22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 पर्यटकों की मौत के बाद पर्यटन पर असर दिखने लगा है। खासकर पश्चिम बंगाल के पर्यटक, जो पहले गर्मी की छुट्टियों में कश्मीर जाने की योजना बना रहे थे, अब हिमाचल प्रदेश के शिमला या तमिलनाडु के ऊटी जैसे शांत और सुरक्षित स्थानों की ओर रुख कर रहे हैं। इससे पहलगाम के पर्यटन कारोबार पर असर पड़ा है।

कई पर्यटक नई गाइडलाइंस का इंतजार कर रहे हैं

हालांकि ट्रैवल एजेंटों का कहना है कि जिन लोगों ने पहले से कश्मीर की यात्रा की बुकिंग कर रखी है, उनमें से ज्यादातर लोग अभी उसे रद्द नहीं कर रहे हैं। वे स्थिति का जायजा ले रहे हैं और सरकार से आगे के निर्देशों का इंतजार कर रहे हैं। ट्रैवल एजेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया के पूर्वी भारत प्रतिनिधि अनिल पंजाबी ने बताया, “मई और जून के लिए कश्मीर की कई बुकिंग्स पहले ही हो चुकी हैं। पर्यटक तब तक इंतजार कर रहे हैं जब तक सरकार कोई नई गाइडलाइन नहीं देती।”

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उन्होंने कहा, “हालांकि, जो पर्यटक अब गर्मियों की योजना बना रहे हैं, वे कश्मीर के बजाय शिमला, ऊटी और उत्तराखंड के दूसरे हिल स्टेशनों को प्राथमिकता दे रहे हैं।” कश्मीर जाने के बारे में कोई पूछताछ नहीं कर रहा है और न ही कोई वहां जाने की योजना ही बना रहा है।

पर्यटन विशेषज्ञ दिव्येंदु घोष का कहना है कि अभी तक बहुत ज्यादा रद्दीकरण के अनुरोध नहीं आए हैं। “लोग देख-समझकर फैसला ले रहे हैं। लेकिन जो अभी प्लान बना रहे हैं, वे कश्मीर से दूरी बना रहे हैं।”

वहीं, ग्लोबल टूरिज्म काउंसिल के अध्यक्ष और ट्रैवल एजेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व प्रमुख इकबाल मोल्लाह ने बताया कि इस आतंकी हमले का खासा असर पर्यटन उद्योग पर पड़ा है। “इस बार कश्मीर कई पर्यटकों की पहली पसंद था, खासकर विदेशी पर्यटकों के बीच। अब हमें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है।”