बेंगलुरु में भगदड़ में 11 लोगों की मौत के लिए कौन जिम्मेदार है और इस लापरवाही की वजह क्या थी, यह सब तो जांच के बाद ही सामने आएगा। लेकिन कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने अपने सबसे करीबी सहयोगी और पार्टी में राजनीतिक सचिव के. गोविंदराज (K. Govindaraj) को उनके पद से तत्काल प्रभाव से हटा दिया है।

एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, कहा जा रहा है कि मुख्यमंत्री उनके व्यवहार और कार्यक्रम के दौरान लिए गए फैसलों से नाराज हैं। यह घटना बुधवार को एम. चिन्नास्वामी स्टेडियम के बाहर हुई, जहां रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की आईपीएल जीत का जश्न मनाने के लिए हजारों प्रशंसक एकत्र हुए थे। भीड़ इतनी अधिक थी कि उसे नियंत्रित करना मुश्किल हो गया, और इस अफरातफरी में 14 वर्षीय एक लड़की सहित 11 लोगों की जान चली गई।

इस त्रासदी के तुरंत बाद सरकार ने एक आधिकारिक नोटिस जारी कर कहा, “के. गोविंदराज को तत्काल प्रभाव से मुख्यमंत्री के राजनीतिक सचिव के पद से हटाया जाता है।”

गोविंदराज के दोहरे बयानों से सीएम नाराज

दरअसल गोविंदराज ने आरसीबी के जश्न का खुलकर समर्थन किया था, जबकि बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद ने पहले ही इस आयोजन को लेकर चेतावनी दी थी। पुलिस ने विजय परेड और भारी भीड़ जुटाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया था, क्योंकि इससे सुरक्षा को खतरा हो सकता था। बावजूद इसके, भगदड़ से कुछ घंटे पहले मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में गोविंदराज ने जश्न के आयोजन पर जोर दिया।

बाद में, एक अखबार को दिए साक्षात्कार में गोविंदराज ने यह दावा किया कि उन्होंने मुख्यमंत्री को ऐसे किसी कार्यक्रम में शामिल न होने और आयोजन न करने की सलाह दी थी। इस विरोधाभासी बयान से कई लोग भ्रमित हो गए और मुख्यमंत्री नाराज हो गए।

आरोप- दूसरों पर दोष मढ़कर खुद को बचाने में लगे

सूत्रों के अनुसार, “मुख्यमंत्री को लगा कि गोविंदराज दूसरों पर दोष मढ़कर खुद को बचाने की कोशिश कर रहे हैं। इसी से वे खिन्न हो गए।” बाद में गोविंदराज ने सफाई दी कि उनके बयान को अखबार ने गलत तरीके से पेश किया है, लेकिन तब तक नुकसान हो चुका था। अपने राजनीतिक सचिव को हटाने के साथ ही मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने बेंगलुरु के पुलिस आयुक्त बी. दयानंद और अन्य संबंधित अधिकारियों के खिलाफ भी कार्रवाई के संकेत दिए हैं। मामले की गंभीरता को देखते हुए प्रशासन अब पूरी जांच के बाद जिम्मेदारों पर सख्त कदम उठाने की तैयारी में है।

बेंगलुरु भगदड़ मामले में कर्नाटक पुलिस अब तक चार लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है। इनमें आरसीबी के मार्केटिंग प्रमुख निखिल सोसले शामिल हैं, जिन्हें शुक्रवार सुबह बेंगलुरु एयरपोर्ट से पकड़ा गया। सोसले क्रिकेट टीम के सभी प्रचार और सार्वजनिक कार्यक्रमों के प्रमुख समन्वयक हैं। अन्य तीन गिरफ्तार व्यक्ति डीएनए एंटरटेनमेंट प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े हैं, जो आरसीबी के आयोजन का प्रबंधन कर रही थी। इनमें से एक सुनील मैथ्यू हैं, जो कंपनी में उपाध्यक्ष हैं और आईपीएल से जुड़े कार्यक्रमों पर कार्य करते हैं।

इस घटना को लेकर विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया है। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र ने सरकार से सवाल किया कि जब पुलिस ने अनुमति देने से इनकार किया था, तो कार्यक्रम की इजाजत किसने दी? उन्होंने यह भी पूछा कि विधान सौध के बाहर और स्टेडियम में हजारों की भीड़ कैसे जुटने दी गई। विजयेंद्र ने उपमुख्यमंत्री डी.के. शिवकुमार की मौजूदगी पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि अगर कार्यक्रम अधिकृत नहीं था तो वे चिन्नास्वामी स्टेडियम में ट्रॉफी के साथ क्यों दिखाई दिए।

भाजपा ने कांग्रेस सरकार पर कुप्रबंधन और सुरक्षा चेतावनियों की अनदेखी का आरोप लगाया है। यह भगदड़ न केवल प्रशासनिक चूक की ओर इशारा करती है, बल्कि राजनीतिक जवाबदेही पर भी गंभीर प्रश्न खड़े करती है। मुख्यमंत्री ने कार्रवाई शुरू कर दी है, लेकिन जांच अब भी जारी है और आने वाले दिनों में और गिरफ्तारियां व राजनीतिक प्रभाव देखने को मिल सकते हैं।