों के खिलाफ है। हड़ताल में शामिल यूनियनों का आरोप है कि सरकार उनकी न्यूनतम मजदूरी, सामाजिक सुरक्षा, कामगारों के स्तर तथा निजीकरण से रक्षा संबंधी मांगों को अनसुना कर रही है। ऑल इंडिया किसान सभा और भूमि अधिकार आंदोलन जैसे संगठनों ने भी बंद का समर्थन करते हुए ‘ग्रामीण हड़ताल’, रेल रोको और रोड रोको जैसे प्रयासों का फैसला किया है। भारत बंद हड़ताल के चलते कई इलाकों में आम जन-जीवन को आज और कल काफी परेशानी झेलनी पड़ सकती है।
हड़ताल को देखते हुए देश के कई राज्यों में मजदूर संगठनों ने प्रदर्शन किया है और कामकाज प्रभावित हुआ है। श्रमिक संघों ने दावा किया है कि 20 करोड़ कर्मचारी इस हड़ताल में शामिल हैं। सीटू, एटक, इंटक जैसे 10 केंद्रीय श्रमिक संगठन इसे अपना समर्थन दे रहे हैं। हड़ताल की वजह से देश के कई राज्यों में श्रमिक संगठन प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान कई जगहों से झड़प की भी खबरें सामने आई हैं।
केरल के कोच्चि और त्रिवेंद्रम में भी केंद्रीय श्रमिक संगठनों के सदस्यों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। केरल में हड़ताल के दौरान तिरुवनंतपुरम, शोरनुर और अन्य रेलवे स्टेशनों पर ट्रेनों को रोका गया। बसें और ऑटो रिक्शा के सड़कों से नदारद रहने के कारण सामान्य जनजीवन प्रभावित रहा। सबरीमला मंदिर के श्रद्धालु हड़ताल से प्रभावित ना हों, इसलिए केरल राज्य सड़क परिवहन निगम (केएसआरटीसी) विभिन्न स्थानों से पम्बा के लिए बसें चला रही है। हालांकि, केएसआरटीसी की बसें अन्य मार्गों पर नहीं चल रही हैं। राज्य में कई स्थानों पर दुकानें खुली रहीं।
ट्रेड यूनियनों की देशव्यापी हड़ताल के चलते मंगलवार को जिले में सरकारी बैंक कर्मियों ने काम नहीं किया। बैंकों के सामने हड़ताल का बोर्ड लटका दिया गया है। वहीं, दूरसंचार कर्मियों ने कार्य बहिष्कार किया है। इसी के साथ अपनी पांच मांगों को लेकर विद्युत वितरण निगम के कर्मचारी भी कार्य बहिष्कार पर चले गए हैं।
केंद्र सरकार की नीतियों के खिलाफ हड़ताल में शामिल विभिन्न यूनियनों ने बुधवार को राजधानी में मंडी हाउस से संसद की ओर विरोध रैली निकालने की घोषणा की है। उनका कहना है कि देश में अन्य स्थानों में भी जुलूस निकाले जाएंगे।
भारत बंद का असर जिन राज्यों में दिखा उनमे - केरल, कर्नाटक, गोवा, बिहार, झारखंड, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पंजाब, हरियाणा, असम, मेघालय और मणिपुर शामिल हैं।
भारत बंद के दौरान पश्चिम बंगाल में कई स्थानों पर उग्र प्रदर्शनकारियों और पुलिस की झड़प हुई। आसनसोल में सीपीएम और तृणमूल कार्यकर्ता आपस में भिड़ गए तो 24 परगना जिले में बारासात के चंपाडाली इलाके में एक स्कूल बस पर पथराव किया गया और सरकारी बस में भी तोड़फोड़ की गई।
उत्तरी कर्नाटक के मुंडागोड इलाके में भारत बंद हड़ताल के दौरान एक आंगनबाड़ी कार्यकर्ता की मौत की खबर है। मृतक महिला की पहचान 57 वर्षीय संघाई बासवानप्पा चक्रासाली के रुप में हुई है।
नागरिकता संशोधित बिल 2016 के विरोध में असम के गुवाहाटी में उग्र प्रदर्शन। वाहनों को किया आग के हवाले।
नागरिकता संशोधित बिल 2016 को लेकर असम में प्रदर्शन और उग्र हो गया है। प्रदर्शनकारियों की पुलिस संग झड़प हुई है। राष्ट्रीय राजमार्ग को ब्लॉक कर दिया गया है। यहां AASU द्वारा बुलाए बंद में करीब वाहनों को खूब नुकसान पहुंचाया गया।
हड़ताल कर रहीं यूनियनों ने आरोप लगाया है कि सरकार ने श्रमिकों के मुद्दों पर उसकी 12 सूत्री मांगों पर कोई ध्यान नहीं दिया है। उनका यह भी कहना है कि श्रम मामलों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली की अध्यक्षता में गठित मंत्रियों के समूह ने दो सितंबर 2015 के बाद यूनियनों को वार्ता के लिए एक बार भी नहीं बुलाया है।
भारत बंद का समर्थन कर रहीं यूनियनों ने हड़ताल के दूसरे दिन यानि कि बुधवार को राजधानी में मंडी हाउस से संसद की ओर विरोध रैली निकालने की घोषणा की है। उनका कहना है कि देश में अन्य स्थानों में भी जुलूस निकाले जाएंगे।
इन यूनियनों का दावा है कि हड़ताल में 20 करोड़ मजदूर शामिल होंगे। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) से जुड़ी मजदूर यूनियन भारतीय मजदूर संघ (बीएमएस) इस हड़ताल में शामिल नहीं है।
एटक नेता के अनुसार रेलर्किमयों ने काले फीते पहन कर अपने अपने कार्यस्थल के बाहर बैठकें कर इस हड़ताल को अपना समर्थन जताया है। इस हड़ताल को 10 केंद्रीय श्रम संघों का समर्थन है। इनमें एटक , इंटक, एचएमएस, सीटू, एआईटीयूसी, टीयूसीसी, सेवा,एआईसीसीटीयू, एलपीएफ और यूटीयूसी शामिल हैं।
कुछ राज्यों में परिवहन विभाग के कर्मचारी और टैक्सी और तिपहिया आटो चालक भी हड़ताल में शामिल हैं। उन्होंने कहा कि भोपाल में परिवहन विभाग पूरी तरह बंद है। हरियाणा राज्य परिवहन निगम के कर्मचारी भी हड़ताल पर हैं।
ऑल इंडिया ट्रेड यूनियन कांग्रेस (एटक) की महासचिव अमरजीत कौर ने पीटीआई से कहा कि , ‘‘असम, मेघालय, कर्नाटक, मणिपुर, बिहार, झारखंड, गोवा, राजस्थान, पंजाब , छत्तीसगढ़ और हरियाणा में, खास कर औद्योगिक इलाकों में हड़ताल का काफी असर दिख रहा है।’’
मुंबई की बेस्ट ने भी भारत बंद का समर्थन करते हुए हड़ताल पर जाने का फैसला किया है। इसके चलते दो दिन मंबई में यातायात बुरी तरह प्रभावित रहेगा। बेस्ट की मांग है कि उनके बजट को बीएमसी के मुख्य बजट के साथ मिलाया जाए। साथ ही बेस्ट के कर्मचारियों को आवास की सुविधा भी मिले।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़े मजदूर संगठन भारतीय मजदूर संघ ने भारत बंद का समर्थन नहीं किया है। बता दें कि देशभर के कई मजदूर संगठन केन्द्र सरकार की नीतियों के खिलाफ 2 दिन हड़ताल कर रहे हैं।
सेंट्रल ट्रेड यूनियन द्वारा बुलायी गई हड़ताल का असर केरल में खूब देखने को मिला है। कोच्चि और त्रिवेंद्रम में यूनियन के सदस्यों ने जगह-जगह प्रदर्शन किए।
पश्चिम बंगाल के आसनसोल में टीएमसी और सीपीएम कार्यकर्ताओं के बीच भारत बंद हड़ताल के दौरान टकराव होने की खबर है। फिलहाल मौके पर पुलिस और सुरक्षा बल स्थिति को संभालने की कोशिशों में जुटे हैं।
बंद के चलते बस, ट्रेन, ऑटो, बाजार और अन्य जगहों पर असर पड़ रहा है, जिससे अरबों रुपए का कारोबार प्रभावित होने की संभावना है।
कोलकाता में प्रदर्शन कर रहे सीपीएम कार्यकर्ताओं को पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। कर्नाटक के हुबली में भी केंद्रीय ट्रेड यूनियन सदस्यों ने प्रदर्शन किया। सेंट्रल ट्रेड यूनियन्स ने दो दिनों की राष्ट्रव्यापी हड़ताल बुलाई है।
हावड़ा में केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के सदस्यों ने रेलवे लाइन ब्लॉक कर दी। विभिन्न मांगों को लेकर 48 घंटे की हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने गुवाहाटी में भी प्रदर्शन किया।
बृहन्मुंबई इलेक्ट्रिसिटी एंड ट्रांसपोर्ट (BEST) की अनिश्चितकालीन हड़ताल भी सोमवार मध्यरात्रि से शुरू हो गई। कर्मचारियों की मांग है कि बीएमसी के मूल बजट में BEST बजट का विलय किया जाएगा। इसके अलावा कर्मचारियों को आवास और भर्ती की मांग भी प्रमुख है।
केरल हाई कोर्ट ने कहा कि पर्याप्त कानून नहीं होने की वजह से हड़ताल लगातार होने वाली एक प्रक्रिया बन गई है। इस तरह से अचानक बुलाई जाने वाली हड़ताल की वजह से राज्य की आर्थिक स्थिति सहित देश के पर्यटन क्षेत्र पर असर पड़ता है। पीठ ने कहा कि हालांकि विरोध जताने का अधिकार है लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि इससे नागरिकों के मौलिक अधिकार प्रभावित हों। अदालत ने सरकार को तीन सप्ताह के भीतर जवाबी हलफनामा दायर करने के लिए कहा है।
केरल उच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा कि राज्य में सात दिन पहले बिना नोटिस दिए हुए हड़ताल नहीं बुलाई जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश ऋषिकेश रॉय और न्यायमूर्ति ए. के. जयशंकरण नांबियार की एक खंडपीठ ने अचानक से हड़ताल बुलाए जाने की आलोचना की। उन्होंने कहा कि अगर पहले से नोटिस नहीं दी जाती है तो लोग अदालत और सरकार से इस स्थिति से निपटने के लिए प्रयाप्त कदम उठाने के लिए संपर्क कर सकते हैं। अदालत ने कहा कि जो भी राजनीतिक पार्टी, संगठन या व्यक्ति हड़ताल का आह्वान करेगा, वह बंद के दौरान हुए नुकसान और क्षति के लिए भी जिम्मेदार होगा।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने सोमवार को दावा किया कि ट्रेड यूनियनों द्वारा बुलाई गई हड़ताल का राज्य में कोई असर नहीं होगा। बनर्जी ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘ मैं इस पर एक शब्द भी नहीं बोलना चाहती हूं। हमने किसी भी बंद को समर्थन नहीं देने का फैसला किया है। अब बहुत हो गया। पिछले 34 वर्षों में वाम मोर्चे ने बंद का आह्वान कर पूरे राज्य को बर्बाद कर दिया। अब कोई बंद नहीं होगा।'' राज्य सरकार ने घोषणा की है कि वह मंगलवार और बुधवार को अपने कर्मचारियों के आधे दिन की छुट्टी या आकस्मिक अवकाश लेने पर रोक लगाएगी।