बंगाल का संदेशखाली सुर्खियों में है। महिलाओं ने टीएमसी नेता शाहजहां शेख पर गंभीर आरोप लगाए थे। अब राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (NHRC) ने अपनी जांच रिपोर्ट में भी गंभीर आरोप लगाए हैं। NHRC की रिपोर्ट के अनुसार तृणमूल कांग्रेस (TMC) कार्यालय में महिलाओं के साथ कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार किया गया। इस रिपोर्ट को पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव और डीजीपी को सौंप दिया गया है। साथ ही इसकी एक कॉपी केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) को भेजी गई है।

जांच रिपोर्ट आरोपों पर स्वत: संज्ञान लेने के बाद आयोग ने तैयार की थी। यह पश्चिम बंगाल के गांव के दौरे और कथित पीड़ितों के साथ बातचीत पर आधारित है। वहीं रिपोर्ट आने के बाद टीएमसी ने एनएचआरसी को भाजपा का ‘फ्रंटल संगठन’ करार दिया और कहा कि रिपोर्ट पार्टी कार्यालय में तैयार की गई है। रिपोर्ट में निलंबित टीएमसी नेता शेख शाहजहां के करीबी सहयोगियों शिबू प्रसाद हाजरा, उत्तम सरदार और अमीर अली गाजी को मुख्य आरोपी के रूप में लिस्ट किया गया है। तीनों वर्तमान में गिरफ़्तार हैं।

शाहजहां पहली बार जनवरी की शुरुआत में तब सुर्खियों में आया जब उसके आवास पर तलाशी लेने गई प्रवर्तन निदेशालय (ED) की टीम पर उसके समर्थकों ने हमला कर दिया। उस दौरान वह भाग गया और एक महीने बाद संदेशखाली में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया, जिसमें महिला निवासियों ने आरोप लगाया कि शाहजहां के सहयोगी वर्षों से उनका यौन उत्पीड़न कर रहे थे। महिलाओं ने कहा कि उसका प्रभाव कम हो गया है, इसलिए उन्हें बोलने में आत्मविश्वास महसूस हुआ। 55 दिनों तक भागने के बाद शाहजहां को 29 फरवरी को बंगाल पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद कलकत्ता हाई कोर्ट के निर्देश पर शिकायतों की जांच सीबीआई को सौंप दी गई है।

एनएचआरसी की रिपोर्ट में कहा गया है, “एक महिला ने एनएचआरसी टीम के सामने खुलासा किया कि लगभग एक साल पहले हाजरा और सरदार ने उसके साथ दो-तीन बार बलात्कार किया था। अब भी वह इन आरोपियों के डर और सामाजिक कलंक के कारण पुलिस में बलात्कार की रिपोर्ट करने को तैयार नहीं है। उन्होंने घटना के बारे में अपने पति को बताया, जो पार्टी कार्यालय गए। लेकिन आरोपियों ने उसकी पिटाई कर दी और डर के मारे वह आजीविका कमाने के लिए बेंगलुरु चला गया।”

रिपोर्ट के अनुसार, “एक अन्य महिला ने एनएचआरसी टीम के सामने खुलासा किया कि 2022-2023 की सर्दियों में उसके पति को आरोपियों के सहयोगियों ने जबरदस्ती उठाया था और रात 2 बजे तक ठंड में काम करने के लिए मजबूर किया था। जब वह उसे ढूंढते हुए पार्टी कार्यालय में गई, तो उसे गलत तरीके से छुआ गया। 3-4 दिनों के बाद उसे पार्टी कार्यालय में बुलाया गया और हाजरा और गाजी ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। अगले दिन वह पुलिस स्टेशन गई, जहां उसे आरोपी के पास जाकर समझौता करने की सलाह दी गई। राष्ट्रीय महिला आयोग के आने के बाद वह एक साल से अधिक समय बीतने के बाद आरोपी के खिलाफ अपना मामला दर्ज कराने में सक्षम हुई।”

रिपोर्ट में कहा गया है कि लगभग हर पीड़ित ने एनएचआरसी टीम को बताया है कि पुलिस ने हाजरा, सरदार और उसके सहयोगियों के खिलाफ उनकी शिकायतों का जवाब नहीं दिया। चौंकाने वाली बात यह है कि उन्हें सीधे आरोपी या उनके संरक्षक शाहजहां से संपर्क करने और समझौता करने की सलाह दी गई। इसमें आगे कहा गया है कि आरोपियों द्वारा महिलाओं को ‘पार्टी बैठकों और स्वयं सहायता समूहों की बैठकों के बहाने’ टीएमसी कार्यालय में बुलाया जाता था।

रिपोर्ट में कहा गया है कि महिलाएं टीएमसी नेताओं के डर और सामाजिक कलंक के कारण घटनाओं की रिपोर्ट करने से बचती थीं। इसमें कहा गया, “युवा और अच्छी दिखने वाली महिलाओं को विशेष रूप से टारगेट किया गया था। उन्हें संदेशखाली स्थित टीएमसी कार्यालय के कमरे के अंदर ले जाया गया और उनका यौन शोषण/सामूहिक बलात्कार किया गया। अन्य महिलाएं भोजन बनाने, कार्यालय की सफाई और तालाबों की सफाई आदि जैसे काम में लगी हुई थीं।”

NHRC की रिपोर्ट को लेकर टीएमसी के राज्य महासचिव कुणाल घोष ने इंडियन एक्सप्रेस से कहा, “रिपोर्ट मूल रूप से भाजपा पार्टी कार्यालय में लिखी गई है। ऐसे संगठन अब भाजपा के फ्रंटल संगठन बन गए हैं। हम ऐसी रिपोर्टों पर विश्वास नहीं करते हैं।” वहीं बंगाल की स्वास्थ्य और परिवार कल्याण राज्य मंत्री चंद्रिमा भट्टाचार्य ने कहा कि वह रिपोर्ट बिना देखे कोई टिप्पणी नहीं करेंगी।